महाकुंभ 2025: सबसे नया अखाड़ा किन्नर अखाड़ा, ट्रांसजेंडर अधिकारों के लिए विशेष पहल
महाकुंभ 2025: सबसे नया अखाड़ा किन्नर अखाड़ा, ट्रांसजेंडर अधिकारों के लिए विशेष पहल
Authored By: सतीश झा
Published On: Wednesday, January 8, 2025
Updated On: Sunday, April 27, 2025
महाकुंभ में किन्नर अखाड़ा न केवल धर्म और संस्कृति को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों के लिए भी एक नई दिशा प्रदान कर रहा है।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Sunday, April 27, 2025
सनातन धर्म से जुड़े 13 प्रमुख अखाड़ों में से एक सबसे नया अखाड़ा किन्नर अखाड़ा (Mahakumbh 2025) है, जो महाकुंभ में अपनी अनूठी पहचान के लिए प्रसिद्ध है। यह अखाड़ा किन्नर समुदाय के धार्मिक और सामाजिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए कार्य करता है। किन्नर अखाड़ा विशेष रूप से उनके इष्ट देव अर्धनारीश्वर और बउचरा की पूजा के साथ अपने सभी कार्यों की शुरुआत करता है।
ट्रांसजेंडर अधिकारों के लिए सक्रियता
किन्नर अखाड़े की संस्थापक और आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों पर जोर देते हुए कहा कि समाज में भ्रांतियां दूर करने और जागरूकता लाने की जरूरत है। उन्होंने सरकार से ट्रांसजेंडर अधिकारों और शिक्षा के अधिकार पर अधिक काम करने की अपील की।
किन्नर अखाड़ा: इतिहास और उद्देश्य
किन्नर अखाड़े की स्थापना अक्टूबर 2015 में हुई थी और यह पहली बार 2016 के सिंहस्थ कुंभ में शामिल हुआ। यह अखाड़ा हिंदू धर्म से अलग हुए किन्नरों को फिर से जोड़ने और धार्मिक मान्यताओं के प्रति उनकी आस्था को बढ़ावा देने में जुटा है। 2019 के कुंभ से पहले किन्नर अखाड़े ने श्री पंचदश नाम जूना अखाड़े के साथ एक ऐतिहासिक समझौता भी किया, जिसके तहत दोनों अखाड़ों ने सहयोग किया।
भारतीय समाज में किन्नरों की मान्यता
भारतीय संस्कृति में किन्नरों को शुभ माना जाता है। समाज में उन्हें विशेष स्थान प्राप्त है, और उनकी उपस्थिति को समृद्धि और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। हिंदू धर्म में किन्नरों को भगवान शिव के उपासक और आशीर्वाद देने वाले के रूप में देखा जाता है।
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आध्यात्म, परंपरा, और किन्नर अखाड़ा
महाकुंभ में किन्नर अखाड़ा न केवल अध्यात्म और परंपराओं का प्रतीक है, बल्कि किन्नर समुदाय को समाज में मान-सम्मान दिलाने का भी माध्यम है। अखाड़ा शाही स्नान और अन्य धार्मिक गतिविधियों में भाग लेकर अपनी सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करता है।
वैश्विक विस्तार की योजना
महामंडलेश्वर त्रिपाठी का लक्ष्य किन्नर अखाड़े को वैश्विक स्तर पर ले जाना है। उन्होंने बताया कि थाईलैंड, मलेशिया, अमेरिका, फ्रांस, और रूस जैसे देशों के 200 से अधिक ट्रांसजेंडर लोगों को अखाड़े में शामिल करने की योजना है। विदेशों में किन्नर अखाड़े की स्थापना उनकी प्राथमिकता है।
(हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के इनपुट के साथ)
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