मुंबई में घट रही है हिंदुओं की आबादी, भाजपा के कहे इस बात पर मच गया है सियासी घमासान
Authored By: सतीश झा
Published On: Saturday, November 9, 2024
Updated On: Saturday, November 9, 2024
मुंबई में हिंदुओं की घटती आबादी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की टिप्पणी से सियासी घमासान मच गया है। भाजपा ने हाल ही में एक बयान में दावा किया कि मुंबई में हिंदू समुदाय की आबादी घट रही है, जिससे उनकी पहचान और प्रभाव पर असर पड़ रहा है। इस बयान ने राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं पैदा कर दी हैं, और विभिन्न दलों ने इस मुद्दे पर भाजपा की मंशा पर सवाल उठाए हैं।
भाजपा नेता किरीट सोमैया (BJP leader Kirit Somaiya) ने शनिवार को मुंबई में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक है तो सुरक्षित है’ टिप्पणी का समर्थन किया। सोमैया ने दावा किया कि यदि यही स्थिति जारी रही तो मुंबई में हिंदू आबादी घटकर सिर्फ 54 फीसदी रह जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं ‘एक है तो सुरक्षित है,’ जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है ‘बटेंगे तो कटेंगे’। सोमैया के अनुसार, उनके पास टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की एक रिपोर्ट है, जिसमें बताया गया है कि मुंबई में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या में वृद्धि से हिंदू आबादी में गिरावट का खतरा है। इसी वजह से भाजपा यह कहती है कि ‘एक है तो सुरक्षित है।’
भाजपा का कहना है कि मुंबई में हिंदुओं की संख्या में कमी से शहर की संस्कृति और सामाजिक संतुलन प्रभावित हो रहा है। पार्टी के अनुसार, इस बदलाव का कारण हिंदू समुदाय का अन्यत्र प्रवास और उनके जीवन में बढ़ती चुनौतियाँ हैं। भाजपा नेताओं ने इसके लिए राज्य की पिछली सरकारों की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए हिंदुओं के लिए विशेष योजनाओं की मांग की है।
वहीं, विपक्षी दलों का कहना है कि भाजपा इस मुद्दे को साम्प्रदायिक रूप देकर चुनावी लाभ हासिल करने की कोशिश कर रही है। शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह समाज को बाँटने और भय का माहौल बनाने का प्रयास कर रही है। उनका कहना है कि मुंबई हमेशा से विविधता का प्रतीक रहा है, और भाजपा का यह बयान समाज में साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए दिया गया है।
संजय राउत ने पीएम मोदी को आडे़ हाथों लिया
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत (MP Sanjay Raut) ने धुले रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक है तो सेफ है’ टिप्पणी के लिए आलोचना की, बयान की आवश्यकता पर सवाल उठाया और इस बात पर जोर दिया कि महाराष्ट्र के लोग पहले से ही “सुरक्षित” हैं और भाजपा को हटाकर सुरक्षित रहना पसंद करेंगे।संजय राउत ने कहा कि पीएम को इस तरह की बातें कहने की जरूरत क्यों आ गई। ‘बटेंगे तो कटेंगे’ यहां काम नहीं किया और महाराष्ट्र के लोगों ने इसे बाहर कर दिया। अब ‘एक हैं तो सुरक्षित हैं’। वह किसे एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं और वह किसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं? क्या राज्य और देश के सभी लोग आपके नहीं हैं? हम महाराष्ट्र में सुरक्षित हैं और हम सुरक्षित रहना चाहते हैं इसलिए हम भाजपा को बाहर कर देंगे।
एनसीपी ने भी भाजपा के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि मुंबई का विकास और उसकी पहचान सभी समुदायों के सहयोग से बनी है। उनके अनुसार, ऐसे बयान केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए दिए जाते हैं। विपक्षी दलों ने यह भी सवाल उठाया कि भाजपा के पास इस दावे का क्या आधार है और क्या इस पर कोई ठोस आंकड़े या प्रमाण हैं।
इस बयान के बाद मुंबई के राजनीतिक वातावरण में हलचल मच गई है और विभिन्न समुदायों के लोग इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। वहीं, भाजपा ने स्पष्ट किया है कि वह केवल हिंदुओं के अधिकारों और भविष्य की सुरक्षा के लिए इस मुद्दे को उठा रही है।
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मराठा, दलित और अल्पसंख्यकों का एक साथ होना ज़रूरी
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “हमारी पार्टी का रुख यह है कि आज के महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात को देखते हुए मराठा, दलित और अल्पसंख्यकों का एक साथ होना ज़रूरी है।” JPC दौरे पर उन्होंने कहा, “सभी गैर-भाजपा सदस्यों ने सामूहिक रूप से इस दौरे का बहिष्कार करने का फ़ैसला किया है और हमने इसके लिए कारण भी बताए हैं।”
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