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टूटेगा दिल्ली का जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, बनेगी देश की सबसे आधुनिक ‘स्पोर्ट्स सिटी’
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Monday, November 10, 2025
Last Updated On: Monday, November 10, 2025
दिल्ली का प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम अब इतिहास बनने जा रहा है. केंद्र सरकार ने इसे पूरी तरह तोड़कर 102 एकड़ में नई ‘स्पोर्ट्स सिटी’ बनाने की योजना तैयार की है. यह प्रोजेक्ट कतर और ऑस्ट्रेलिया के आधुनिक खेल शहरों की तर्ज पर होगा और भारत के 2036 ओलंपिक मेजबानी के सपने को मजबूत करेगा.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Monday, November 10, 2025
Jawaharlal Nehru Stadium in Delhi: दिल्ली में खेलों की दुनिया एक नए युग में प्रवेश करने जा रही है. जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, जिसने 1982 के एशियाई खेलों से लेकर 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स तक भारतीय खेल इतिहास की अनगिनत यादें समेटी हैं, अब अपनी जगह एक वर्ल्ड-क्लास ‘स्पोर्ट्स सिटी’ को देने जा रहा है. केंद्र सरकार ने 102 एकड़ में फैले इस इलाके को पूरी तरह से पुनर्विकसित करने का फैसला किया है ताकि राजधानी को एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्पोर्ट्स हब मिल सके. यह मेगा प्रोजेक्ट न केवल भारतीय खिलाड़ियों के लिए अत्याधुनिक ट्रेनिंग सुविधाएं लेकर आएगा, बल्कि भारत के 2036 ओलंपिक की मेजबानी के सपने को भी नई उड़ान देगा.
खेल मंत्रालय का बड़ा फैसला
खेल मंत्रालय ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को पूरी तरह बदलने की तैयारी शुरू कर दी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां अब एक नई ‘स्पोर्ट्स सिटी’ बसाई जाएगी जो 102 एकड़ में फैली होगी. यह शहर कतर और ऑस्ट्रेलिया के मॉडल पर तैयार किया जाएगा ताकि राजधानी को मिले एक वर्ल्ड-क्लास स्पोर्ट्स हब. यह कदम 2036 ओलंपिक की मेजबानी के भारत के सपने को और मजबूती देने वाला है. मंत्रालय ने साफ किया है कि दिल्ली को अब इंटरनेशनल लेवल की खेल सुविधाएं मिलेंगी.
नई स्पोर्ट्स सिटी सिर्फ एक स्टेडियम नहीं होगी, बल्कि एक पूरी खेल नगरी बनेगी. यहां खिलाड़ियों के लिए ट्रेनिंग सेंटर, ओलंपिक लेवल के स्टेडियम, इंडोर एरिना, स्विमिंग कॉम्प्लेक्स और रेज़िडेंशियल ज़ोन जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी.
भारत की नज़र 2036 ओलंपिक पर
दिल्ली की इस नई ‘स्पोर्ट्स सिटी’ का सीधा रिश्ता भारत की बड़ी मंशा से है- 2036 ओलंपिक की मेजबानी. भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) पहले ही इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी को अपनी दिलचस्पी दिखा चुका है. ऐसे में यह प्रोजेक्ट भारत की तैयारी का अहम हिस्सा माना जा रहा है.
1982 के एशियन गेम्स के लिए बना यह स्टेडियम 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स के समय पूरी तरह से नया रूप लेकर सामने आया था. लगभग 60,000 दर्शकों की क्षमता वाला यह मैदान भारत की एथलेटिक्स टीम का प्रमुख केंद्र रहा है. यहां FIFA अंडर-17 वर्ल्ड कप, विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप और दिल्ली डायनामोज के इंडियन सुपर लीग मैच जैसे कई बड़े आयोजन हो चुके हैं. लेकिन अब, यही ज़मीन देश की सबसे आधुनिक और हाई-टेक खेल नगरी का रूप लेने जा रही है.
कब शुरू होगा निर्माण?
सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल ‘स्पोर्ट्स सिटी’ की डिज़ाइन और फंडिंग मॉडल पर काम जारी है. जैसे ही मूल्यांकन और मंजूरी की प्रक्रिया पूरी होगी, निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. सरकार का लक्ष्य है कि यह ‘स्पोर्ट्स सिटी’ सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे भारत की खेल पहचान बन जाए.
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