कट्टरपंथी नेता अमृतपाल सिंह को राहत नहीं, पंजाब सरकार कर रही है ये तैयारी
कट्टरपंथी नेता अमृतपाल सिंह को राहत नहीं, पंजाब सरकार कर रही है ये तैयारी
Authored By: सतीश झा
Published On: Friday, April 18, 2025
Updated On: Saturday, April 19, 2025
पंजाब सरकार खडूर साहिब से सांसद और कट्टरपंथी सिख नेता अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत नजरबंदी को एक और साल के लिए बढ़ाने जा रही है. पंजाब सरकार के इस कदम को राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखने की दिशा में एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है. राज्य और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के बीच व्यापक विचार-विमर्श के बाद यह फैसला लिया गया है.
Authored By: सतीश झा
Updated On: Saturday, April 19, 2025
Amritpal Singh arrest : 32 वर्षीय अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) अप्रैल 2023 से असम के डिब्रूगढ़ की जेल में बंद हैं. पंजाब सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमृतपाल सिंह को इस निर्णय के संबंध में नोटिस जारी किया जा रहा है. उन्होंने कहा, “सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को देखते हुए अमृतपाल की हिरासत को आगे बढ़ाना जरूरी समझा गया है.
अजनाला हिंसा के बाद गिरफ्तार हुए अमृतपाल को एक साल बाद भी नहीं मिली राहत
‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का नेतृत्व करने वाले कट्टरपंथी सिख नेता अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने एक महीने तक चली तलाशी के बाद 23 अप्रैल, 2023 को मोगा जिले के रोडे गांव से गिरफ्तार किया था. अमृतपाल की गिरफ्तारी से पहले 23 फरवरी, 2023 को उनके समर्थकों ने अमृतसर जिले के अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला किया था, जिसमें उन्होंने अपने साथी लवप्रीत तूफान की रिहाई की मांग की थी. इस हमले के बाद अमृतपाल और उसके सहयोगियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई. अमृतपाल को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत में लेकर असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया था, जहां वह अब तक बंद हैं.
पंजाब लाए गए नौ सहयोगी
ताजा जानकारी के अनुसार, डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल सिंह के सभी नौ साथियों को हाल ही में अजनाला पुलिस स्टेशन पर हुए हमले की जांच के लिए पंजाब वापस लाया गया है. सूत्रों के मुताबिक, इन सभी को पूछताछ के लिए लाया गया है, ताकि हमले से जुड़े साक्ष्यों को मजबूत किया जा सके.पंजाब सरकार ने यह निर्णय लिया है कि पुलिस हिरासत में बंद नौ आरोपियों की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत चल रही हिरासत को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. इन आरोपियों में बसंत सिंह, भगवंत सिंह बाजेखाना, गुरमीत सिंह बुक्कनवाला, सरबजीत कलसी, गुरिंदर पाल सिंह, हरजीत सिंह, कुलवंत सिंह, पप्पलप्रीत सिंह और वरिंदरपाल जोहल शामिल हैं.
NSA के तहत गिरफ्तार
गौरतलब है कि अमृतपाल सिंह को पिछले वर्ष कड़ी सुरक्षा के बीच NSA के तहत गिरफ्तार कर डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया था. उसके खिलाफ भड़काऊ भाषण, युवाओं को कट्टरपंथ की ओर प्रेरित करने और कानून व्यवस्था को खतरे में डालने जैसे गंभीर आरोप हैं.
कौन है अमृतपाल सिंह ?
अमृतपाल सिंह संधू एक विवादित सिख उपदेशक और खालिस्तान समर्थक नेता है, जो “वारिस पंजाब दे” संगठन का नेतृत्व कर रहे है. उनका जन्म 17 जनवरी 1993 को पंजाब के अमृतसर जिले के जल्लूपुर खेड़ा गांव में हुआ था. उन्होंने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की और वर्ष 2012 में दुबई चले गए, जहां उन्होंने अपने परिवार के ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में कार्य किया.
सितंबर 2022 में, वे भारत लौटे और अभिनेता व सामाजिक कार्यकर्ता दीप सिद्धू की मृत्यु के बाद “वारिस पंजाब दे” संगठन की बागडोर संभाली. अमृतपाल सिंह ने युवाओं को नशे से दूर रहने, पारंपरिक सिख जीवनशैली अपनाने और खालिस्तान की मांग को लेकर जन अभियान चलाया. उनकी कट्टर विचारधारा और गतिविधियों के चलते वे सुरक्षा एजेंसियों की नजर में आ गए. 23 फरवरी 2023 को उनके समर्थकों ने अमृतसर के अजनाला पुलिस स्टेशन पर उनके साथी लवप्रीत तूफान की रिहाई की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन किया. इसके दो महीने बाद, 23 अप्रैल 2023 को अमृतपाल को मोगा जिले के रोडे गांव से गिरफ्तार कर लिया गया. वर्तमान में, अमृतपाल सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है. उन पर देशद्रोह सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. उनकी विचारधारा और गतिविधियां पंजाब की राजनीति और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर नई बहसें खड़ी कर रही हैं.
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