श्रीराम के बाद मां जानकी का बनेगा भव्य मंदिर, सीएम नीतीश कुमार की घोषणा के क्या हैं सियासी मायने

Authored By: सतीश झा

Published On: Sunday, June 22, 2025

Last Updated On: Sunday, June 22, 2025

मां जानकी मंदिर निर्माण की घोषणा करते सीएम नीतीश कुमार
मां जानकी मंदिर निर्माण की घोषणा करते सीएम नीतीश कुमार

इसी वर्ष नवंबर में बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) होना है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने मां सीता के प्रकाट्यभूमि सीतामढ़ी जिले के पुनौरा धाम (Punora Dham) में भव्य मंदिर बनने की घोषणा कर दी. साथ ही डिजाइन को सार्वजनिक कर दिया गया। इसके साथ ही इसका पॉलिटिकल कनेक्शन खोजा जा रहा है. कारण, लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha election 2024) से पहले अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर लोकार्पित हुआ. अब बिहार विधानसभा चुनाव के मौसम में मां जानकी के भव्य मंदिर बनने की बात. आखिर, पब्लिक तो सोचेगी ही.

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Sunday, June 22, 2025

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने रविवार को एक ऐतिहासिक और लंबे समय से प्रतीक्षित कदम उठाते हुए घोषणा की कि सीतामढ़ी के पुनौराधाम के व्यापक विकास के लिए मास्टर प्लान को अंतिम रूप दे दिया गया है. पुनौराधाम को देवी सीता की जन्मस्थली माना जाता है. अब यहां मां जानकी को समर्पित एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा.

यह घोषणा राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक पहल मानी जा रही है, जो आगामी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले आई है. मुख्यमंत्री ने इस भव्य परियोजना के वास्तुशिल्प डिज़ाइन की तस्वीरें एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा, “मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि सीतामढ़ी के पुनौराधाम में जगत जननी माता जानकी को समर्पित एक भव्य मंदिर के लिए वास्तुशिल्प डिज़ाइन अब तैयार है. निर्माण प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए एक समर्पित ट्रस्ट भी स्थापित किया गया है. मंदिर का निर्माण पूरे बिहार के लिए गर्व और सौभाग्य की बात होगी.”

सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की यह घोषणा निश्चित तौर पर धार्मिक दृष्टि से सराहनीय है, लेकिन इसे विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) के ठीक पहले लाया जाना, इसे राजनीतिक चश्मे से देखने को भी मजबूर करता है. अब देखना होगा कि जनता इस ‘जननी मंदिर’ को श्रद्धा का प्रतीक मानती है या सियासत का साधन.

निर्माण के लिए समर्पित ट्रस्ट गठित

मुख्यमंत्री के अनुसार, मंदिर निर्माण कार्य की प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए एक समर्पित ट्रस्ट का गठन कर दिया गया है. यह ट्रस्ट भूमि अधिग्रहण, डिज़ाइन अनुमोदन, निर्माण और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को शीघ्रता से पूरा करेगा.

क्यों महत्वपूर्ण है पुनौरा धाम?

पुनौरा धाम को माता सीता की जन्मस्थली माना जाता है और यह लंबे समय से उपेक्षित धार्मिक स्थलों में गिना जाता रहा है. अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण और लोकापर्ण के बाद अब बिहार में सीता मंदिर का निर्माण एक प्रतीकात्मक संतुलन भी दिखाया जा रहा है — यानी अब ‘राम के बाद जानकी’ की बारी.

नीतीश का बड़ा कदम या ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ की राह?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार अपने पुराने ‘सेक्युलर नेता’ की छवि को बनाए रखते हुए अब ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली बड़ी जीत और अयोध्या में श्रीराम मंदिर को मिले जबरदस्त समर्थन के बाद, नीतीश कुमार शायद बिहार के धार्मिक मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रहे हैं.

बिहार के सांस्कृतिक गौरव को मिलेगा नया आयाम

सीतामढ़ी में जानकी मंदिर की यह परियोजना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि यह मिथिला संस्कृति और विरासत को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा दिलाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है. माना जा रहा है कि इस मंदिर के बनने से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी.

विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव?

चूंकि राज्य में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव संभावित हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह पहल राजनीतिक संकेतों से भी अछूती नहीं मानी जा रही. राम मंदिर के बाद अब मां सीता मंदिर की घोषणा को ‘सांस्कृतिक संतुलन’ और ‘धार्मिक पहचान’ के रूप में देखा जा रहा है.

चुनावी समय पर क्यों हुई घोषणा?

नीतीश कुमार की यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब बिहार में नवंबर 2025 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में यह कदम मतदाताओं के धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को जोड़ने का प्रयास माना जा रहा है. यह भी एक संयोग है कि लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर का उद्घाटन हुआ. अब विधानसभा चुनाव से पहले जानकी मंदिर की घोषणा की गई है.

विपक्ष क्या कहेगा?

जहां एक ओर बीजेपी इस पहल को हिंदू आस्था के सम्मान के रूप में पेश कर सकती है, वहीं विपक्ष इसे चुनावी स्टंट बता सकता है. राजद और अन्य दल इस मुद्दे पर यह सवाल उठा सकते हैं कि इतने वर्षों में इस स्थल को भुला क्यों दिया गया और अब चुनाव के समय ही मंदिर निर्माण की बात क्यों?

क्या जनता के बीच बनेगा असर?

बिहार के मिथिलांचल और उत्तर बिहार के कई हिस्सों में मां जानकी के प्रति जबरदस्त आस्था है. ऐसे में यह घोषणा धार्मिक रूप से तो अहम है ही, चुनावी नजरिए से भी नीतीश कुमार के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. इसका सीधा असर मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, सुपौल, सहरसा जैसे जिलों की सीटों पर देखा जा सकता है.

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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