Mahakumbh 2025 : किन्नर अखाड़े ने समाज कल्याण की कामना के साथ किया अमृत स्नान

Mahakumbh 2025 : किन्नर अखाड़े ने समाज कल्याण की कामना के साथ किया अमृत स्नान

Mahakumbh 2025: Kinnar Akhada performs Amrit Snan with a wish for society’s welfare
Mahakumbh 2025: Kinnar Akhada performs Amrit Snan with a wish for society’s welfare

महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान महासंक्रांति के पावन पर्व पर आयोजित हुआ, जो श्रद्धा, परंपरा और भक्ति का अभूतपूर्व संगम बना। संगम तट पर लाखों श्रद्धालु स्नान के लिए एकत्रित हुए, जहां हर-हर महादेव के जयघोष और मंत्रोच्चार से वातावरण गूंज उठा। महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान में किन्नर अखाड़े (Kinnar Akhada) बना मुख्य आकर्षण। आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में किन्नर अखाड़े (Kinnar Akhada) के सदस्यों ने किया अमृत स्नान।

किन्नर अखाड़ा (Kinnar Akhada) भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक परंपराओं का एक अनूठा और समृद्ध हिस्सा है। यह अखाड़ा समाज में किन्नर (Kinnar) समुदाय की भूमिका को मान्यता देने और उनकी गरिमा को स्थापित करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया। आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी (Acharya Mahamandaleshwar Lakshmi Narayan Tripathi) के नेतृत्व में, किन्नर अखाड़ा ने धर्म, आध्यात्मिकता, और समाज सेवा के क्षेत्र में अपनी मजबूत पहचान बनाई है। महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) के पहले अमृत स्नान के अवसर पर किन्नर अखाड़ा विशेष आकर्षण का केंद्र बना। आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी (Acharya Mahamandaleshwar Lakshmi Narayan Tripathi) के नेतृत्व में किन्नर अखाड़े (Kinnar Akhada) के सदस्यों ने संगम पर अमृत स्नान किया। महासंक्रांति के इस पावन अवसर पर किन्नर अखाड़े (Kinnar Akhada) ने समाज की खुशहाली और कल्याण की विशेष प्रार्थना की।

किन्नर अखाड़ा का ये है इतिहास

किन्नर अखाड़ा की स्थापना वर्ष 2015 में उज्जैन महाकुंभ के दौरान की गई। इसका उद्देश्य किन्नर समुदाय को मुख्यधारा में शामिल करना, समाज में उनकी स्थिति को सशक्त बनाना और उनके प्रति व्याप्त रूढ़ियों को समाप्त करना है। यह अखाड़ा धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से समाज को प्रेरित करने का प्रयास करता है। किन्नर अखाड़ा ने महाकुंभ जैसे महत्वपूर्ण आयोजनों में भाग लेकर अपनी आध्यात्मिक और धार्मिक पहचान को सुदृढ़ किया है। अखाड़ा का नेतृत्व महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी करती हैं, जो समाज में किन्नरों के उत्थान और उनके अधिकारों के लिए कार्य करती हैं। परंपरागत अखाड़ों की तरह, किन्नर अखाड़ा भी धार्मिक अनुष्ठानों, शस्त्र प्रशिक्षण और वैदिक शिक्षाओं का पालन करता है।

  • उज्जैन महाकुंभ 2016: यह पहला अवसर था जब किन्नर अखाड़ा ने कुंभ मेले में भाग लिया और अमृत स्नान किया।
  • प्रयागराज महाकुंभ 2019: किन्नर अखाड़ा ने भव्य शोभायात्रा और धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
  • महाकुंभ 2025: इस आयोजन में किन्नर अखाड़ा समाज कल्याण की कामना के साथ अमृत स्नान कर फिर से चर्चा का केंद्र बना।

हर हर महादेव के नारों के साथ संगम तक पहुंचा अखाड़ा

हर हर महादेव के जयघोष के साथ किन्नर अखाड़े (Kinnar Akhada) के सदस्य संगम की ओर बढ़े। आचार्य महामंडलेश्वर छत्र के नीचे मुख्य स्थान पर चल रहे थे और उनके साथ अखाड़े के अन्य महामंडलेश्वर मौजूद थे। इस दौरान साधुओं ने पारंपरिक शस्त्रों का प्रदर्शन करते हुए अपनी परंपरा और शक्ति का अद्भुत परिचय दिया।

समाज कल्याण की विशेष प्रार्थना

किन्नर अखाड़े (Kinnar Akhada) की सदस्य राम्या नारायण गिरी ने बताया कि इस अमृत स्नान के दौरान सभी सदस्यों ने भारतवासियों की सुख-शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ का यह पर्व न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि समाज में सकारात्मकता और एकता का संदेश देने का अवसर भी है।

शस्त्र प्रदर्शन और आस्था का माहौल

किन्नर अखाड़े (Kinnar Akhada) के साधु पारंपरिक शस्त्रों के साथ अपनी परंपराओं को जीवंत करते नजर आए। तलवारों और अन्य शस्त्रों के प्रदर्शन के साथ उन्होंने जयघोष करते हुए अमृत स्नान का शुभारंभ किया। हर हर महादेव के नारों से गूंजते माहौल ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। महाकुंभ 2025 में किन्नर अखाड़े के इस आयोजन ने भारतीय संस्कृति की विविधता और समावेशिता को प्रदर्शित किया। समाज के हर वर्ग के कल्याण के प्रति उनकी प्रार्थना ने महाकुंभ के इस महापर्व को और भी सार्थक बना दिया।

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About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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