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Ram Navami 2025 : श्रीराम के भक्तगण के मन में होता है सकारात्मक ऊर्जा का आगमन
Ram Navami 2025 : श्रीराम के भक्तगण के मन में होता है सकारात्मक ऊर्जा का आगमन
Authored By: स्मिता
Published On: Friday, March 21, 2025
Updated On: Friday, March 21, 2025
Ram Navami 2025 : चैत्र महीने के नौवें दिन मनाई जाती है रामनवमी. इस वर्ष पंचमी और चतुर्थी एक दिन होने के कारण रामनवमी 6 अप्रैल, रविवार को होगी. इस दिन भगवान श्रीराम की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से भक्त के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है.
Authored By: स्मिता
Updated On: Friday, March 21, 2025
Ram Navami 2025 : रामनवमी का त्योहार हिंदू कैलेंडर में चैत्र महीने के नौवें दिन मनाया जाता है. रामनवमी को पांच सबसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों में से एक माना जाता है. रामचरितमानस के अनुसार, यह अयोध्या में राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र भगवान श्रीराम की जयंती का प्रतीक है. भगवान राम को श्रीविष्णु का सातवां अवतार माना जाता है. इस शुभ दिन के अवसर पर श्रीराम और श्रीविष्णु के भक्त राम कथा का पाठ करने के साथ-साथ श्रीमद्भागवत और रामायण धर्मग्रंथों के छंदों का पाठ भी करते हैं. रामनवमी का आध्यात्मिक महत्व भी बहुत अधिक है. इस वर्ष पंचमी और चतुर्थी एक दिन होने के कारण रामनवमी 6 अप्रैल, रविवार (Ram Navami 2025) को होगी.
दूर होती है नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy)
मान्यता है कि रामनवमी के त्योहार पर प्रार्थना करने और ख़ुशी मनाने से व्यक्ति के जीवन में दैवीय शक्ति आती है. साथ ही पृथ्वी से बुरे प्रभाव या नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. भक्तगण रामनवमी को अलग-अलग तरीकों से मनाते हैं. भक्तगण मंदिर जाते हैं और प्रार्थना करते हैं. भजन और कीर्तन गाए जाते हैं. मंदिरों में मिठाई और फल प्रसाद रूप में चढ़ाए जाते हैं. भगवान राम और भगवान विष्णु की विस्तृत पूजा की जाती है. इसका सिर्फ एक उद्देश्य है- भगवान राम के प्रति सच्ची श्रद्धा और भक्ति दिखाना और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का स्वागत करना.
रामनवमी के अवसर पर किए जाने वाले अनुष्ठान (Rituals of Ravnavmi)
रामनवमी के अवसर पर भक्तगण एक दिन का उपवास रखते हैं. उपवास सूर्योदय से पहले या सूर्योदय के समय शुरू होता है और अगले दिन सूर्योदय तक चलता है. इस अवसर पर राम कथा, श्रीमद्भागवत और रामायण जैसे पवित्र धर्मग्रंथों का पाठ किया जाता है. मंदिरों और भक्तों के घरों में भजन-कीर्तन किए जाते हैं और उसके बाद पवित्र अनुष्ठान किए जाते हैं. कुछ भक्त इस अवसर पर शिशु भगवान श्रीराम की छोटी मूर्ति लेते हैं. उन्हें धोते और परिधान पहनाते हैं. फिर विग्रह को पालने में रखते हैं. आगे आरती और प्रसाद चढ़ाते हैं. इस अवसर पर प्रसाद भी अर्पित और भक्तगण के बीच वितरित किए जाते हैं.
रामनवमी का आध्यात्मिक महत्व (Spiritual Significance of Ram Navmi)
रामनवमी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. यह इस बात का भी प्रतीक है कि अधर्म पर धर्म की विजय होती है. इस अवसर पर सूर्योदय के समय सूर्य को जल अर्पित किया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम के पूर्वज हैं सूर्य देव. आध्यात्मिक दृष्टिकोण से रामनवमी सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए महत्वपूर्ण है. यह दिन पृथ्वी से नकारात्मक ऊर्जा को कम करता है.
श्रीराम के जीवन का संदेश (Life Lessons of Shree Ram)
श्रीराम का जीवन हमें कई संदेश देता है. श्रीराम जीवनभर धर्म के सिद्धांतों पर चले और देश-समाज को नैतिकता का पाठ पढ़ाया. रामनवमी धर्म के शाश्वत सिद्धांतों की याद दिलाती है. यह दिन असत्य पर सत्य की जीत का जश्न मनाता है. रामनवमी आध्यात्मिक विकास और आंतरिक परिवर्तन का दिन है. रामनवमी सांस्कृतिक परंपराओं, अनुष्ठानों और मान्यताओं को संरक्षित करने और मनाने का अवसर है. रामनवमी प्रेम, करुणा और भाईचारे के सार्वभौमिक मूल्यों का प्रतीक है. रामनवमी न्याय और नैतिकता के शाश्वत सिद्धांतों की याद दिलाती है.
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