International Plastic Bag Free Day 2025: स्लोगन, कोट्स, फैक्ट्स और प्लास्टिक प्रदूषण पर जानें सब कुछ हिंदी में
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Wednesday, July 2, 2025
Updated On: Wednesday, July 2, 2025
हर साल 3 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग फ्री डे (International Plastic Bag Free Day) मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य है प्लास्टिक बैग्स के अत्यधिक उपयोग और उनके पर्यावरण पर पड़ने वाले गंभीर प्रभावों के प्रति जागरूकता फैलाना. यह दिन हमें सिंगल यूज़ प्लास्टिक से बचने और स्थायी विकल्प अपनाने की प्रेरणा देता है. इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि यह दिन क्यों मनाया जाता है, इसके पीछे का इतिहास क्या है और हम व्यक्तिगत तथा सामूहिक रूप से इसे कैसे नियंत्रित कर सकते हैं. साथ ही भारत में प्लास्टिक उपयोग की भयावह स्थिति के आंकड़ें तथा इससे जुड़ी रोचत तथ्य के बारे में जानेंगे.
Authored By: Ranjan Gupta
Updated On: Wednesday, July 2, 2025
प्लास्टिक से होने वाली दिक्कतों को उजागर करने और लोगों को इसके कम से कम इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ही हर साल 3 जुलाई के दिन इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री डे मनाया जाता है. यह दिवस न केवल एक प्रतीक है, बल्कि एक चेतावनी भी है कि अगर हमने अभी से प्लास्टिक पर नियंत्रण नहीं किया, तो आने वाली पीढ़ियों को एक भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. हम सभी को प्लास्टिक पॉल्यूशन के गंभीर खतरों के बारे में जानना बहुत जरूरी है. यह हमारे वर्तमान को तो खराब कर ही रहा है, साथ ही आने वाले जनरेशन को भी प्रभावित कर सकता है. आज कपड़ों से लेकर ब्यूटी प्रोडक्ट्स और पैकेजिंग तक में प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है.
अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग फ्री डे कब और क्यों मनाते हैं?

हर साल 3 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग फ्री डे (International Plastic Bag Free Day) मनाते हैं. इसका मुख्य उद्देश्य है प्लास्टिक बैग्स के अत्यधिक उपयोग से होने वाले पर्यावरणीय, सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधित नुकसानों के बारे में जागरूकता फैलाना. यह एक ग्लोबल पहल है जो प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए लोगों को जागरूक करती है.
यह दिन हमें याद दिलाता है कि प्लास्टिक बैग का सीमित और विवेकपूर्ण प्रयोग ही पृथ्वी की रक्षा का एकमात्र उपाय है. प्लास्टिक, विशेषकर सिंगल यूज प्लास्टिक, जल, थल और वायु हर जगह प्रदूषण फैला रहा है. यह न केवल जीव-जंतुओं के जीवन के लिए खतरा बन चुका है बल्कि मानवीय स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर समस्याएं पैदा कर रहा है.
International Plastic Bag Free Day Quotes
2 लाइन के कोट्स (Quotes in 2 lines)
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“प्लास्टिक बैग को कहें अलविदा, प्रकृति को दें नया सिला.”
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“आज जो बचाएंगे पर्यावरण, कल वही बनाएंगे सुनहरा जीवन.”
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“पर्यावरण का ये है आग्रह, प्लास्टिक से बनाओ दूरी का राग.”
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“छोटी सी थैली का त्याग करें, जीवन को सुंदर भाग बनाएं.”
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“हर थैली का विकल्प चुनो, प्रकृति से प्रेम जुनून बनाओ.”
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“जो प्लास्टिक को अपनाएगा, वो पृथ्वी को दुखी बनाएगा.”
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“पर्यावरण को है बचाना, प्लास्टिक को है हटाना.”
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“सिंगल यूज प्लास्टिक है घातक, इससे दूरी है लाभदायक.”
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“एक कदम बदलाव की ओर, प्लास्टिक से निजात की ओर.“
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“आज बचाओ पेड़-पौधे, कल मिलेगा स्वच्छ जीवन.“
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“विकल्पों को अपनाओ, प्लास्टिक को दूर भगाओ.”
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“प्लास्टिक कम कर दो यार, धरती का होगा उद्धार.”
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“हर खरीदारी में लाओ बदलाव, कपड़े का थैला बनाओ दाव.”
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“जब थैला जूट का होगा, तब भविष्य सुरक्षित होगा.”
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“जागो, समझो और बताओ, प्लास्टिक से मुक्ति का संदेश फैलाओ.”
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“पानी हो या हवा, हर जगह प्लास्टिक,
सांस लेने में भी हो गया ये खतरनाक.
अब समय है बदलने का रवैया,
प्लास्टिक से मुक्ति दिलाना है परिचय.”
4 लाइन के कोट्स (Quotes in 4 lines)
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“प्लास्टिक बैग से हो गई भारी गलती,प्रकृति ने दी है अब चेतावनी सख़्ती.धरती को बचाने का लो संकल्प,हर कदम पर दिखाओ पर्यावरणीय संकल्प.“
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“जुट जाओ अब हर गांव-शहर,प्लास्टिक के खिलाफ हो जाए असर.एक थैला कपड़े का क्या मुश्किल है,इससे बचती धरती और जीवन सरल है.“
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“विकास के साथ हो सोच समझदारी,प्लास्टिक हटाकर अपनाओ जिम्मेदारी.हर उपयोग में हो बदलाव का असर,पृथ्वी को बनाओ फिर से सुंदर नगर.“
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“धरती मां कर रही है पुकार,प्लास्टिक से छोड़ो ये संसार.प्राकृतिक संसाधन बचाओ अभी,भविष्य को बनाओ प्लास्टिक-मुक्त सही.“
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“हर व्यक्ति बने जागरूक,तभी होगा प्लास्टिक से मुक्ति का स्वरूप.सामूहिक प्रयासों से बदलेगी तस्वीर,नदियां, जंगल होंगे फिर से ग़ुलाब सी गंभीर.“
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“प्लास्टिक को ना कहने का वक्त आ गया,अब तो बदलाव का रास्ता साफ़ नज़र आ गया.करें एकजुट होकर ये संकल्प भारी,पृथ्वी को दें फिर से सुंदरता की सवारी.“
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“तोड़ दो अब ये प्लास्टिक की दीवार,लाओ प्रकृति के लिए नया व्यवहार.पुनः प्रयोग को बनाओ आदत,नहीं चाहिए अब प्लास्टिक की राहत.“
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“हर दिन लो एक छोटा सा प्रण,न इस्तेमाल होगा कोई प्लास्टिक कण.जियो धरती के साथ तालमेल में,बिना प्लास्टिक के हर खेल में.“
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“जो प्लास्टिक से मुंह मोड़ेगा,वो प्रकृति से प्रेम जोड़ेगा.जिंदगी को दें नई रफ्तार,बिना प्लास्टिक के हो व्यापार.“
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“प्लास्टिक हटाओ, जीवन बचाओ,नवयुवक शक्ति को आगे लाओ.साफ़ हवा और साफ़ जल चाहिए,अब कोई बहाना नहीं चाहिए.“
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“धरती का हमसे है ये सवाल,क्या हम देंगे उसे प्लास्टिक का जाल?या अपनाएंगे हरियाली का रास्ता,जिसमें न हो प्रदूषण का वास्ता.“
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“छोटे कदम भी बड़ा असर लाते हैं,जब सब साथ चलें तो क्रांति आते हैं.प्लास्टिक का त्याग है पहला चरण,बचा सकते हैं हम ये सुंदर धरन.“
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“बच्चों को दो स्वच्छ पर्यावरण का हक़,आज ही करो प्लास्टिक से फ़र्क.पुनः उपयोग को बनाओ पहचान,धरती के लिए है यही सबसे बड़ा मान.“
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“प्लास्टिक का उपयोग करो कम,हर जीवन में लाओ हरियाली का दम.मिटे प्रदूषण और बढ़े जीवन का मान,ऐसी हो हर घर की नई पहचान.“
International Plastic Bag Free Day Slogans | 15 प्रभावशाली स्लोगन
- “प्लास्टिक हटाओ, जीवन बचाओ!”
- “धरती की पुकार – प्लास्टिक से करो इनकार!”
- “ना प्लास्टिक, ना संकट – सिर्फ प्रकृति और संतुलन.”
- “प्लास्टिक को अलविदा, हरियाली को नमस्कार.”
- “एक थैला कपड़े का, हज़ारों प्लास्टिक से बेहतर.”
- “आज का त्याग, कल की राहत.”
- “प्लास्टिक नहीं, प्रकृति चाहिए!”
- “हर कदम हर सोच, प्लास्टिक से हो मुक्ति की खोज.”
- “प्लास्टिक को कहो ‘ना’, प्रकृति को कहो ‘हां’!”
- “बच्चों का भविष्य सुरक्षित बनाओ, प्लास्टिक को दूर हटाओ.”
- “साफ़ भारत, प्लास्टिक रहित भारत.”
- “प्लास्टिक से नहीं, पर्यावरण से दोस्ती करो.”
- “प्लास्टिक फ्री सोच, स्वच्छ पर्यावरण की खोज.”
- “प्लास्टिक बैग को कहो बाय-बाय, धरती को कहो हाई-हाई!”
- “हर बार नहीं प्लास्टिक, अब है स्थायी विकल्प की बात.”
International Plastic Bag Free Day 2025 इंस्टाग्राम, फेसबुक एंड व्हाट्सप्प (500×600) स्टेटस इन हिंदी
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International Plastic Bag Free Day मनाने की शुरुआत कब हुई थी?

अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग फ्री डे की शुरुआत यूरोप से हुई थी. 2009 में एक यूरोपीय संस्था ‘Zero Waste Europe’ ने इस अभियान की शुरुआत की थी. इसका उद्देश्य था लोगों को प्लास्टिक बैग के नुकसान और उसके वैकल्पिक समाधानों के बारे में बताना. यह धीरे-धीरे एक वैश्विक आंदोलन बन गया, और आज दुनिया के कई देशों में 3 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है.
भारत ने पहली जुलाई, 2022 को कूड़े और अप्रबंधित प्लास्टिक कचरे के कारण होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए एक निर्णायक कदम उठाया, जब पहचाने गए एकल या एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक की वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
भारत समेत दुनियाभर में प्लास्टिक उपयोग की स्थिति: चौंकाने वाले आंकड़े
प्लास्टिक खपत से जुड़े आंकड़ों को देखें तो जहां चीन दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, जो कुल वैश्विक खपत का 20 फीसदी इस्तेमाल कर रहा है. इसके बाद अमेरिका में यह आंकड़ा 18 फीसदी, यूरोपियन यूनियन में 16 फीसदी और अन्य एशियाई देश में 12 फीसदी है. भारत की बात करें तो यह छह फीसदी, जबकि जापान चार फीसदी प्लास्टिक का उपयोग कर रहा है. वहीं मध्य पूर्व में सात फीसदी जबकि अफ्रीका में पांच फीसदी प्लास्टिक की खपत होती है.
अध्ययन से पता चला है कि प्लास्टिक उत्पादन जो कभी 1950 में 20 लाख टन प्रति वर्ष था वो 2022 में बढ़कर 40 करोड़ टन पर पहुंच गया. मतलब की इसमें सालाना 8.4 फीसदी की वृद्धि हुई. वहीं आशंका है कि 2050 तक प्लास्टिक उत्पादन का यह आंकड़ा बढ़कर दोगना यानी 80 करोड़ टन तक पहुंच जाएगा.
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक दुनिया भर में हर मिनट दस लाख प्लास्टिक की बोतलें खरीदी जाती हैं, जबकि सालाना दुनिया में 500,000 करोड़ प्लास्टिक बैग इस्तेमाल किए जाते हैं. कुल मिलाकर, जितने प्लास्टिक का उत्पादन हो रहा है उसका आधा हिस्सा सिंगल यूज उद्देश्यों के लिए डिजाइन किया गया है.
आंकड़ों पर नजर डालें तो 2022 में 40 करोड़ टन प्लास्टिक का उत्पादन हुआ. लेकिन उसमें से महज 3.8 करोड़ टन यानी 9.5 फीसदी ही रीसायकल करके बनाया गया, जबकि बाकी 36.2 करोड़ टन प्लास्टिक में से 98 फीसदी का उत्पादन जीवाश्म ईंधन, मुख्य रूप से कोयला और तेल से किया गया.
प्लास्टिक कचरे से जुड़े आंकड़ों को देखें तो 2022 के आंकड़ों के अनुसार जहां चीन में 8.15 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा पैदा हो रहा है. वहीं अमेरिका में सालाना चार करोड़ टन, यूरोपियन यूनियन में तीन करोड़ टन, एशिया में 3.5 करोड़ टन, भारत में 94.8 लाख टन, जबकि जापान में 45 लाख टन प्लास्टिक कचरा पैदा हो रहा है.
प्लास्टिक से जुड़े कुछ रोचक तथ्य (Facts)

- एक प्लास्टिक बैग को बनने में 5 सेकंड लगते हैं, इस्तेमाल में 15 मिनट, लेकिन पर्यावरण से पूरी तरह खत्म होने में 500 साल तक का समय लगता है.
- दुनिया में हर साल लगभग 500 अरब प्लास्टिक बैग्स का उपयोग होता है, यानी प्रति मिनट लगभग 10 लाख बैग.
- समुद्र में पाए जाने वाले कचरे का 80% से अधिक हिस्सा प्लास्टिक होता है.
- हर साल 10 लाख समुद्री पक्षी और एक लाख समुद्री जीव प्लास्टिक खाने से मर जाते हैं.
- माइक्रोप्लास्टिक के रूप में प्लास्टिक हमारे पीने के पानी, नमक, यहां तक कि हवा में भी मिल चुका है.
सिंगल यूज प्लास्टिक: सबसे बड़ा खतरा
सिंगल यूज प्लास्टिक वे प्लास्टिक उत्पाद होते हैं जो एक बार उपयोग करने के बाद फेंक दिए जाते हैं, जैसे प्लास्टिक बैग, कप, प्लेट, स्ट्रॉ, बोतलें आदि. इनका पुनः उपयोग नहीं होता और इन्हें रीसायकल करना भी बेहद मुश्किल होता है. यही कारण है कि यह प्लास्टिक पर्यावरण के लिए सबसे खतरनाक साबित होता है.
भारत सरकार ने 1 जुलाई 2022 से कुछ सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध भी लगाया है. लेकिन इसका प्रभाव तभी बढ़ेगा जब आम नागरिक जागरूक होकर इसके उपयोग से परहेज करेंगे.
प्लास्टिक के नकारात्मक प्रभाव

1. पर्यावरणीय प्रभाव: प्लास्टिक जमीन, पानी और वायु को प्रदूषित करता है. जल स्रोतों में जाकर यह जल जीवन को खतरे में डालता है. जमीन में यह वर्षों तक सड़ता नहीं और मिट्टी की गुणवत्ता खराब करता है.
2. स्वास्थ्य पर असर: प्लास्टिक के जलने से निकलने वाला धुंआ विषैला होता है. यह सांस, त्वचा, फेफड़े और हार्मोन से जुड़ी बीमारियों का कारण बनता है. माइक्रोप्लास्टिक के सेवन से कैंसर तक का खतरा बढ़ता है.
3. जीव-जंतुओं को खतरा: समुद्री कछुए, मछलियां और पक्षी प्लास्टिक को भोजन समझकर खा लेते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है. इससे जैव विविधता पर खतरा मंडराता है.
4. आर्थिक नुकसान: प्लास्टिक प्रदूषण के कारण पर्यटन, मछली पालन, खेती जैसे क्षेत्रों में आर्थिक नुकसान होता है. इसके निपटान की लागत भी सरकारों पर भारी पड़ती है.
अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग फ्री डे कब और क्यों मनाते हैं?
हर साल 3 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग फ्री डे (International Plastic Bag Free Day) मनाते हैं. इसका मुख्य उद्देश्य है प्लास्टिक बैग्स के अत्यधिक उपयोग से होने वाले पर्यावरणीय, सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधित नुकसानों के बारे में जागरूकता फैलाना. यह एक ग्लोबल पहल है जो प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए लोगों को जागरूक करती है.
यह दिन हमें याद दिलाता है कि प्लास्टिक बैग का सीमित और विवेकपूर्ण प्रयोग ही पृथ्वी की रक्षा का एकमात्र उपाय है. प्लास्टिक, विशेषकर सिंगल यूज प्लास्टिक, जल, थल और वायु हर जगह प्रदूषण फैला रहा है. यह न केवल जीव-जंतुओं के जीवन के लिए खतरा बन चुका है बल्कि मानवीय स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर समस्याएं पैदा कर रहा है.
सिंगल यूज प्लास्टिक: सबसे बड़ा खतरा
सिंगल यूज प्लास्टिक वे प्लास्टिक उत्पाद होते हैं जो एक बार उपयोग करने के बाद फेंक दिए जाते हैं, जैसे प्लास्टिक बैग, कप, प्लेट, स्ट्रॉ, बोतलें आदि. इनका पुनः उपयोग नहीं होता और इन्हें रीसायकल करना भी बेहद मुश्किल होता है. यही कारण है कि यह प्लास्टिक पर्यावरण के लिए सबसे खतरनाक साबित होता है.
भारत सरकार ने 1 जुलाई 2022 से कुछ सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध भी लगाया है. लेकिन इसका प्रभाव तभी बढ़ेगा जब आम नागरिक जागरूक होकर इसके उपयोग से परहेज करेंगे.
प्लास्टिक का उपयोग कैसे कम कर सकते हैं?
1. कपड़े या जूट के थैले का उपयोग करें: खरीदारी के समय प्लास्टिक बैग की बजाय कपड़े या जूट का बैग लेकर जाएं.
2. सिंगल यूज प्लास्टिक से बचें: प्लास्टिक की प्लेट, कप, स्ट्रॉ, चम्मच जैसे उत्पादों की जगह स्टील, कांच या बायोडिग्रेडेबल विकल्प चुनें.
3. रिफिल और रियूज़ करें: पानी की बोतलों, डिब्बों को बार-बार रियूज़ करें. थोक में खरीदारी करें ताकि पैकेजिंग कम हो.
4. जागरूकता फैलाएं: परिवार, मित्र और समुदाय में प्लास्टिक के खतरे के बारे में जानकारी दें और बदलाव की शुरुआत स्वयं से करें.
5. वैकल्पिक उत्पादों का समर्थन करें: बाजार में अब ऐसे उत्पाद आ चुके हैं जो प्लास्टिक का पर्यावरणीय विकल्प हैं जैसे बांस के टूथब्रश, कागज़ की स्ट्रॉ, बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग आदि.
निष्कर्ष
प्लास्टिक एक अद्भुत आविष्कार था, लेकिन आज यह हमारे लिए अभिशाप बनता जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग फ्री डे केवल एक प्रतीक नहीं, बल्कि एक आंदोलन है जो हमें अपने जीवन में छोटे-छोटे बदलाव लाकर बड़े पर्यावरणीय सुधार की ओर प्रेरित करता है. यदि हम आज सजग नहीं हुए, तो आने वाली पीढ़ियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. तो आइए, आज से ही प्लास्टिक मुक्त जीवन की ओर कदम बढ़ाएं और इस धरती को आने वाली पीढ़ियों के लिए बचाएं.
FAQ
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