इस वर्ष चारधाम यात्रा पर क्यों उमड़ पड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

इस वर्ष चारधाम यात्रा पर क्यों उमड़ पड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Tuesday, May 28, 2024

Updated On: Monday, January 20, 2025

chardham yatra par kyo umad padi bhakto ki bheed
chardham yatra par kyo umad padi bhakto ki bheed

प्रदेश सरकार को भी उम्मीद नहीं थी कि शुरुआती दिनों इतनी संख्या में यात्री पहुंचेंगे। अव्यवस्था का आलम यह हुआ कि सभी धामों में गाड़ियों और यात्रियों का कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। सैकड़ों यात्रियों के रजिस्ट्रेशन फर्जी पाए गए।

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Updated On: Monday, January 20, 2025

चारधाम यात्रा के शुरू हुए करीब दो सप्ताह हुए हैं। इस दो सप्ताह में (27 मई तक) 11 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। अब तक की संख्या को देखें तो सबसे अधिक श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंचे हैं। वह भी तब जब यह धाम चारों धामों में सबसे कठिन रास्ते से होकर पहुंचते हैं। इस बार धाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं में एक अलग पैटर्न देखा जा रहा है। वह यह कि पिछले यात्रा सीजन तक यमुनोत्री की तुलना में गंगोत्री ज्यादा श्रद्धालु जाते थे, वहीं केदारनाथ की तुलना में बद्रीनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रहती थी। इसला कारण यह माना जाता था कि गंगोत्री और बद्रीनाथ धाम तक गाड़ी जाती है जबकि यमुनोत्री और केदारनाथ पैदल पहुंचना पड़ता है। इस बार इसका उल्ट हो रहा है। आखिर क्यों? इसका जवाब शासन प्रशासन तलाश रहा है।

इस वर्ष चार धाम यात्रा की शुरुआत 10 मई से हुई है। यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ के कपाट 10 तो बद्रीनाथ के 12 मई को खुले हैं। केदारनाथ में पिछले 17 दिनों में 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे हैं। सभी धामों में इसी अनुपात में श्रद्धालु की संख्या बढ़ी है। इतना अधिक श्रद्धालुओं के आने यात्रा मार्ग पर अव्यवस्था फैल गई। प्रदेश सरकार को भी उम्मीद नहीं थी कि शुरुआती दिनों इतनी संख्या में यात्री पहुंचेंगे। अव्यवस्था का आलम यह हुआ कि सभी धामों में गाड़ियों और यात्रियों का कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। सैकड़ों यात्रियों के रजिस्ट्रेशन फर्जी पाए गए। जबकि इन यात्रियों ने हरिद्वार या ऋषिकेश के टूर पैकेज वालों से रजिस्ट्रेशन करवाया था।

इन अव्यवस्था से निपटने के लिए प्रदेश की धामी सरकार ने कई प्रयास किए हैं लेकिन अभी भी ये प्रयास नाकाफी ही साबित हो रहे हैं। सभी धामों के लिए सरकार ने सचिव स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। इन्हें अपने अपने धामों में रहकर यात्रा को व्यवस्थित करने को कहा गया है। इस पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी बताती हैं, उत्तराखंड आने वाले हरेक यात्री हमारे अतिथि हैं। हम सभी को सुलभ व सुनियोजित धामों के दर्शन करवाएंगे। ताकि यात्रियों को कोई परेशानी न हो।

गंगोत्री और बद्रीनाथ की तुलना में यमुनोत्री और केदारनाथ जैसे कठिन धामों में यात्रियों की बढ़ती संख्या पर देहरादून के वरिष्ठ पत्रकार जगमोहन पोखरियाल कहते हैं, इसके कई कारण हैं। पहला सोशल मीडिया के कारण लोग के पास जानकारी की भरमार है। लोग उत्सुकतावश दर्शन को आ रहे हैं। बहुत ऐसी भीड़ है, जो सोशल मीडिया पर सिर्फ पोस्ट करने या रील्स बनाने पहुंच रहे हैं। तीसरा कारण यह है कि यहां बुजुर्गों से ज्यादा युवा लोग आ रहे हैं। युवा तीर्थाटन के साथ साथ साहसिक पर्यटन का भी आनंद लेना चाहते हैं। सबसे बड़ा कारण पहले की तुलना में यात्रा सुगम हुआ है।

chardham yatra me par aane wale yatriyo ki bheed

जैसे जैसे चारधाम में यात्रियों की संख्या बढ़ रही है वैसे वैसे ही दुखद खबर भी आ रही हैं। काफी प्रयास के बावजूद यहां आने वाले यात्रियों के मौत की संख्या रुक नहीं रही है। जानकारी के मुताबिक चारधाम यात्रा में अब तक 67 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इनमें से सबसे अधिक केदारनाथ में 29, बद्रीनाथ में 21, यमुनोत्रा में 14 और गंगोत्री में 3 लोगों की मौत हुई है। ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हो रहा है। प्रत्येक साल यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मौत हार्ट अटैक, ऑक्सीजन की कमी आदि वजहों से होती रही है। दुखद यह है कि अब लोगों के स्वास्थ्य जांच के बाद जाने दिया जाता है। फिर भी या संख्या कम नहीं हो रही है।

पिछले दिनों गढ़वाल मंडल के कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने मौतों की संख्या की जानकारी साझा की। उनके मुताबिक पिछले दस वर्षों में केदारनाथ आने वाले 350 यात्रियों की मौत हो चुकी है। उन्होंने इसका प्रमुख कारण दिल का दौरा, सीने में दर्द और बेचैनी होना आदि बताया है। हालांकि सभी मरने वाले की उम्र 60 वर्ष से अधिक थी। इसलिए सरकार बार बार श्रद्धालुओं से अपील कर रही है कि स्वास्थ्य ठीक होने पर ही यात्रा करें। बीमार लोगों, दिल के मरीज आदि लोग यात्रा से बचें। यात्रा पर आने वाले लोग अपने साथ जरूरी दवाइयां साथ रखें। ठंड का कपड़ा और पानी आदि रखें। बारिश में यात्रा करने से मनाही की गई है। इसके बावजूद यात्री आस्था के नाम पर कई चीजों की अनदेखी करते हैं। प्रदेश सरकार के मुताबिक अब तक 31 लाख लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है। जबकि भीड़ और अव्यवस्था के कारण पिछले कई दिनों से 31 मई तक के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को बंद कर दिया गया है।

चारधाम यात्रा में पर आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ और वहां की अव्यवस्था पर केंद्र सरकार भी नजर है। पिछले दिनों उत्तराखंड के मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एक वर्चुअल बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को इस यात्रा की पूरी जानकारी दी। उन्होंने बैठक में बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष चारों ही धर्मों में यात्रियों की संख्या लगभग दोगुनी से ज्यादा हुई है। इस वर्ष यात्रा शुरू होने के पहले 15 दिनों में 2,18,162 श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री के दर्शन किए। यह पिछले दो वर्षो की तुलना में 140 प्रतिशत ज्यादा है। इसी तरह 2,09,545 श्रद्धालुओं ने गंगोत्री धाम के दर्शन किए हैं।यह जो पिछले दो वर्षो की तुलना में 94 प्रतिशत ज्यादा है। केदारनाथ धाम में अब तक 5,09,688 श्रद्धालु आए। यह पिछले दो वर्षों की तुलना में 169 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं बद्रीनाथ धाम में 2,17,398 श्रद्धालु आए हैं और यह भी पिछले दो वर्षो की तुलना में 57 प्रतिशत ज्यादा है।

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।
Leave A Comment

अन्य खबरें

अन्य लाइफस्टाइल खबरें