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Cause of Type1 Diabetes in Children: बच्चों में डायबिटीज से निपटने के लिए यूनिसेफ करेगी काम, एक्सपर्ट से जानें बच्चों में डायबिटीज होने के कारण
Cause of Type1 Diabetes in Children: बच्चों में डायबिटीज से निपटने के लिए यूनिसेफ करेगी काम, एक्सपर्ट से जानें बच्चों में डायबिटीज होने के कारण
Authored By: स्मिता
Published On: Monday, December 23, 2024
Updated On: Monday, December 23, 2024
10वें अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह संघ एटलस 2021 के अनुसार, भारत में 0-19 वर्ष आयु वर्ग में टाइप 1 मधुमेह से पीड़ित बच्चों की संख्या 22,94,000 है। टाइप 1 डायबिटीज़ बचपन में होने वाली सबसे आम बीमारियों में से एक है। यह 20 वर्ष से कम उम्र के 400 बच्चों, किशोरों और युवा वयस्कों में से लगभग 1 को प्रभावित करता है।
Authored By: स्मिता
Updated On: Monday, December 23, 2024
इन दिनों बड़ों के साथ-साथ बच्चों में भी मधुमेह की समस्या अधिक हो रही है। इसलिए पश्चिम बंगाल सरकार और यूनिसेफ ने बच्चों में गैर-संक्रामक रोगों (Non Communicable Disease) जैसे टाइप-1 मधुमेह (Type 1 Diabetes) के उपचार के लिए एक नई पहल शुरू की है। यूनिसेफ के पश्चिम बंगाल प्रमुख डॉ. मंज़ुर हुसैन के अनुसार, इस रोग से पीड़ित बच्चों को दिन में कई बार इंसुलिन के इंजेक्शन लेने की आवश्यकता होती है। यूनिसेफ राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, आईपीजीईएमआर और एसएसकेएम अस्पताल के साथ मिलकर प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल (PHC) मॉडल को मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इसका उद्देश्य समुदाय और प्राथमिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत कर बच्चों में एनसीडी के रोकथाम और नियंत्रण के लिए एक प्रभावी व्यवस्था तैयार करना है। जानते हैं बच्चों में क्यों होता है डायबिटीज (cause of type 1 diabetes in children) ।
एनसीडी के लक्षणों की पहचान और इलाज (type 1 diabetes in children treatment)
भारत में बच्चों में मधुमेह के बढ़ते मामले को देखते हुए यूनिसेफ ने पश्चिम बंगाल अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के साथ भी साझेदारी की है। इससे राज्य के सभी जिलों में इन रोगों का इलाज उपलब्ध कराया जा सकेगा। पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें मेडिकल अधिकारी, नर्स, एएनएम, आशा कार्यकर्ता और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी शामिल होंगे। यह प्रशिक्षण बच्चों में मधुमेह और अन्य एनसीडी के लक्षणों की पहचान करने और उन्हें इलाज के लिए एनसीडी क्लीनिक भेजने में मदद करेगा। फिलहाल हावड़ा, हुगली, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, पूर्व बर्दवान और एसएसकेएम अस्पताल में एनसीडी क्लीनिक संचालित हैं। इन केंद्रों में हर साल लगभग 600 बच्चों का इलाज किया जा रहा है। सरकार ने 10 और जिला अस्पतालों में एनसीडी क्लीनिक शुरू करने की मंजूरी दी है।
क्या हैं बच्चों में मधुमेह के लक्षण (Type 1 Diabetes Symptoms)
एसएसकेएम अस्पताल के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुजॉय घोष ने बताया, ‘मधुमेह के लक्षणों वाले बच्चों को समय रहते पहचान करना जरूरी है। अत्यधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, वजन कम होना और थकान जैसे लक्षण मधुमेह की पहचान में सहायक हो सकते हैं। बदलती जीवनशैली और जंक फूड के बढ़ते उपभोग के कारण बच्चों और युवाओं में एनसीडी तेजी से बढ़ रही हैं। यह एक गंभीर चुनौती है, जिसके नियंत्रण के लिए जागरूकता जरूरी है। ’
क्यों होता है बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज़ (Cause of Type 1 Diabetes in Children)
डॉ. सुजॉय घोष के अनुसार, टाइप 1 डायबिटीज़ का सटीक कारण अज्ञात है। टाइप 1 डायबिटीज़ वाले ज़्यादातर लोगों में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली – जो आम तौर पर हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस से लड़ती है। यह गलती से अग्न्याशय में इंसुलिन बनाने वाली आइलेट कोशिकाओं को नष्ट कर देती है। इस प्रक्रिया में आनुवंशिकी और पर्यावरणीय कारक भूमिका निभाते हैं।
एक बार जब अग्न्याशय (Pancreas) की आइलेट कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं, तो बच्चा बहुत कम या बिल्कुल भी इंसुलिन (Insulin) नहीं बनाता है। इंसुलिन ब्लड स्ट्रीम से ऊर्जा के लिए शरीर की कोशिकाओं में ग्लूकोज ले जाने का महत्वपूर्ण काम करता है। जब भोजन पचता है तो शुगर ब्लड स्ट्रीम में प्रवेश करती है। पर्याप्त इंसुलिन के बिना बच्चे के ब्लड स्ट्रीम में शुगर(Sugar) का निर्माण होता है। अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा जटिलता पैदा कर सकता है। टाइप 1 डायबिटीज़ ज़्यादातर बच्चों में होती है, लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकती है।
(हिन्दुस्थान समाचार के इनपुट के साथ)
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