140 करोड़ उम्मीदों पर भारी 100 ग्राम

140 करोड़ उम्मीदों पर भारी 100 ग्राम

Authored By: अरुण श्रीवास्तव

Published On: Thursday, August 8, 2024

Last Updated On: Sunday, April 27, 2025

vinesh phogat in paris olympics
vinesh phogat in paris olympics

विनेश फोगाट मात्र 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण पेरिस ओलंपिक में सोने के तमगे के लिए मैच नहीं खेल सकीं। अयोग्य घोषित हो गईं। बीजिंग और टोक्यो के बाद पेरिस में भारत के लिए स्वर्णिम आस बनकर सामने आईं विनेश के साथ इस तरह कुछ होगा, किसी को कल्पना भी नहीं थी।

Authored By: अरुण श्रीवास्तव

Last Updated On: Sunday, April 27, 2025

जीवन में वजन का बड़ा महत्व है, चाहे बोल हों या शरीर। बोल वजनी होते हैं तो व्यक्तित्व विशाल बनता है और शरीर का वजन संतुलित रहे तो स्वास्थ्य बेहतर रहता है। बाजार में हम अक्सर सामान खरीदते वक्त कहते हैं कि क्या भैया कम तौल रहे हो…थोड़ा और रखो, लेकिन क्या आपको अंदाजा है कि महज 100 ग्राम वजन एक पूरे देश की उम्मीदों पर भारी पड़ सकता है…उन्हें तोड़ सकता है…पूरे देश को निराश-हताश कर सकता है और एक भावी ओलंपिक चैंपियन पहलवान को चित कर सकता है। पेरिस ओलंपिक के साथ यह कड़वा सच केवल भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के सामने आया है। विनेश फोगाट मात्र 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण पेरिस ओलंपिक में सोने के तमगे के लिए मैच नहीं खेल सकीं। अयोग्य घोषित हो गईं। बीजिंग और टोक्यो के बाद पेरिस में भारत के लिए स्वर्णिम आस बनकर सामने आईं विनेश के साथ इस तरह कुछ होगा, किसी को कल्पना भी नहीं थी।

जीवन अनिश्चित होता है, यह हम सबको पता है लेकिन इतनी अनिश्चितता जो झिंझोड़ कर रख दे, अकल्पनीय है। मंगलवार को जब विनेश ने एक के बाद एक तीन मुकाबले जीतकर पेरिस ओलंपिक में महिला वर्ग में 50 किग्रा कैटेगरी के फाइल में प्रवेश किया तो देर रात तक देश में जश्न मना और अगले दिन गोल्ड मेडल मिलने की उम्मीदें सजाए 140 करोड़ देशवासी नींद के आगोश में चले गए। सुबह उठे और दिनचर्या आरंभ हुई लेकिन थोड़ी ही देर बाद वह झटका मिला जिसके बारे में तो सपने में भी नहीं सोचा था-विनेश को 50 किलो से 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण अयोग्य घोषित किए जाने की खबर इस पहलवान के लिए ही दुखद नहीं थी, पूरे देश के लिए बड़ा झटका थी। 24 घंटे भी नहीं बीते थे और गोल्ड मेडल की उम्मीदें धूल चाट रही थीं। ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला पहलवान बनकर विनेश ने इतिहास तो कल ही रच दिया था, अब तो बारी गोल्ड मेडल के साथ इस इतिहास पर सोने का मुलम्मा चढ़ाने की थी, किंतु अब यह ख्वाहिश ही रहेगी। कम से कम पेरिस ओलंपिक में तो यही है।

कभी-कभी खेलों के नियम इस कदर बिजली बनकर गिरते हैं कि दिग्गज भी परेशान हो जाते हैं। विनेश के साथ भी यही हुआ। नियम कहते हैं कि ओलंपिक में पहलवानों को आरंभिक दौर से पहले वजन कराना होता है और फाइनल मुकाबले से पहले यानी दो बार। यह वजन जिस स्पर्धा में पहलवान शिरकत कर रहा है, उससे कम या उसी के बराबर होना चाहिए। यानी विनेश का वजन 50 किलो या इससे कम ही होना चाहिए था क्योंकि वह इस बार ओलंपिक में 50 किलो वाली स्पर्धा में भाग ले रही थीं। अब जरा आंकड़ों का फेर देखिए…छह अगस्त को जब विनेश पहले मुकाबले में उतरने को तैयार थीं तो उनका वजन था 49.9 किग्रा यानी 50 से 100 ग्राम कम। जब वह सात अगस्त को फाइनल मुकाबले से पहले वजन कराने आईं तो कांटे पर आंकड़ा था। 50.1 यानी 50 किग्रा से 100 ग्राम अधिक। बस यही 100 ग्राम भारी पड़ गया, करोड़ों आशाओं पर और पहलवान विनेश के सपने पर। दरअसल कहानी कुछ इस तरह है कि विनेश ने छह अगस्त को तीन मुकाबले लड़े। जब पहलवान मुकाबले लड़ते हैं तो कड़ी मेहनत और पसीना निकलने के बाद उन्हें खुद को पोषित करने की जरूरत होती है। इससे वजन बढ़ता है। हालांकि अगले मुकाबले से पहले पहलवान एक्सरसाइज आदि से वजन को संतुलित भी करते हैं। कोच, डायटीशियन आदि इसमें मदद करते हैं। विनेश का छह अगस्त को तीनों मुकाबलों के बाद वजन 52.7 किग्रा था जिसमें उन्होंने 2.6 किग्रा तक कम भी किया।

पीएम ने विनेश को सांत्वना भी दी है और मनोबल भी बढ़ाया है। इंडियन ओलंपिक एसोसिशएन ने भी पूरा प्रयास किया। यूनाईटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने हालांकि कोई बात नहीं सुनी और विनेश पर फैसला कायम रखा। हालांकि यूडब्लूडब्लू के चीफ ने सांत्वना दी है, लेकिन सांत्वना से उम्मीदें पूरी नहीं होतीं न। खैर, 100 ग्राम भले ही गोल्ड मेडल की उम्मीदों पर भारी पड़ा हो लेकिन विनेश देश के लिए चैंपियन ही हैं, औऱ रहेंगी भी। अब समय है कि देश इस पहलवान का इस तरह स्वागत करे कि पूरी दुनिया और खासकर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति व यूडब्लूडब्लू देखते रह जाएं कि भारतीय अपने खिलाड़ियों से कितना प्रेम करते हैं।

अरुण श्रीवास्तव पिछले करीब 34 वर्ष से हिंदी पत्रकारिता की मुख्य धारा में सक्रिय हैं। लगभग 20 वर्ष तक देश के नंबर वन हिंदी समाचार पत्र दैनिक जागरण में फीचर संपादक के पद पर कार्य करने का अनुभव। इस दौरान जागरण के फीचर को जीवंत (Live) बनाने में प्रमुख योगदान दिया। दैनिक जागरण में करीब 15 वर्ष तक अनवरत करियर काउंसलर का कॉलम प्रकाशित। इसके तहत 30,000 से अधिक युवाओं को मार्गदर्शन। दैनिक जागरण से पहले सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल (हिंदी), चाणक्य सिविल सर्विसेज टुडे और कॉम्पिटिशन सक्सेस रिव्यू के संपादक रहे। राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, साहित्य, संस्कृति, शिक्षा, करियर, मोटिवेशनल विषयों पर लेखन में रुचि। 1000 से अधिक आलेख प्रकाशित।
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पेरिस ओलंपिक 2024 पदक तालिका

Rank Country Total
1 USA 27 35 32 94
2 CHN 25 23 17 65
3 AUS 18 13 11 42
4 FRA 13 17 21 51
5 GBR 12 17 20 49
6 KOR 12 8 7 27
7 JPN 12 7 13 32
8 NED 10 5 6 21
9 ITA 9 10 9 28
10 GER 8 5 5 18
33 IND 0 0 3 3

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