Myanmar EarthQuake: विनाशकारी भूकंप से एक हजार से ज़्यादा लोगों की हुई मौत, ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत भारत ने की मदद

Myanmar EarthQuake: विनाशकारी भूकंप से एक हजार से ज़्यादा लोगों की हुई मौत, ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत भारत ने की मदद

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Saturday, March 29, 2025

Updated On: Saturday, March 29, 2025

म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद गिरी इमारतों का मलबा, बचाव कार्य जारी। अमेरिका ने 10,000 से ज्यादा मौतों का दावा किया।
म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद गिरी इमारतों का मलबा, बचाव कार्य जारी। अमेरिका ने 10,000 से ज्यादा मौतों का दावा किया।

म्यांमार ने आधिकारिक बयान में बताया है कि 28 मार्च के विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या 1,000 को पार कर गई है. वहीं एक अमेरिकी एजेंसी ने मरने वालों की संख्या इससे दस गुना ज्यादा बताया है. इस एजेंसी ने चेतावनी दी है कि यह संख्या 10,000 से ज्यादा हो सकती है.

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Updated On: Saturday, March 29, 2025

हाईलाइट

  • शुक्रवार, 28 मार्च को म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप ने इन दोनों देशों के साथ पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया.
  • म्यांमार में एक हजार तो थाईलैंड में सौ से ज्यादा लोगों के मरने की खबर है.
  • म्यांमार ने पूरी दुनिया से मदद की अपील की.
  • भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ चलाकर म्यांमार को राहत सामग्री भेजी है.

Myanmar EarthQuake: म्यांमार में शुक्रवार, 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के एक दिन बाद प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य जारी है. देश के दूसरे सबसे बड़े शहर और भूकंप के केंद्र मांडले में बचावकर्मी मलबे से जीवित लोगों की तलाश कर उन्हें बाहर निकालने का प्रयास कर रहे हैं. म्यांमार के सरकारी मीडिया ने एक हजार से ज़्यादा लोगों के मरने की खबर दी है. वहीं एक अमेरिकी न्यूज़ एजेंसी ने मरने वालों की संख्या 10 हजार से ज़्यादा होने की संभावना जताई है.

शक्तिशाली भूकंप

म्यांमार का भूकंप इतना शक्तिशाली था कि यहां से 900 किलोमीटर दूर स्थित थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी इसका तेज असर महसूस किया गया. इस झटके के कारण बैंकॉक में भी कई ऐतिहासिक इमारतें और पुल ढह गए हैं. सिर्फ बैंकॉक ही नहीं, भारत के कई हिस्सों (मेघालय और मणिपुर आदि) के साथ-साथ बांग्लादेश में ढाका, चटगांव और चीन में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. यहां के बाद एक झटके अभी भी महसूस हो रहे हैं. बताया गया है कि पिछले 24 घंटे में 16 बार म्यांमार की धरती कांपी है.

म्यांमार की वर्तमान स्थिति

कुछ समय पहले म्यांमार के सरकारी मीडिया ने मरने वालों की संख्या जारी करते हुए घोषणा की कि कल आए भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,012 हो गई है. वहीं घायलों की संख्या 2,472 पहुंच गई है. प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य तेज गति से जारी है. पर सड़कों और पुलों के क्षतिग्रस्त होने के कारण कई प्रभावित स्थानों पर बचावकर्मियों का पहुंचना अभी भी मुश्किल है.

भारत ने पहुंचाई मदद

म्यांमार में भूकंप के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वहां के सैन्य प्रमुख से बात की और उन्हें हर संभव मदद पहुंचने की घोषणा की. उसके बाद भारत ने वायुसेना के C-130-J विमान पर सौर लैंप, खाद्य पैकेट और रसोई सेट सहित 15 टन राहत सामग्री म्यांमार भेजी.

इसके अलावा विशेष गियर और खोजी कुत्तों से लैस 40 NDRF बचाव दल म्यांमार के नेपीडाॅ के लिए रवाना हुए हैं. गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर दो और विमानों में राहत सामग्री रखी जा रही है. अधिकारियों से हरी झंडी मिलते ही ये दोनों विमान भी म्यांमार के लिए रवाना हो जाएंगे.

नरेन्द्र मोदी ने जुंटा प्रमुख से की बात

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बताया कि उन्होंने म्यांमार के जुंटा प्रमुख, वरिष्ठ जनरल एच.ई. मिन आंग ह्लाइंग से बात की है और विनाशकारी भूकंप में लोगों की मौत पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है. मोदी ने आगे कहा कि ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के हिस्से के रूप में, भारतीय अधिकारी और बचाव दल यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि राहत सामग्री प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से भेजी जा रही है.

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया है कि ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के जरिये भारत कल के भीषण भूकंप से प्रभावित म्यांमार के लोगों की सहायता पहुंचाने वाला पहला देश है. हमारी एनडीआरएफ टीम भी वहां पहुंच गई है. वे राहत और बचाव कार्य में मदद करेंगे.

सैन्य प्रमुख ने मांगी मदद

भूकंप के बाद म्यांमार बिजली और पानी के संकट का सामना कर रहा है. म्यांमार के जुंटा प्रमुख, मिन आंग ह्लाइंग ने पूरी दुनिया से सहायता का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा, ‘मैं म्यांमार में किसी भी देश, किसी भी संगठन या किसी भी व्यक्ति को आमंत्रित करना चाहूंगा कि वह आकर मदद करें. विदेशी सहायता के लिए सभी दरवाजे खोल दिए गए हैं. इसके बाद उन्होंने दुनिया को धन्यवाद कहा.

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।
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