Muharram Quotes & Shayari 2025: कुर्बानी, इंसाफ़ और सब्र की जुबानी, अपनों को दें मुहर्रम का शोक संदेश

Muharram Quotes & Shayari 2025: कुर्बानी, इंसाफ़ और सब्र की जुबानी, अपनों को दें मुहर्रम का शोक संदेश

Authored By: Nishant Singh

Published On: Thursday, June 26, 2025

Updated On: Wednesday, June 25, 2025

Muharram Quotes & Shayari 2025

मुहर्रम केवल इस्लामी कैलेंडर की शुरुआत नहीं, बल्कि हक़ और इंसाफ़ के लिए दी गई कुर्बानियों की याद है. इमाम हुसैन (अ.स) की शहादत करबला में हमें यह सिखाती है कि सच की राह पर डटे रहना ही असली बहादुरी है. इस पवित्र महीने में लोग मुहर्रम कोट्स (Muharram Quotes), इमोशनल शायरी (Muharram Shayari), प्रेरणादायक पंक्तियां और कैप्शन्स के ज़रिए अपने भाव प्रकट करते हैं. साल 2025 में मुहर्रम की शुरुआत 27 जून से हो सकती है और आशूरा (10 मुहर्रम) 6 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा. चलिए, इस मुहर्रम अपने शब्दों से अमन और इंसाफ़ का पैग़ाम फैलाएं.

Authored By: Nishant Singh

Updated On: Wednesday, June 25, 2025

इस लेख में:

मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता है, जो न सिर्फ एक नई शुरुआत का प्रतीक है बल्कि बलिदान, सब्र और इंसानियत की मिसाल भी है. खासतौर पर आशूरा (10वां दिन) का दिन इतिहास में बेहद अहम माना जाता है, जब हजरत इमाम हुसैन (अ.स) और उनके साथियों ने करबला के मैदान में सच्चाई और इंसाफ के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी. यही वजह है कि मुहर्रम केवल मातम या शोक का नहीं, बल्कि सबक लेने और आत्मचिंतन का महीना भी है. साल 2025 में मुहर्रम की शुरुआत 27 जून से हो सकती है और आशूरा यानी 10 मुहर्रम 6 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा.

इस पवित्र महीने में लोग अपने जज़्बात को शब्दों के ज़रिए ज़ाहिर करते हैं—चाहे वह दिल को छू लेने वाले कोट्स हों, सोशल मीडिया पर साझा की गई कैप्शन्स, या फिर खास संदेश और शुभकामनाएं. इन शब्दों के माध्यम से हम न सिर्फ मुहर्रम के महत्व को समझते हैं, बल्कि दूसरों तक इसकी भावना को भी पहुंचाते हैं.

Top Quotes on Muharram: मुहर्रम के संदेश जो दिल को छू जाएं

Muharram Quotes & Shayari 2025-

मुहर्रम सिर्फ इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना नहीं, बल्कि बलिदान, धैर्य और सच्चाई की मिसाल है. इमाम हुसैन की कुर्बानी हमें यह सिखाती है कि इंसानियत और न्याय के लिए खड़ा होना कितना जरूरी है. इस मुहर्रम पर हम आपके लिए लाए हैं चुनिंदा Top Quotes on Muharram, जो न केवल आपकी सोच को जागरूक करेंगे, बल्कि आपको आत्मिक शांति और सच्चे मार्ग की ओर भी ले जाएंगे. इन कोट्स को अपनों के साथ शेयर करें और मुहर्रम के संदेश को फैलाएं.

“ज़मीन कांप उठी थी, आसमान रो पड़ा था,
जब हुसैन का क़ाफ़िला कर्बला पहुंचा था.🕋💔🕯️”

“सर कट गया मगर सज़दा ना छोड़ा,
हुसैन ने बता दिया इमां क्या होता है.🕋💔🕯️”

“ख़ामोशी भी कुछ कहती है मुहर्रम में,
हर आह में छुपी होती है कर्बला की सदा.🕋💔🕯️”

“ना था पास कुछ, फिर भी सब कुछ लुटा दिया,
हुसैन ने इस्लाम के लिए सब कुछ बता दिया.🕋💔🕯️”

“कर्बला की रेत पर जो लिखा गया था लहू से,
वो पैग़ाम आज भी इंसानियत को ज़िंदा रखता है.🕋💔🕯️”

Best Caption on Muharram: भावनाओं को छूने वाले मुहर्रम के खास शब्‍द

मुहर्रम का महीना ग़म और सब्र का प्रतीक है, जो हमें इंसाफ़, हिम्मत और बलिदान की गहरी सीख देता है. यह समय है अपने जज़्बातों को शब्दों में ढालने का, ताकि इमाम हुसैन की कुर्बानी को दिल से महसूस किया जा सके. हम आपके लिए लाए हैं कुछ बेहतरीन मुहर्रम कैप्शन्स (Best Caption on Muharram), जो सोशल मीडिया पर आपके पोस्ट को खास बनाएंगे और लोगों के दिलों तक यह पैग़ाम पहुंचाएंगे, कि सच्चाई के रास्ते पर चलना ही असली जीत है

Muharram Quotes & Shayari 2025
  • “क्या जलवा कर्बला में दिखाया हुसैन ने,
    सजदे में जाकर सिर कटाया हुसैन ने,
    नेजे पे सिर था और ज़ुबान पे आयतें,
    कुरान इस तरह सुनाया हुसैन ने.😭📿🕌”
  • “कर्बला की शहादत इस्लाम बना गयी,
    खून तो बहा था लेकिन कुर्बानी हौसलों की उड़ान दिखा गयी.😭📿🕌”
  • “दश्त-ए-बाला को अर्श का जीना बना दिया,
    जंगल को मुहम्मद का मदीना बना दिया,
    हर जर्रे को नज़फ का नगीना बना दिया,
    हुसैन तुमने मरने को जीना बना दिया.😭📿🕌”
  • “ना जाने क्यों मेरी आंखों में आ गए आंसू,
    सिखा रहा था मैं बच्चे को कर्बला लिखना.😭📿🕌”
  • “वो जिसने अपने नाना का वादा वफा कर दिया,
    घर का घर सुपुर्द-ए-खुदा कर दिया,
    नोश कर लिया जिसने शहादत का जाम,
    उस हुसैन इब्न अली को लाखों सलाम.😭📿🕌”

मुहर्रम 2025 Instagram, Facebook & WhatsApp (500×600) Status इन हिंदी

Muharram के इस खास मौके पर हम आपके लिए लेकर आए हैं  बेहतरीन Images जिन्हें आप 500 x 600 रेजोल्यूशन में WhatsApp, Instagram और Facebook पर आसानी से शेयर कर सकते हैं.

Inspirational Lines on Muharram: मुहर्रम की वो प्रेरणादायक बातें जो राह दिखाएं

Muharram Quotes & Shayari 2025

मुहर्रम हमें याद दिलाता है कि सच्चाई के लिए लड़ना आसान नहीं, लेकिन जरूरी होता है. इमाम हुसैन की कुर्बानी हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है जो न्याय, इंसानियत और हिम्मत के रास्ते पर चलना चाहता है. ये पवित्र महीना हमें अंधेरे में उम्मीद की रौशनी बनना सिखाता है. हमने आपके लिए चुनी हैं कुछ प्रेरणादायक पंक्तियां (Inspirational Lines on Muharram), जो न सिर्फ दिल को छू लेंगी, बल्कि आत्मा को भी मजबूत बनाएंगी. इन्हें पढ़ें, अपनाएं और दूसरों तक भी पहुंचाएं.

  • “सिर गैर के आगे न झुकाने वाला
    और नेजे पर भी कुरान सुनाने वाला,
    इस्लाम से क्या पूछते हो कौन है हुसैन,
    हुसैन है इस्लाम को इस्लाम बनाने वाला.🕊️🤲🌙”
  • “यूं ही नहीं जहां में चर्चा हुसैन का,
    कुछ देख के हुआ था जमाना हुसैन का,
    सर दे के जो जहां की हुकूमत खरीद ली,
    महंगा पड़ा याजिद को सौदा हुसैन का.🕊️🤲🌙”
  • “कर्बला की जमीं पर खून बहा,
    कत्लेआम का मंजर सजा,
    दर्द और दुखों से भरा था सारा जहां,
    लेकिन फौलादी हौसले को शहीद का नाम मिला.🕊️🤲🌙”
  • “कर्बला की कहानी में कत्लेआम था,
    लेकिन हौसलों के आगे हर कोई गुलाम था,
    खुदा के बन्दे ने शहीद की कुर्बानी दी,
    इसलिए उसका नाम पैगाम बना.🕊️🤲🌙”
  • “कर्बला की धरती पर, हुसैन का लहू बहा,
    सच्चाई की राह में, उन्होंने शहादत पाया.
    या हुसैन! तेरी शहादत, हमेशा रहेगी याद,
    तेरे ही नक्शे कदम पर, चलेंगे हम सदा.🕊️🤲🌙”

Emotional Shayari on Muharram in Hindi: अश्कों में डूबी मुहर्रम की शायरी

Muharram Quotes & Shayari 2025

मुहर्रम का महीना सिर्फ ग़म का नहीं, बल्कि इमाम हुसैन की अज़ीम कुर्बानी को याद करने का वक़्त है. हर आंसू एक दुआ है, हर सिसकी एक इबादत. इस मौके पर पेश है कुछ जज़्बाती शायरियां (Emotional Shayari on Muharram in Hindi), जो दिल के बेहद करीब हैं और हुसैनी जज़्बे को ज़िंदा रखती हैं.

  • “कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज़ है,
    उस नवासे पर मुहम्मद को नाज़ है,
    यूं तो लाखों सिर झुके सज़दे में लेकिन,
    हुसैन ने वो सज़दा किया जिस पर खुदा को नाज़ है.🌙🕌🕋”
  • “हुसैन तेरी अता का चश्मा दिलों के दामन भिगो रहा है,
    ये आसमान में उदास बादल तेरी मोहब्बत में रो रहा है,
    सबा भी जो गुजरे कर्बला से तो उसे कहता है अर्थ वाला,
    तू धीरे गूजर यहां मेरा हुसैन सो रहा है.🌙🕌🕋”
  • “पानी का तलब हो तो एक काम किया कर,
    कर्बला के नाम पर एक जाम पिया कर,
    दी मुझको हुसैन इब्न अली ने ये नसीहत,
    जालिम हो मुकाबिल तो मेरा नाम लिया कर.🌙🕌🕋”
  • “मुहर्रम हम सब मिलकर शहीदे कर्बला की याद में,
    नमाज, मातम और मजलिस में शामिल होते हैं.
    या हुसैन! आपकी शहादत ने हमें सिखाया है,
    कि कैसे तकलीफ में आपने हमें बचाया है.🌙🕌🕋”
  • “एक दिन बड़े गुरुर से कहने लगी जमीन,
    है मेरे नसीब में परचम हुसैन काफिर,
    चांद ने कहा मेरे सीने के दाग देख,
    होता है आसमान पर भी मातम हुसैन का.🌙🕌🕋”

FAQ

मुहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना है और इसे इमाम हुसैन और उनके साथियों की करबला में दी गई कुर्बानी की याद में मनाया जाता है. यह इंसाफ़, सब्र और बलिदान का प्रतीक है.

आशूरा मुहर्रम की 10वीं तारीख होती है, जिस दिन इमाम हुसैन की शहादत हुई थी. यह दिन मुसलमानों के लिए बेहद भावनात्मक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण होता है.

साल 2025 में मुहर्रम की शुरुआत 27 जून को हो सकती है और आशूरा (10 मुहर्रम) 6 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा (तारीखें चांद दिखने पर निर्भर हैं)

इस अवसर पर लोग प्रेरणादायक कोट्स, इमोशनल शायरी और सब्र व इंसाफ़ से जुड़ी लाइनें शेयर करते हैं, जो इमाम हुसैन की कुर्बानी और उनके संदेश को याद दिलाती हैं.

 नहीं, मुहर्रम सिर्फ शोक का नहीं, बल्कि आत्मचिंतन, इंसाफ़ और इंसानियत को समझने का महीना है. यह हमें जीवन में सच्चाई के लिए खड़े रहने की प्रेरणा देता है.

About the Author: Nishant Singh
निशांत कुमार सिंह एक पैसनेट कंटेंट राइटर और डिजिटल मार्केटर हैं, जिन्हें पत्रकारिता और जनसंचार का गहरा अनुभव है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए आकर्षक आर्टिकल लिखने और कंटेंट को ऑप्टिमाइज़ करने में माहिर, निशांत हर लेख में क्रिएटिविटीऔर स्ट्रेटेजी लाते हैं। उनकी विशेषज्ञता SEO-फ्रेंडली और प्रभावशाली कंटेंट बनाने में है, जो दर्शकों से जुड़ता है।
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