पानी रे पानी तुझ पर ये सियासत कैसा! दिल्ली-हरियाणा और पंजाब में पानी को लेकर मचा है सियासी संग्राम

पानी रे पानी तुझ पर ये सियासत कैसा! दिल्ली-हरियाणा और पंजाब में पानी को लेकर मचा है सियासी संग्राम

Authored By: सतीश झा

Published On: Thursday, May 1, 2025

Updated On: Thursday, May 1, 2025

Punjab and Haryana water dispute 2025 - Map showing canal network and affected areas.

उत्तर भारत की चिलचिलाती गर्मी के बीच जल संकट पर सियासत अपने चरम पर पहुंच गई है. दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के बीच पानी को लेकर चल रही खींचतान ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है. इस सियासी संग्राम में आरोप-प्रत्यारोपों का दौर तेज होता जा रहा है.

Authored By: सतीश झा

Updated On: Thursday, May 1, 2025

Punjab Haryana water dispute 2025 : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा पर निशाना साधते हुए कहा है कि हरियाणा ने अपना पानी का कोटा पहले ही खत्म कर लिया है. यह कोटा 21 मई से 21 मई तक के लिए तय होता है, लेकिन उन्होंने मार्च में ही पूरा पानी इस्तेमाल कर लिया. अब वे अतिरिक्त पानी मांग रहे हैं, जो हमारे पास है ही नहीं. हमारा धान का सीजन शुरू हो चुका है और हमने अपनी नहर प्रणाली को दुरुस्त कर लिया है. अब पंजाब अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल कर रहा है.

पूर्ववर्ती सरकारों पर भी तंज

भगवंत मान ने पूर्ववर्ती सरकारों पर भी तंज कसते हुए कहा, “पहले जो थे, वे महलों में रहते थे, उन्हें पानी की कीमत का अंदाज़ा नहीं था. हम खेतों से आए हैं, हम जानते हैं कि पानी की एक-एक बूंद कितनी कीमती है.”

दिल्ली सरकार ने भी हरियाणा से यमुना नदी में पर्याप्त जल प्रवाह की मांग की है। हरियाणा सरकार ने हालांकि इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वह दिल्ली को उसके तय हिस्से का पानी दे रही है और कोई अतिरिक्त आपूर्ति संभव नहीं है. हरियाणा के अधिकारियों का कहना है कि खुद उनके राज्य के कई इलाके जल संकट से जूझ रहे हैं.

जल विवाद पर भावुक हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री, चुनावी राजनीति पर भी साधा निशाना

पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के बीच जल संकट पर सियासत जहां उफान पर है, वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस मुद्दे पर भावुक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बयान दिया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह विवाद सिंचाई के पानी का नहीं, बल्कि पीने के पानी का है – और इस पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, “यह सिंचाई के पानी का नहीं बल्कि पीने के पानी का मामला है. हमारी संस्कृति में, हमने अपने गुरुओं से सीखा है कि हम किसी अजनबी को भी पानी पिलाकर उसका स्वागत करते हैं. आज तक के इतिहास में पीने के पानी को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ है. यह निम्न स्तर की राजनीति है क्योंकि चुनाव आ गए हैं.” उन्होंने पंजाब के साथ भाईचारे की भावना प्रकट करते हुए कहा, “पंजाब हमारा भाई है, पंजाब हमारा घर है. अगर पंजाब प्यासा रहा, तो हम अपने हिस्से का पानी काटकर पंजाब को देंगे, यह हमारी संस्कृति है.”

सीएम सैनी ने साथ ही यह भी कहा कि बारिश का पानी अगर व्यर्थ गया तो वह पाकिस्तान की ओर बह जाएगा. “हम उन लोगों को पानी क्यों दें जिन्होंने हमारे लोगों की जान ली?” – यह बयान उन्होंने पाकिस्तान पर तंज करते हुए दिया.

हम पंजाब का हक नहीं मांग रहे, अपने हिस्से की बात कर रहे हैं

पंजाब और हरियाणा के बीच जल बंटवारे को लेकर जारी खींचतान के बीच अब हरियाणा के कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा का बयान सामने आया है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि हरियाणा सरकार सिर्फ अपने हिस्से का पानी मांग रही है, न कि पंजाब के हिस्से का. रणबीर गंगवा ने कहा, “जो जल संकट आया है उस पर हमने बैठक की और जरूरी निर्देश दिए हैं. पानी जो उपलब्ध है, उसे ठीक तरीके से लोगों तक पहुंचाया जाए. सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जल वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित करें. हम कोई पंजाब का हक नहीं मांग रहे हैं, हम अपने हक की बात कर रहे हैं.”

गंगवा के इस बयान को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के हालिया तीखे बयान का जवाब माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि हरियाणा ने पहले ही अपने वार्षिक जल कोटे का उपयोग कर लिया है और अब वह अतिरिक्त पानी की मांग कर रहा है, जो वर्तमान में पंजाब के पास उपलब्ध नहीं है. हरियाणा सरकार का दावा है कि राज्य में जल संकट के हालात को देखते हुए वह केवल न्यायसंगत हिस्से की मांग कर रही है. वहीं पंजाब सरकार अपने किसानों और धान की बुवाई के मौसम का हवाला देकर अतिरिक्त पानी देने से इनकार कर रही है.

पंजाब सरकार दिल्ली का पानी रोक रही है, बंद करो ये गंदी राजनीति

दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने पंजाब सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि पंजाब सरकार हरियाणा और दिल्ली का पानी रोककर “गंदी राजनीति” कर रही है. प्रवेश वर्मा ने लिखा, “पंजाब सरकार हरियाणा और दिल्ली का पानी रोककर गंदी राजनीति पर उतर आई है. दिल्ली में हारने के बाद अब दिल्ली में जल संकट पैदा करना चाहती है. हम दिल्ली में साफ और हर घर में पानी देने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं और अब पंजाब सरकार दिल्ली की जनता से ऐसे बदला लेना चाहती है. बंद करो ये गंदी राजनीति वरना पंजाब से भी जाओगे.”

किसानों और आम लोगों की परेशानी

पानी पर यह सियासी टकराव सिर्फ प्रशासनिक चिंता नहीं, बल्कि किसानों और आम लोगों की परेशानी भी बन चुका है. पंजाब के किसान जहां अपने धान की फसलों के लिए पर्याप्त पानी की मांग कर रहे हैं, वहीं दिल्ली के निवासी पानी की बूंद-बूंद के लिए जूझ रहे हैं. जल संसाधनों की इस लड़ाई ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है – जब पानी जैसी बुनियादी आवश्यकता पर ही राज्य एकजुट नहीं हो सकते, तो देश की साझा नीतियों का क्या होगा?

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
Leave A Comment

यह भी पढ़ें

Email marketing icon with envelope and graph symbolizing growth

news via inbox

समाचार जगत की हर खबर, सीधे आपके इनबॉक्स में - आज ही हमारे न्यूजलेटर को सब्सक्राइब करें।

खास आकर्षण