Special Coverage
Assembly By-Elections: देश के 13 विधानसभा सीटों पर हो रहा उपचुनाव, उत्तराखंड में किसका पलड़ा है भारी
Assembly By-Elections: देश के 13 विधानसभा सीटों पर हो रहा उपचुनाव, उत्तराखंड में किसका पलड़ा है भारी
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Wednesday, July 10, 2024
Updated On: Thursday, December 5, 2024
13 सीट पर हो रहे उपचुनाव में उत्तराखंड की भी दो सीट है। इनमें एक सीट पर्वतीय क्षेत्र में है तो दूसरा मैदानी सीट है। पिछले विधानसभा चुनाव में इन दोनों सीटों पर भाजपा की हार हुई थी।
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Updated On: Thursday, December 5, 2024
आज देश के 7 राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। इनमें से कुछ सीट के विधायक ने दल-बदल कर इस्तीफा दिया। कुछ लोकसभा चुनाव के दौरान खाली हुआ तो किसी के निधन से खाली हुआ है। आज जिन 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव चल रहे हैं, उनमें पश्चिम बंगाल की 4, हिमाचल प्रदेश की 3, उत्तराखंड की 2 विधानसभा सीट हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश, बिहार, पंजाब और तमिलनाडु की 1-1 सीट शामिल हैं। इस उपचुनाव के लिए सभी महत्वपूर्ण दलों ने अपनी कमर कसी हुई है। लोकसभा चुनाव में भाजपा के बहुमत से थोड़ा दूर रहने के बाद यह पहला चुनाव है। इस लिहाज से यह उपचुनाव भाजपा के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
उत्तराखंड में दो सीटों पर उपचुनाव
उत्तराखंड में दो सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। इसमें एक सीट पर्वतीय क्षेत्र में है तो दूसरा मैदानी सीट है। पिछले विधानसभा चुनाव में इन दोनों सीटों पर भाजपा की हार हुई थी। इसलिए यदि वह उपचुनाव में एक भी सीट जीतती है तो विधानसभा में उनके विधायकों का आंकड़ा बढ़ेगा ही। पर्वतीय क्षेत्र में बद्रीनाथ विधानसभा सीट है। यह भारत-चीन सीमा से लगा विधानसभा सीट है। कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के इस्तीफे से यह सीट खाली हुआ था। भंडारी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले आए थे। इस उपचुनाव में भाजपा राजेन्द्र भंडारी को ही अपना उम्मीदवार बनाया है। यानी राजेंद्र भंडारी दो साल में दूसरी बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
जोशीमठ (Joshimath) बड़ा मुद्दा
जोशीमठ कस्बा बद्रीनाथ विधानसभा सीट के अंतर्गत आता है। पिछले कुछ वर्षों से यह एतिहासिक एवं पौराणिक कस्बा भू-धसाव की समस्या झेल रहा है। इससे पूरे कस्बे पर खतरा मंडरा रहा है। कांग्रेस (Congress) ने इस उपचुनाव में जोशीमठ भू-धसाव को बड़ा मुद्दा बनाया है। इस सीट पर अब तक 2 बार भाजपा तो 3 बार कांग्रेस ने कब्जा जमाया है। इस सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। कांग्रेस से जीत हासिल करने वाले राजेंद्र भंडारी अब भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने अपने ही पुराने कार्यकर्ता लखपत सिंह बुटोला को मैदान में उतारा है। इस सीट पर 2002 में कांग्रेस के अनुसूया प्रसाद, 2007 में भाजपा केदार सिंह फोनिया, 2012 में राजेंद्र भंडारी, 2017 में महेंद्र भट्ट और 2022 में कांग्रेस के राजेंद्र भंडारी ने जीत हासिल की थी।
बसपा (BSP) का गढ़ है मंगलौर सीट
मैदानी क्षेत्र में वाला उत्तराखंड का दूसरी विधानसभा सीट है, मंगलौर। यह सीट हरिद्वार जिले में है। यहां हमेशा से कांग्रेस और बसपा के बीच टक्कर होती रही है। भाजपा इस सीट पर जीत तो दूर काभी दूसरे स्थान पर भी नहीं आ सकी है। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से बसपा के सरवत करीम अंसारी ने जीत हासिल की थी। उनकी आकस्मिक निधन से यह सीट खाली हुई है। अब तक हुए पांच विधानसभा चुनावों में से चार बार बसपा जीती है। वहीं एक बार कांग्रेस को यहां जीत मिली है। यह सीट अनुसूचित जाति और मुस्लिम बाहुल्य है। यदि विधायक की बात करें तो तीन बार काजी निजामुद्दीन (दो बार बसपा और एक बार कांग्रेस के टिकट पर) तो दो बार सरवत करीम अंसारी जीते हैं।
इस बार इस सीट पर कांग्रेस ने अपने पुराने उम्मीदवार काजी निजामुद्दीन को मैदान में उतारा है। वह पिछला चुनाव 600 वोटों से हार गए थे। वहीं बसपा ने ओबेदुर रहमान को टिकट दिया है। जबकि भाजपा ने इस बार बाहरी उम्मीदवार करतार सिंह भाड़ाना को मैदान में उतारा है। उत्तरखंड के इन दोनों सीट पर भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी थी। पार्टी के कई स्टार प्रचार मसलन, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री और सांसदों ने चुनाव प्रचार किया है। वहीं कांग्रेस की ओर से सिर्फ हरीश रावत बड़े नेता ने यहां प्रचार किया है।
महेंद्र भट्ट ने कहा
भाजपा (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद महेंद्र भट्ट ने बताया कि दोनों सीटों पर भाजपा कार्यकर्ता जीत के लिए लगातार चुनाव प्रचार करते रहे हैं। आज मतदान के दिन भी पार्टी कार्यकर्ता सुबह से ही मतदाताओं को घर से निकालकर पोलिंग बूथ तक लारहे हैं।
मंगलौर बड़ी चुनौती
भाजपा के लिए मंगलौर विधानसभा सीट बड़ी चुनौती है। पार्टी के लिए इस किले को भेदना अब तक नामुमकिन साबित हुआ है। 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की यहां तेज आंधी थी, उस चुनाव में भी भाजपा तीसरे नंबर पर रही थी। पार्टी इस बार फिर से अपनी पूरी ताकत झोंक दी हैं। 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को यहां सबसे ज्यादा क्रमशः 24101 और 21000 वोट मिले थे। वहीं विधानसभा चुनाव में इनका प्रदर्शन और खराब हो जाता है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा मात्र 16900 वोट यहां पाई थी। जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को 18763 वोट मिले थे।