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सुबह-सुबह कर दिया नीतीश सरकार ने चुनावी धमाका, आशा-ममता कार्यकर्ताओं के मानदेय में तीन गुना तक बढ़ोतरी
Authored By: सतीश झा
Published On: Wednesday, July 30, 2025
Last Updated On: Wednesday, July 30, 2025
बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election, 2025) के माहौल के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने बुधवार सुबह एक अहम और चौंकाने वाला फैसला लेते हुए आशा और ममता कार्यकर्ताओं को बड़ी सौगात दी है. उन्होंने ट्वीट कर इन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के मानदेय में भारी बढ़ोतरी की घोषणा की, जिससे राज्य की ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी करीब एक लाख महिलाओं को सीधा लाभ मिलेगा.
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Wednesday, July 30, 2025
मुख्यमंत्री (CM Nitish Kumar) के मुताबिक, अब आशा कार्यकर्ताओं (Asha Workers) को हर महीने ₹1000 की बजाय ₹3000 की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. वहीं ममता कार्यकर्ताओं (Mamta Workers) को मिलने वाली ₹300 की प्रतिपादक राशि बढ़ाकर ₹600 कर दी गई है. सरकार का कहना है कि यह कदम राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और इन कार्यकर्ताओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए उठाया गया है.
सोशल मीडिया पोस्ट में कहा नीतीश कुमार ने
नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है. आशा एवं ममता कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त किया जा रहा है. आने वाले समय में और भी सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे.”
80 हजार आशा, 20 हजार ममता कार्यकर्ताओं को मिलेगा लाभ
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में करीब 80 हजार आशा और 20 हजार ममता कार्यकर्ता कार्यरत हैं, जो लंबे समय से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रही थीं. इस फैसले से उनमें उत्साह है और सरकार के प्रति भरोसा भी बढ़ा है.
देखे जा रहे हैं राजनीतिक निहितार्थ भी
इस घोषणा को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है. जानकारों का मानना है कि यह निर्णय सीधे ग्रामीण महिलाओं और जमीनी स्तर पर सक्रिय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को साधने की रणनीति का हिस्सा है — ऐसे वर्ग जो चुनावों में अहम भूमिका निभाते हैं.
अब बसों में खड़े होकर सफर नहीं करेंगी बिहार की महिलाएं
इसके साथ ही महिला वोटरों को लुभाने के लिए बिहार सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. अब राज्य की बसों में महिलाओं के लिए आगे की चार सीटों की पंक्तियां आरक्षित कर दी गई हैं. चुनावी साल में महिलाओं के हित में लिए गए इस फैसले को राजनीतिक रूप से भी अहम माना जा रहा है. यह निर्णय परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई एक अहम बैठक में लिया गया. उन्होंने बताया कि बसों में सफर करने वाली महिलाओं को अक्सर सीट न मिलने की समस्या का सामना करना पड़ता है, जिससे उन्हें खड़े होकर यात्रा करनी पड़ती है या असुविधा झेलनी पड़ती है.
सरकार का यह निर्णय महिलाओं की यात्रा को सुरक्षित, सहज और सम्मानजनक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है. परिवहन विभाग इस निर्णय को सभी सार्वजनिक और अनुबंधित बसों में तत्काल प्रभाव से लागू करने की तैयारी कर रहा है.
विपक्ष ने बताया चुनावी स्टंट, विशेषज्ञों ने सराहा
जहां राजद (RJD) और कांग्रेस (Congress) जैसे विपक्षी दलों ने इसे “चुनाव को देखते हुए उठाया गया पॉलिटिकल स्टंट” बताया, वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे जमीनी स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा.
चुनावी साल में नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का यह कदम स्पष्ट संकेत है कि इस बार उनकी प्राथमिकता गांव, महिलाएं और स्वास्थ्य सेवाएं हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि यह फैसला राजनीतिक रूप से उन्हें कितनी बढ़त दिला पाता है, लेकिन फिलहाल, यह ग्रामीण महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत साबित हो रहा है.
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