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Justin Trudeau Resignation: कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो को क्यों देना पड़ा इस्तीफा
Justin Trudeau Resignation: कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो को क्यों देना पड़ा इस्तीफा
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Tuesday, January 7, 2025
Last Updated On: Tuesday, January 7, 2025
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खुद को ‘देश का योद्धा’ बताते हुए नौ साल तक पद पर रहने के बाद इस्तीफा दे दिया है। उनकी लिबरल पार्टी में बढ़ते आंतरिक दबाव और मतदाताओं में बढ़ते असंतोष ने उन्हें इस्तीफा देने को मजबूर कर दिया। कनाडा में इसी साल अक्टूबर में चुनाव होने की संभावना है।
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Last Updated On: Tuesday, January 7, 2025
हाइलाइट
- जस्टिन ट्रूडो ने लिबरल पार्टी के भीतर विद्रोह का सामना करने की बात स्वीकारी।
- उन्होंने कहा, ‘मैं कनाडा का योद्धा हूं।
- महंगाई, आव्रजन में वृद्धि से अलोकप्रिय हो रहे थे ट्रूडो।
- कई जनमत सर्वेक्षणों के मुताबिक आगामी चुनावों में विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी भारी समर्थन।
- खालिस्तानी आतंकियों को समर्थन देने के कारण पंजाबी समुदाय के बीच भी ट्रूडो की लोकप्रियता तेजी से गिर रही थी।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau Resignation) ने कल अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी। पिछले कुछ समय से उनके इस्तीफे की अटकलें लगाई जा रही थी। उत्तराधिकारी चुने जाने के बाद वे सरकार के प्रमुख और सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी के नेता दोनों पदों से इस्तीफा देंगे। उन्होंने यह घोषणा अपने नौ साल के कार्यकाल और नेतृत्व परिवर्तन के लिए उनकी पार्टी के भीतर से बढ़ते दबाव के बाद की।
आंतरिक कलह की बात स्वीकारी
प्रधानमंत्री ट्रूडो (Justin Trudeau) ने अपनी पार्टी में आंतरिक कलह को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी नेता और प्रधानमंत्री के रूप में इस्तीफा देने का इरादा रखता हूं। हमारी पार्टी जैसे ही एक मजबूत अपने अगले नेता का चयन करेगी, मैं इन दोनों पदों से हट जाऊंगा। अपनी पार्टी के भीतर आंतरिक संघर्षों को खुले तौर पर स्वीकार करते हुए, ट्रूडो ने कहा, ‘देश अगले चुनाव के लिए तैयार हो रहा है। कनाडा एक मजबूत और बेहतर नेता का हकदार है। मेरे लिए यह स्पष्ट हो गया है कि अगर मुझे आंतरिक लड़ाई लड़नी है तो मैं उस चुनाव में सबसे अच्छा विकल्प नहीं हो सकता।’
महंगाई, आव्रजन में वृद्धि
कनाडाई प्रधानमंत्री सिर्फ पार्टी के आंतरिक कलह से ही नहीं जूझ रहे थे बल्कि वे देश में बढ़ती महंगाई, आव्रजन में हो रही बढ़ौतरी आदि आदि के कारण अलोकप्रिय हो रहे थे। इनके अलावा खालिस्तानी आतंकियों को समर्थन देने के कारण पंजाबी समुदाय के बीच भी उनकी लोकप्रियता तेजी से गिर रही थी। कनाडा में कई जनमत सर्वेक्षणों में कहा गया है कि 8 अक्टूबर से पहले होने वाले आगामी चुनावों में विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के लिए समर्थन में भारी उछाल आया है।
कनाडा का योद्धा
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खुद को देश का योद्धा बताया है। उन्होंने कहा, ‘मैं एक लड़ाकू हूं’। मेरे शरीर की हर हड्डी ने हमेशा मुझे लड़ने के लिए कहा है क्योंकि मुझे कनाडाई लोगों की बहुत परवाह है। इसके साथ तथ्य यह भी है कि इसे ठीक करने के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद संसद महीनों से पंगु है। इसलिए आज सुबह मैंने गवर्नर-जनरल को सलाह दी कि हमें संसद के एक नए सत्र की आवश्यकता है। उन्होंने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया है और अब सदन 24 मार्च तक स्थगित रहेगा।’
सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री
वर्ष 2015 के आम चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी की हार हुई थी। उस चुनाव में लिबरल पार्टी (liberal Party)ने जीत हासिल की और पार्टी के नेता जस्टिन ट्रूडो कनाडा के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने कंजर्वेटिव पार्टी के एक दशक के शासन को समाप्त किया। तब से ट्रूडो कनाडा के प्रधानमंत्री हैं। इस तरह ट्रूडो सबसे लंबे समय तक कनाडाई प्रधानमंत्री के रूप में रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। उनके पिता पियरे ट्रूडो भी कनाडा के प्रधानमंत्री रहे हैं।