दिल्ली में आज का मौसम 30 April 2025: 38°C तक पहुंचेगा तापमान, उमस और आंधी-बारिश से मिल सकती है राहत?- जानें आज का मौसम

दिल्ली में आज का मौसम 30 April 2025: 38°C तक पहुंचेगा तापमान, उमस और आंधी-बारिश से मिल सकती है राहत?- जानें आज का मौसम

Authored By: Nishant Singh

Published On: Tuesday, April 29, 2025

Categories: Weather

Updated On: Tuesday, April 29, 2025

Delhi Mai Aaj Ka Mausam 30 April 2025
Delhi Mai Aaj Ka Mausam 30 April 2025

दिल्ली-एनसीआर में 30 अप्रैल को मौसम गर्म और शुष्क रहने की संभावना है, हालांकि शाम या रात के समय प्री-मानसून गतिविधियों के कारण गरज के साथ हल्की बारिश या आंधी देखी जा सकती है. अधिकतम तापमान 36 से 38 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 24 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है. हवा में नमी के कारण उमस का स्तर मध्यम रहेगा, जिससे गर्मी अधिक महसूस हो सकती है. देश के अन्य हिस्सों में भी मौसम में बदलाव की संभावना है—उत्तर-पश्चिम भारत में लू का असर बना रहेगा, जबकि पूर्वोत्तर और दक्षिणी राज्यों में बारिश संभावित है. यह परिवर्तन पश्चिमी विक्षोभ और प्री-मानसून गतिविधियों का असर है.

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Authored By: Nishant Singh

Updated On: Tuesday, April 29, 2025

दिल्ली-एनसीआर में 30 अप्रैल का मौसम गर्मी और उमस के साथ दस्तक देने को तैयार है. जहां दिनभर तेज धूप और शुष्क हवाएं लोगों को बेहाल कर सकती हैं, वहीं शाम या रात के समय मौसम अचानक करवट ले सकता है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, प्री-मानसून गतिविधियों के चलते गरज-चमक के साथ हल्की बारिश या आंधी आने की संभावना है, जिससे कुछ हद तक राहत मिल सकती है. तापमान की बात करें तो अधिकतम 36 से 38 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 24 से 26 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. हवा में नमी बढ़ने से दिन के समय उमस मध्यम स्तर पर बनी रह सकती है, जो गर्मी के प्रभाव को और तीव्र बनाएगी. दिल्ली ही नहीं, देशभर के कई हिस्से इस समय भीषण गर्मी की चपेट में हैं. उत्तर-पश्चिम भारत में लू जैसी स्थिति बनी हुई है, जबकि पूर्वोत्तर और दक्षिणी राज्यों में बारिश और आंधी की संभावना जताई गई है. मौसम में यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ और प्री-मानसून गतिविधियों का नतीजा है, जिससे कुछ क्षेत्रों को हल्की राहत मिल सकती है. मौसम की यह मिलीजुली तस्वीर गर्मी से जूझते लोगों के लिए एक अस्थायी राहत बन सकती है.

दिल्ली में हवा भी खराब: प्रदूषण का खतरा

दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 260 के आसपास है जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है. इस स्थिति में दिल्लीवासियों को खासतौर पर बाहर निकलते वक्त सावधानी बरतने की जरूरत है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, एक्यूआई का स्तर 201 से 300 के बीच ‘खराब’ माना जाता है, जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है, खासकर उन लोगों को जो अस्थमा या सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं.

एक्यूआई श्रेणियां:

AQI Range Category
0 से 50 अच्छा
51 से 100 संतोषजनक
101 से 200 मध्यम
201 से 300 खराब
301 से 400 बहुत खराब
401 से 500 गंभीर
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New Delhi
12:16 am, Apr 30, 2025
weather icon 33°C
L: 33° H: 33°
clear sky
Wind Wind 13 Km/h SE
Clouds Clouds 0%
Rain Chance Rain Chance 0%
5 Days ForecastHourly Forecast
Tuesday clear sky
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32°33°°C 0 mm 0% 12 Km/h 24 % 754 mmhg 0 mm/h
Today clear sky
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30°39°°C 0 mm 0% 17 Km/h 27 % 756 mmhg 0 mm/h
Tomorrow clear sky
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32°42°°C 0 mm 0% 24 Km/h 28 % 756 mmhg 0 mm/h
Friday light rain
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32°41°°C 0.85 mm 85% 23 Km/h 28 % 756 mmhg 0 mm/h
Saturday light rain
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29°41°°C 1 mm 100% 41 Km/h 45 % 755 mmhg 0 mm/h

पिछले 10 दिनों में नई दिल्ली में मौसम का मिज़ाज

दिनांक Min Temp. Max Temp.
Apr 29, 2025 24 38
Apr 28, 2025 30 43
Apr 27, 2025 28 41-42
Apr 26, 2025 29 42
Apr 25, 2025 30 43
Apr 24, 2025 26-29 41-43
Apr 23, 2025 29 41
Apr 22, 2025 27 40
Apr 21, 2025 26 38
Apr 20, 2025 24-26 36-38

दिल्ली में बढ़ती गर्मी के कारण

दिल्ली में प्रदूषण के कई कारण हैं, जो मिलकर इस समस्या को और जटिल बना देते हैं. सबसे बड़ा कारण यहां के वाहनों से निकलने वाला धुआं है, क्योंकि दिल्ली में लाखों गाड़ियाँ रोज़ सड़क पर दौड़ती हैं. इसके अलावा, निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल और कचरा जलाने की आदत भी प्रदूषण को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती है. सर्दियों में, पंजाब और हरियाणा से आने वाली पराली का धुंआ दिल्ली में प्रदूषण को और बढ़ा देता है. इसके साथ ही, उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषक तत्वों और मौसम की स्थिति भी हवा की गुणवत्ता को प्रभावित करती है. जब हवा की गति कम होती है, तो प्रदूषक तत्व हवा में फंसे रहते हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ जाती है.

प्रदूषण के कारण:

  • वाहन प्रदूषण: बढ़ती संख्या में वाहन और पुराने, प्रदूषण फैलाने वाले इंजन.
  • पराली जलाना: पड़ोसी राज्यों से आने वाला धुंआ, खासकर सर्दियों में.
  • निर्माण कार्य: निर्माण स्थलों से उड़ती धूल.
  • उद्योगों से प्रदूषण: कारखानों से निकलने वाले हानिकारक गैस और धुएं.
  • कचरा प्रबंधन की समस्या: अव्यवस्थित कचरा निपटान और जलते कचरे से प्रदूषण.
  • मौसम का प्रभाव: सर्दियों में कम हवा की गति, जिससे प्रदूषक तत्वों का फैलाव रुकता है.

इन कारणों से दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी रहती है, जो नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी है.

हॉट डे क्या होता है?

जब किसी दिन का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर चला जाए और न्यूनतम तापमान भी सामान्य औसत से 5 डिग्री या उससे ज्यादा हो, तो मौसम विभाग उस दिन को ‘हॉट डे’ यानी बेहद गर्म दिन घोषित करता है. यह स्थिति खासतौर पर अप्रैल से जून के बीच देखने को मिलती है, जब गर्मी अपने चरम पर होती है. ऐसे दिनों में लू का खतरा बढ़ जाता है और लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत होती है, क्योंकि गर्मी न सिर्फ असहज बनाती है, बल्कि सेहत के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है.

हीटवेव क्या है?

हीटवेव एक ऐसी स्थिति है, जब गर्मी की लहर लगातार तीन दिनों तक असामान्य रूप से तीव्र हो जाती है. जब किसी क्षेत्र का तापमान सामान्य से काफी अधिक बढ़ जाता है, तो उसे हीटवेव कहा जाता है. यह स्थिति खासतौर पर मार्च से जून के बीच होती है, और कभी-कभी जुलाई में भी देखने को मिलती है. हीटवेव के दौरान, तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक हो सकता है, जिससे शरीर में पानी की कमी, बुखार, उल्टी, दस्त, थकान और कमजोरी जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह न केवल शरीर को थका देती है, बल्कि सेहत के लिए भी गंभीर खतरे का कारण बन सकती है.

सनबर्न क्या होता है?

गर्मियों में सनबर्न एक आम समस्या बन जाती है, जो त्वचा के लिए बहुत हानिकारक होती है. चिकित्सा भाषा में इसे “डर्माटाइटिस सोलारिस” कहा जाता है. सनबर्न तब होता है जब त्वचा सूरज की हानिकारक यूवी किरणों के सीधे संपर्क में आ जाती है. इसके परिणामस्वरूप त्वचा में जलन, सूजन, लाल चकत्ते, छाले और दर्द हो सकते हैं. धीरे-धीरे त्वचा जलने लगती है, और उसका रंग काला हो जाता है. यह स्थिति न सिर्फ असहज होती है, बल्कि लम्बे समय में त्वचा पर दाग-धब्बे भी छोड़ सकती है. सनबर्न से बचने के लिए सूरज की सीधी किरणों से बचना और सही सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है.

FAQ

30 अप्रैल को दिल्ली-एनसीआर में दिनभर गर्मी और शुष्कता बनी रहने की संभावना है. मौसम विभाग के अनुसार, अधिकतम तापमान 36 से 38 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 24 से 26 डिग्री के बीच रहेगा. दिन में तेज धूप और मध्यम उमस लोगों को बेचैन कर सकती है. हालांकि, शाम या रात को प्री-मानसून गतिविधियों के कारण गरज के साथ हल्की बारिश या आंधी हो सकती है, जिससे कुछ राहत मिलने की संभावना है.

30 अप्रैल की सुबह दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 239 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है. इस स्तर की हवा में सांस लेने में कठिनाई हो सकती है, विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों के लिए. ऐसी स्थिति में लोगों को बाहर कम समय बिताने की सलाह दी जाती है, विशेष रूप से दोपहर के समय. मास्क पहनना, घर के अंदर रहना और हरी सब्जियों तथा पर्याप्त पानी का सेवन फायदेमंद होता है.

हीटवेव वह स्थिति होती है जब लगातार तीन या अधिक दिनों तक तापमान सामान्य से काफी अधिक रहता है, खासकर 40°C से ऊपर. यह स्थिति शरीर पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है, जैसे कि डिहाइड्रेशन, थकावट, चक्कर आना और हीट स्ट्रोक. इससे बचने के लिए लोगों को ढीले कपड़े पहनने चाहिए, भरपूर पानी पीना चाहिए, और दोपहर के समय धूप से बचना चाहिए. घर से बाहर निकलते समय छाता या टोपी का इस्तेमाल करना भी जरूरी है.

दिल्ली में प्रदूषण कई कारणों से बढ़ता है, जिनमें सबसे प्रमुख हैं – वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण स्थलों की धूल, कचरा जलाना और औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले हानिकारक तत्व. इसके अलावा, सर्दियों में पंजाब और हरियाणा से पराली जलाने का धुआं भी दिल्ली की हवा को प्रदूषित करता है. जब हवा की गति धीमी होती है तो ये प्रदूषक वातावरण में फंस जाते हैं और स्थिति और बिगड़ जाती है. यह नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है.

आज शाम या रात को हल्की बारिश या आंधी की संभावना जरूर है, जो कुछ समय के लिए राहत प्रदान कर सकती है. मौसम विभाग का अनुमान है कि प्री-मानसून गतिविधियों और पश्चिमी विक्षोभ के कारण यह परिवर्तन हो सकता है. हालांकि दिनभर तेज गर्मी और उमस का असर बना रहेगा. बारिश के कारण तापमान में थोड़ी गिरावट आ सकती है, लेकिन यह अस्थायी राहत होगी और अगले कुछ दिनों तक गर्मी फिर बढ़ सकती है.

‘हॉट डे’ वह स्थिति होती है जब दिन का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर चला जाए और न्यूनतम तापमान भी औसत से 5 डिग्री अधिक हो. ऐसे दिनों में वातावरण अत्यधिक गर्म होता है और लू चलने का खतरा भी बढ़ जाता है. यह स्थिति शरीर के तापमान को असंतुलित कर सकती है जिससे थकावट, चक्कर, हीट स्ट्रोक जैसी समस्याएं हो सकती हैं. विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को इन दिनों में अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए.

सनबर्न तब होता है जब त्वचा सीधे सूर्य की अल्ट्रावायलेट (UV) किरणों के संपर्क में आती है, जिससे त्वचा पर जलन, लालिमा, सूजन और छाले हो सकते हैं. यह स्थिति अधिक देर तक तेज धूप में रहने से होती है और त्वचा पर स्थायी दाग-धब्बे भी छोड़ सकती है. इससे बचाव के लिए सूर्य की किरणों से बचना, अच्छी गुणवत्ता की सनस्क्रीन का उपयोग करना, और हल्के, पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनना जरूरी होता है.

About the Author: Nishant Singh
निशांत कुमार सिंह एक पैसनेट कंटेंट राइटर और डिजिटल मार्केटर हैं, जिन्हें पत्रकारिता और जनसंचार का गहरा अनुभव है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए आकर्षक आर्टिकल लिखने और कंटेंट को ऑप्टिमाइज़ करने में माहिर, निशांत हर लेख में क्रिएटिविटीऔर स्ट्रेटेजी लाते हैं। उनकी विशेषज्ञता SEO-फ्रेंडली और प्रभावशाली कंटेंट बनाने में है, जो दर्शकों से जुड़ता है।
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