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Maha Shivratri 2025 : महाकुंभ की पूर्णाहुति पर होगा असंख्य पार्थिव शिवलिंग पूजन
Maha Shivratri 2025 : महाकुंभ की पूर्णाहुति पर होगा असंख्य पार्थिव शिवलिंग पूजन
Authored By: स्मिता
Published On: Thursday, February 20, 2025
Updated On: Thursday, February 20, 2025
Maha Shivratri 2025 : 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवसर पर प्रयागराज महाकुंभ में अंतिम स्नान किया जाएगा. इसी के साथ महाकुंभ की पूर्णाहुति भी हो जाएगी. महाशिवरात्रि की रात्रि के चारों प्रहर महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज असंख्य पार्थिव शिवलिंग पूजन करेंगे.
Authored By: स्मिता
Updated On: Thursday, February 20, 2025
प्रयागराज महाकुंभ में सिद्धपीठ श्री हथियाराम मठ पीठाधीश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज के अनुसार, वे महाशिवरात्रि की रात्रि के चारों प्रहर असंख्य पार्थिव शिवलिंग की पूजा-अर्चना पार्थिव शिवलिंग पूजा-अर्चना (Parthiv Shivling Puja) कर महाकुंभ की पूर्णाहुति करेंगे. उन्होंने बताया कि इस अवसर पर काशी के प्रकांड वैदिक विद्वान आचार्य बनेंगे और भव्य पूजन रुद्राभिषेक होगा. महारूद्र स्वाहाकार एवं शतचंडी का आयोजन भी किया जा रहा है. इसकी पूर्णाहुति महाशिवरात्रि की रात्रि (Maha Shivratri 2025) में महानिशा पूजा के दौरान किया जाएगा.
निरंतर हो रहा महाकुंभ में पूजन-अनुष्ठान (Mahakumbh 2025 Rituals)
गौरतलब है कि प्रयागराज में लगे महाकुंभ में प्रायः बसंत पंचमी स्नान के बाद ज्यादातर सिद्ध संत-महात्मा अपने शिविर विसर्जित कर गंतव्य को प्रस्थान कर जाते हैं. वही 750 वर्ष प्राचीन सिद्धपीठ श्री हथियाराम मठ पीठाधीश्वर स्वामी महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज अपनी सिद्धपीठ की परंपरा अनुसार, पूरे 45 दिनों तक प्रयागराज महाकुंभ क्षेत्र में ही प्रवास कर रहे हैं. सिद्धपीठ हथियाराम मठ के शिविर में प्रारंभ से ही तीन महामंडलेश्वर एक साथ प्रवास कर रहे हैं. साथ ही अनवरत पूजन-अनुष्ठान व भंडारे का भी आयोजन चल रहा है.
महानिशा की महापूजा (Mahanisha Mahapuja)
सिद्धपीठ पीठाधीश्वर जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज ने बताया कि सिद्धपीठ की परंपरा के अनुसार, महाशिवरात्रि की महानिशा में चारों प्रहर सवा लाख पार्थिव शिवलिंग (मिट्टी के शिवलिंग) बनाकर सभी प्रहरों के लिए अलग-अलग रुद्राभिषेक पूजन अभिषेक किया जाता है. इसे महानिशा की महापूजा भी कहा जाता है. इस महापूजा में देश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में सिद्धपीठ से जुड़े शिष्य और श्रद्धालु पहुंचेंगे. इस पूजन अर्चन के बाद महाकुंभ से सिद्धपीठ हथियाराम मठ का शिविर हटाया जाएगा. इसी दिन महाकुंभ की पूर्णाहुति भी होगी.
महाकुंभ में 12 ज्योतिर्लिंग ( Jyotirlinga in Prayagraj Mahakumbh 2025)
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में 12 ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृति भी बनाई गई है. इन 12 ज्योतिर्लिंगों को 5.5 करोड़ से ज़्यादा ‘रुद्राक्ष माला’ और 11,000 त्रिशूलों से सुसज्जित किया गया है. यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं, जो भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत को दर्शाता है. भक्तगण पवित्र शहर में दिव्य वातावरण के बीच ज्योतिर्लिंगों की पूजा-अर्चना करते नज़र आ रहे हैं.
कैसा है सिद्धपीठ हथियाराम मठ (Siddhpeeth Hathiyaram Math)
गाजीपुर के जखनिया स्थित सिद्धपीठ हथियाराम मठ परंपरा लगभग 700 साल पुरानी है. यह देश की प्रसिद्ध सिद्धपीठों में शुमार है. इस मठ की शाखाएं देश के कोने-कोने में फैली हुई है. इस मठ के लाखों शिष्य हैं. सामान्य जनश्रुति, प्राचीन हस्तलिपि, लिखित पुस्तक तथा भारतीय इतिहास में भी सिद्धपीठ हथियाराम मठ के प्रमाण मिलते हैं.
(हिन्दुस्थान समाचार के इनपुट के साथ)
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