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Lord Shiva: अवगुणों का प्रतिनिधित्व करने वाले असुरों का संहार करते हैं शिवजी
Lord Shiva: अवगुणों का प्रतिनिधित्व करने वाले असुरों का संहार करते हैं शिवजी
Authored By: स्मिता
Published On: Monday, April 28, 2025
Last Updated On: Monday, April 28, 2025
Lord Shiva: त्रिदेवों में से एक हैं भगवान शिव. शिव का अर्थ है 'शुद्ध और संहारक'. वे संपूर्ण ब्रह्मांड की रक्षा करते हैं. बुराई पर अच्छाई की जीत को सुनिश्चित करने के लिए वे कंठ में विष धारण करते हैं और अवगुणों का प्रतिनिधित्व करने वाले असुरों का संहार करते हैं.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Monday, April 28, 2025
भगवान शिव (Lord Shiva) देवादिधेव हैं और सर्वोच्च सत्ता के पहलू का प्रतिनिधित्व करते हैं. संस्कृत शब्द शिव का अर्थ है ‘शुद्ध और संहारक’. पौराणिक कथाओं के अनुसार, त्रिमूर्ति में शिव संहारक हैं. वे योगियों के देवता हैं और उन्हें एक सर्वज्ञ योगी के रूप में जाने जाते हैं. वे कैलाश पर्वत पर एक तपस्वी जीवन जीते हैं. शिव को कई नामों से जाना जाता है – महादेव, पशुपति, भैरव, विश्वनाथ, भोले नाथ, शंभू और शंकर. शिव ब्रह्मांडीय नर्तक भी हैं. उन्हें नटराज, नर्तकों के देवता के रूप में भी जाना जाता है. भगवान शिव ऊर्जा स्तंभ शिवलिंग के रूप में मंदिरों में विराजते हैं.
योगी शिवजी पारिवारिक जीवन जीने का देते हैं संदेश (Lord Shiva Inspiration)
भगवान शिव के दिव्य परिवार में चार सदस्य हैं – शिव, उनकी पत्नी पार्वती और दो पुत्र – कार्तिकेय और गणेश. कार्तिकेय युद्ध के देवता हैं,जबकि गणेश बुद्धि और विवेक के देवता हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती से विवाह करने से पहले भगवान शिव ने दक्ष की पुत्री सती से विवाह किया था. भगवान शिव कैलाश पर्वत पर गहरे ध्यान में लीन रहते हैं. उनकी सवारी नंदी बैल है.
नीलकंठ शिवजी हैं आशुतोष (Lord Shiva Ashutosh)
शिव जी के सिर के ऊपर ऊंची जटा हैं. जिस पर एक अर्धचंद्र बना हुआ है और उनके बालों से गंगा नदी बह रही है. उनकी गर्दन या कलाई के चारों ओर कुंडलित सर्प है और उन्हें नीले गले के साथ दर्शाया जाता है. इसलिए उन्हें नीलकंठ भी कहते हैं. विष धारण करने के कारण वे आशुतोष भी हैं. उनके बाएं हाथ में एक त्रिशूल और उसके साथ एक ढोल भी बंधा है. वे बाघ की खाल पर बैठते हैं और उनके दाहिने हाथ में एक कमंडल, एक जलपात्र भी रहता है. वे रुद्राक्ष की माला पहनते हैं और उनके नग्न शरीर पर राख लगी हुई है. उनके माथे पर एक तीसरी आंख है.
महत्वपूर्ण त्योहार में पूजे जाते हैं शिवजी (Lord Shiva Tyohar)
भगवान शिव के भक्त महाशिवरात्रि मनाते हैं, जो शिव की महान रात्रि है. यह हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की 13वीं रात या 14वें दिन और दक्षिण भारतीय कैलेंडर के अनुसार, माघ महीने में मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव अपने भक्तों को बुरी शक्तियों से बचाते हैं और वासना, लालच और क्रोध जैसी सांसारिक इच्छाओं को नियंत्रित करने की शक्ति देते हैं. महाशिवरात्रि पर विवाहित स्त्रियां अपने पति की भलाई के लिए प्रार्थना करती हैं, जबकि अविवाहित स्त्रियां शिवजी जैसा आदर्श पति के लिए प्रार्थना करती हैं।
शिव जी के मंत्र (Lord Shiva Mantras)
संख्या पांच शिवजी के लिए पवित्र है. उनके सबसे महत्वपूर्ण मंत्रों में से एक – ओम नमः शिवाय (ॐ नमः शिवाय) में पांच अक्षर हैं.
शिव जी के मंदिर (Lord Shiva Temples)
भारत में बारह पवित्रतम शिव मंदिर हैं, जिन्हें ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है.
बारह ज्योतिर्लिंग हैं: सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, भीमाशंकर, काशी विश्वनाथ, त्र्यंबकेश्वर, वैद्यनाथ, घृष्णेश्वर, नागेश्वर और रामेश्वरम.
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