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Vaishakha Amavasya 2025: 27 अप्रैल को है वैशाख अमावस्या, आध्यात्मिक शुद्धि का दिन
Vaishakha Amavasya 2025: 27 अप्रैल को है वैशाख अमावस्या, आध्यात्मिक शुद्धि का दिन
Authored By: स्मिता
Published On: Friday, April 18, 2025
Last Updated On: Friday, April 18, 2025
Vaishakha Amavasya 2025: वैशाख अमावस्या या दर्श अमावस्या 2025 27 अप्रैल, 2025 को मनाई जाएगी. अमावस्या तिथि 27 अप्रैल, 2025 को सुबह 4:49 बजे शुरू होगी और 28 अप्रैल, 2025 को सुबह 1:00 बजे समाप्त होगी. यह दिन अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा प्रकट करने और आध्यात्मिक शुद्धि का दिन है.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Friday, April 18, 2025
Vaishakha Amavasya 2025 : वैशाख अमावस्या हिंदू धार्मिक गतिविधियों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है. इस दिन लोग अपने पूर्वजों की पूजा करते हैं, ज़रूरतमंदों को दान देते हैं और गंगा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. इस दिन अपनी आध्यात्मिक शुद्धि के लिए भक्तगण ईश्वर मनन और विशेष ध्यान (Vaishakha Amavasya 2025) भी कर सकते हैं.
वैशाख अमावस्या तिथि (Vaishakha Amavasya 2025 Date)
वैशाख अमावस्या की तिथि 27 अप्रैल, 2025 है. ज्योतिषशास्त्री पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार, अमावस्या तिथि का समापन समय 28 अप्रैल को लगभग 1:00 बजे है. वैशाख अमावस्या को आध्यात्मिक साधना, पूर्वजों की पूजा और दान करने का दिन माना जाता है.
वैशाख अमावस्या का महत्व (Vaishakha Amavasya Significance)
हिंदू धर्म में वैशाख अमावस्या को बहुत महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. यह दिन पूर्वजों की पूजा के लिए समर्पित है. इस दिन लोग पितृ पूजा, पितृ तर्पण, पिंड दान और अन्य गतिविधियों जैसे विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियां करते हैं. वैशाख अमावस्या को देवताओं के आशीर्वाद का दिन माना जाता है. इस शुभ दिन पर पीपल के पेड़ की पूजा करने और जल चढ़ाने से त्रिदेवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. विशेषकर माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या सबसे महत्वपूर्ण तिथियों में से एक है, क्योंकि इसमें उपवास, ध्यान और दान भी किया जाता है. यह अमावस्या चंद्र कैलेंडर में जनवरी के महीने में आता है.
चंद्र देव की पूजा (Chandradev Puja )
वैशाख अमावस्या के दिन रात में चंद्रमा पूरी तरह से गायब रहता है. यह उन हिंदुओं के लिए बहुत महत्व रखता है जो चंद्र कैलेंडर का पालन करते हैं. इस दिन चंद्र देव या चंद्रमा भगवान की पूजा करके उनका दिव्य आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है.
भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की पूजा करने का माह
वैशाख के महीने में भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की पूजा करने की एक विशेष परंपरा है. इस पवित्र महीने में भक्त भगवान विष्णु के अलग-अलग अवतारों विशेष रूप से परशुराम, नरसिंह, हयग्रीव, नर-नारायण और बुद्ध की पूजा करते हैं. वैशाख वर्ष के दूसरे महीने को संदर्भित करता है, जो आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर में अप्रैल/मई के अनुरूप होता है.
वैशाख पूजा (Vaishakha Puja)
वैशाख पूजा बुद्ध दिवस, वेसाक, विशाख पूजा, वैसाख (पूर्णिमा दिवस) के रूप में जाना जाता है. इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ. इसी दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और उनकी मृत्यु भी हुई. ये तीनों महत्वपूर्ण घटनायें एक ही दिन हुईं. यू.के. और अन्य पश्चिमी देशों में वेसाक को अक्सर बुद्ध दिवस कहा जाता है.