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Chandra Arya: क्या कनाडा को पहला भारतीय मूल का प्रधानमंत्री मिलेगा ?
Chandra Arya: क्या कनाडा को पहला भारतीय मूल का प्रधानमंत्री मिलेगा ?
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Friday, January 10, 2025
Last Updated On: Friday, January 10, 2025
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे की घोषणा के बाद वहां नए प्रधानमंत्री के नामों की चर्चा शुरू हो गई है। भारत मूल के कनाडाई चंद्र आर्य ने भी अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी है।
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Last Updated On: Friday, January 10, 2025
हाईलाइट
- भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने प्रधानमंत्री के लिए अपनी उम्मीदवारी घोषित की।
- आर्य वर्ष 2015 में पहली बार बने सांसद।
- चंद्र आर्य मूलतः कर्नाटक के रहने वाले हैं।
- कनाडा में उनकी छवि एक हिंदूवादी नेता की है।
भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य (Chandra Arya) ने जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद लिबरल नेतृत्व के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की है। चंद्र आर्य ने घोषणा की है कि जस्टिन ट्रूडो के प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी के पद से हटने के बाद वे लिबरल नेतृत्व के लिए चुनाव लड़ेंगे। वे नेपियन सीट से लिबरल प्रतिनिधि हैं।
फिलिस्तीन राज्य को मान्यता का वादा
आर्य ने कनाडा को ‘एक संप्रभु गणराज्य’ बनाने, सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने, नागरिकता आधारित कर प्रणाली शुरू करने और फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देने का वादा किया है। अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक वीडियो बयान में उन्होंने कहा। ‘मैं कनाडा का अगला प्रधानमंत्री बनने के लिए चुनाव लड़ रहा हूं। ताकि हमारे राष्ट्र के पुनर्निर्माण और भविष्य की पीढ़ियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए एक छोटी, अधिक कुशल सरकार का नेतृत्व कर सकूं।’
नए प्रधानमंत्री के सामने कई चुनौतियां
यदि आर्य निर्वाचित होते हैं तो वे भारतीय मूल के कनाडा के पहले प्रधानमंत्री होंगे। कनाडा के नए प्रधानमंत्री के सामने कई प्रकार की चुनौतियां आने वाली है। कनाडा की अर्थव्यवस्था लगातार गिर रहा है। अमेरिका में नेतृत्व परिवर्तन के बाद कनाडा का अमेरिका से संबंध खराब होने वाला है। नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसको लेकर इशारा भी किया है। ट्रूडो के कार्यकाल में भारत के साथ कनाडा का संबंध भी खराब हो चुका है। ऐसे में कनाडा को ऐसे नेतृत्व की जरूरत है, जो इन देशों से संबंध बेहतर बना सके।
साहसिक निर्णय लेने वाला नेतृत्व
आर्य ने अपनी दावेदारी पेश करने के बाद कहा, ‘यदि वे लिबरल पार्टी का नेता चुने जाते हैं तो वे ऐसे साहसिक निर्णय लेने के लिए अपना ज्ञान और विशेषज्ञता प्रदान करेंगे जो बिल्कुल आवश्यक हैं।’ उनके मुताबिक आज कनाडा को ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता है जो बड़े निर्णय लेने से न डरे। ऐसे निर्णय जो कनाडा की अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण करें। कनाडाई लोगों के उम्मीदों को पुनः स्थापित करें। सभी कनाडाई लोगों के लिए समान अवसर पैदा करें और हमारे बच्चों और नाती-नातिनों के लिए समृद्धि सुनिश्चित करें।
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कौन हैं चंद्र आर्य ?
ट्रूडो के वफादार चंद्र आर्य वर्तमान में हाउस ऑफ कॉमन्स के सदस्य हैं। वे मूल रूप से भारत के रहने वाले हैं। वे कर्नाटक के तुमकुर जिले के सिरा तालुक के द्वारलू गांव के निवासी हैं। आर्य ने धारवाड़ के कौसाली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) में मास्टर्स की डिग्री पूरी की है।
वर्ष 2006 में आए कनाडा
आर्य वर्ष 2006 में कनाडा चले गए थे। वे 2015 के संघीय चुनावों में पहली बार सांसद वे चुने गए। इसके बाद अगले चुनावों (वर्ष 2019) में फिर से जीते। 2022 में आर्य हाउस ऑफ कॉमन्स में कन्नड़ बोलने के लिए वायरल हो गए थे।
हिंदूवादी हैं आर्य
पिछले साल नवंबर में उन्होंने हिंदू विरासत माह को चिह्नित करने के लिए कनाडाई संसद के बाहर ‘ओम’ प्रतीक के साथ भगवा झंडा फहराने के लिए सबका ध्यान आकर्षित किया था। आर्य खालिस्तान के खिलाफ मजबूत हैं और कनाडा और भारत के बीच संबंधों पर अपने विचारों को लेकर अपने लिबरल कॉक्स सहयोगियों के साथ भिड़ गए हैं।