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Good Friday 2025: कब है इस साल यह तिथि? क्या है इतिहास? जानें गुड फ्राइडे का महत्व और इससे जुड़ी मान्यताएं.
Good Friday 2025: कब है इस साल यह तिथि? क्या है इतिहास? जानें गुड फ्राइडे का महत्व और इससे जुड़ी मान्यताएं.
Authored By: Nishant Singh
Published On: Thursday, April 17, 2025
Last Updated On: Thursday, April 17, 2025
गुड फ्राइडे 2025 (Good Friday 2025) पर जानिए कब पड़ रही है यह पवित्र तिथि और क्या है इसका धार्मिक, ऐतिहासिक व आध्यात्मिक महत्व. यह दिन ईसा मसीह (Jesus Christ) के बलिदान की स्मृति में मनाया जाता है, जो मानवता के कल्याण के लिए क्रूस पर चढ़ गए थे. क्रिश्चियन समुदाय के लिए यह दिन गहन शोक और प्रार्थना का होता है, लेकिन साथ ही यह प्रेम, क्षमा और बलिदान के सर्वोच्च आदर्श को भी दर्शाता है. गुड फ्राइडे को 'होली फ्राइडे', 'ग्रेट फ्राइडे' या 'ब्लैक फ्राइडे' के नाम से भी जाना जाता है. आइए, इस अवसर पर जानें गुड फ्राइडे का इतिहास, इससे जुड़ी मान्यताएं और क्यों यह दिन ईसाई धर्म में इतनी गहराई से जुड़ा हुआ है.
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Thursday, April 17, 2025
गुड फ्राइडे 2025 इस बार 18 अप्रैल को मनाया जाएगा. यह दिन ईसाई समुदाय के लिए एक पवित्र और भावनात्मक अवसर होता है, जिसे प्रभु येशु मसीह के बलिदान की याद में मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन यीशु मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था और उससे पहले उन्हें अपमानित किया गया, यातनाएं दी गईं. बावजूद इसके, उन्होंने मानवता और प्रेम के संदेश के लिए मृत्यु को सहजता से स्वीकार कर लिया. आइए, जानते हैं गुड फ्राइडे का इतिहास, महत्व और इससे जुड़ी परंपराओं के बारे में विस्तार से.
जानें क्या है गुड फ्राइडे? (What is Good Friday)
गुड फ्राइडे क्या है? यह सवाल अक्सर उन लोगों के मन में आता है जो ईसाई धर्म से जुड़ी परंपराओं को करीब से समझना चाहते हैं. गुड फ्राइडे एक ऐसा दिन है जिसे प्रभु यीशु मसीह के बलिदान की स्मृति में मनाया जाता है. माना जाता है कि इसी दिन उन्हें सूली पर लटकाया गया था. यही वजह है कि ईसा मसीह के मृत्यु दिवस को गुड फ्राइडे कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि जब यहूदी शासकों ने ईसा मसीह को तमाम शारीरिक और मानसिक यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ाया था तो उस दिन शुक्रवार था. यह दिन दुख और श्रद्धा से जुड़ा होता है, जिसमें लोग चर्च जाकर मौन प्रार्थना करते हैं, काले वस्त्र पहनते हैं और चुपचाप प्रभु के बलिदान को याद करते हैं. इस दिन चर्चों में घंटियाँ नहीं बजाई जातीं और न ही कोई उत्सव जैसा माहौल होता है. आइए, विस्तार से जानते हैं कि गुड फ्राइडे वास्तव में क्या है और क्यों इसे इतना महत्वपूर्ण माना जाता है.
क्या है गुड फ्राइडे का इतिहास (History of Good Friday)

गुड फ्राइडे का इतिहास सिर्फ एक धार्मिक घटना नहीं, बल्कि एक ऐसा अध्याय है जो मानवता, त्याग और सच्चाई के लिए दिए गए सर्वोच्च बलिदान को दर्शाता है. लगभग दो हजार साल पहले प्रभु यीशु मसीह ने यरुशलम में रहकर प्रेम, करुणा और भाईचारे का संदेश फैलाया था. लोग उन्हें ईश्वर का प्रतिनिधि मानने लगे थे, लेकिन उनके विचारों और प्रभाव से यहूदी शासक भयभीत हो उठे. उन्होंने यीशु पर राजद्रोह का आरोप लगाकर उन्हें मृत्युदंड सुनाया. सज़ा से पहले यीशु को अत्यधिक पीड़ा दी गई—कांटों का ताज पहनाया गया, उन्हें अपना ही क्रूस ढोने पर मजबूर किया गया और फिर उनके हाथों और पैरों में कील ठोककर उन्हें क्रूस पर लटका दिया गया. यही घटना गुड फ्राइडे के पीछे की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक नींव बन गई, जो आज भी श्रद्धा और संवेदना के साथ याद की जाती है.
क्या है गुड फ्राइडे का महत्व (Importance of Good Friday)
गुड फ्राइडे ईसाई धर्म में एक ऐसा दिन है जिसे गहन श्रद्धा, मौन और आत्ममंथन के रूप में मनाया जाता है. यह दिन प्रभु यीशु मसीह के बलिदान की याद दिलाता है, जिन्होंने मानवता के कल्याण के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. इस दिन चर्चों में विशेष प्रार्थनाएं होती हैं, लोग काले वस्त्र पहनते हैं और मौन रहकर शोक प्रकट करते हैं. कई श्रद्धालु लेंट काल के तहत 40 दिनों का उपवास रखते हैं या केवल शुक्रवार को उपवास करते हैं. गुड फ्राइडे का महत्व सिर्फ एक घटना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मा की शुद्धि और क्षमा की भावना का प्रतीक है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन पर प्रभु यीशु के बलिदान को लोग आज के दिन सभी के साथ मिलकर चर्च में याद करते हैं.
क्या थे ईसा मसीह के आखिरी शब्द?
जिस वक्त यीशू को सूली पर चढ़ाया जा रहा था उस वक्त भी वह मानव कल्याण की ही बातें कर रहे थे. उन्होंने सबसे आखिर में कहा, हे ईश्वर इन्हें क्षमा करें, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं…’

गुड फ्राइडे से जुड़े 10 दिलचस्प बातें जो शायद आप नहीं जानते होंगे!
1. गुड फ्राइडे शब्द का अर्थ होता है ‘पवित्र शुक्रवार’, जिसे ईसा मसीह की बलिदान की स्मृति में मनाया जाता है.
2. इस दिन की तारीख हर साल बदलती है क्योंकि इसकी गणना चांद के आकार और पुराने जूलियन कैलेंडर के अनुसार की जाती है.
3. गुड फ्राइडे से पहले ईसाई समुदाय 40 दिनों तक ‘लेंट’ उपवास करता है, जिसमें आत्मचिंतन, संयम और त्याग का पालन होता है.
4. इस दिन चर्चों में यीशु मसीह द्वारा कहे गए अंतिम सात वाक्यों की विशेष व्याख्या की जाती है, जो उनके बलिदान और करुणा को दर्शाते हैं.
5. दोपहर 12 से 3 बजे तक का समय यीशु के कष्टों को याद करते हुए मौन प्रार्थना और ध्यान के लिए समर्पित होता है.
6. गुड फ्राइडे के बाद तीसरे दिन ईसा मसीह के पुनर्जीवित होने की मान्यता है, जिस दिन को ईस्टर संडे के रूप में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है.
7. इस दिन चर्चों में घंटियां नहीं बजतीं, न ही किसी प्रकार की सजावट की जाती है. श्रद्धालु काले कपड़े पहनकर शोक प्रकट करते हैं.
8. कई लोग इस दिन उपवास रखते हैं और बेहद हल्का भोजन करते हैं. साथ ही दान, सेवा और परोपकार जैसे कार्यों में भाग लेते हैं.
9. चर्च और ईसाई परिवारों के घरों में सजावटी वस्तुएं ढक दी जाती हैं या हटा ली जाती हैं, ताकि एक शांत और गंभीर वातावरण बना रहे.
10. कनाडा, जर्मनी, ब्राज़ील, क्यूबा और अन्य कई देशों में गुड फ्राइडे पर राष्ट्रीय अवकाश होता है. वहीं, बरमूडा जैसे देशों में इस दिन पतंग उड़ाने की खास परंपरा निभाई जाती है.