SIR पर थम नहीं रही सियासी बयानबाजी, चुनाव में बन सकता है बड़ा मुद्दा

SIR पर थम नहीं रही सियासी बयानबाजी, चुनाव में बन सकता है बड़ा मुद्दा

Authored By: सतीश झा

Published On: Monday, July 21, 2025

Last Updated On: Monday, July 21, 2025

SIR Controversy को लेकर सियासी बयानबाज़ी तेज़, नेताओं के तीखे आरोप-प्रत्यारोप, जानिए कैसे यह मुद्दा चुनाव में बड़ा असर डाल सकता है.
SIR Controversy को लेकर सियासी बयानबाज़ी तेज़, नेताओं के तीखे आरोप-प्रत्यारोप, जानिए कैसे यह मुद्दा चुनाव में बड़ा असर डाल सकता है.

बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सियासी सरगर्मी थमने का नाम नहीं ले रही है. एक ओर जहां विपक्ष इसे चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाने वाला कदम बता रहा है, वहीं सत्तारूढ़ गठबंधन इस प्रक्रिया को लोकतंत्र को मजबूत करने वाला निर्णय करार दे रहा है.

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Monday, July 21, 2025

SIR Controversy: बिहार विधानसभा सत्र के पहले दिन सोमवार को राजद विधायक और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने राज्य में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विधानसभा में चर्चा की माग की. उन्होंने कहा कि यह मुद्दा बेहद संवेदनशील है और इससे गरीब एवं वंचित वर्ग के मताधिकार पर सीधा असर पड़ सकता है.

सदन में SIR पर व्यापक चर्चा कराई जाए

तेजस्वी यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “आज से विधानसभा सत्र शुरू हो गया है और हम मांग करते हैं कि सदन में SIR पर व्यापक चर्चा कराई जाए. यह केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि लोकतंत्र से जुड़ा मुद्दा है.” उन्होंने यह भी आशंका जताई कि इस विशेष पुनरीक्षण के जरिए कुछ लोगों को जानबूझकर मतदाता सूची (Voter List) से बाहर करने की कोशिश की जा सकती है. तेजस्वी ने स्पष्ट कहा कि, “राजद यह सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष करेगी कि कोई भी गरीब मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न रहे। यह हमारा लोकतांत्रिक कर्तव्य है.”

राजद (RJD) की ओर से यह बयान ऐसे समय आया है जब विपक्ष लगातार SIR प्रक्रिया की पारदर्शिता और समय-सीमा पर सवाल उठा रहा है और चुनाव आयोग की भूमिका पर भी संदेह जता रहा है.

SIR पर सवाल उठाने वालों को हो संविधान का ज्ञान

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने विपक्ष द्वारा SIR पर सवाल उठाए जाने को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने चुनाव आयोग की कार्रवाई को पूरी तरह संविधान सम्मत बताया. पत्रकारों से बात करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा, “भारत का चुनाव आयोग संविधान के अनुसार अपना काम कर रहा है. बिहार में आयोग वही कर रहा है जो संविधान कहता है. मुझे लगता है कि जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें संविधान का अध्ययन करना चाहिए.” उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग राष्ट्रहित में कार्य कर रहा है और उसकी नीयत व प्रक्रिया पर सवाल उठाना देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला है.

विधानसभा चुनाव में SIR एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बन सकता

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में SIR एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बन सकता है, खासकर जब इसकी निष्पक्षता और उद्देश्य को लेकर विभिन्न पक्षों में मतभेद नजर आ रहे हैं. RJD, कांग्रेस और वाम दलों ने इस पुनरीक्षण अभियान को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. इन दलों का कहना है कि चुनाव से महज कुछ महीने पहले SIR की घोषणा, खासकर बिहार जैसे राज्य में, संदेह पैदा करती है. वहीं दूसरी ओर, भाजपा और JDU ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि “यह प्रक्रिया लोकतांत्रिक व्यवस्था का हिस्सा है. हम चाहते हैं कि हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में हो और कोई भी अपात्र उसमें शामिल न रहे.”

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आएंगे, SIR का मुद्दा सियासी रुख और रणनीतियों को प्रभावित कर सकता है. यह न केवल चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर बहस को जन्म दे रहा है, बल्कि यह भी सवाल खड़े कर रहा है कि इस प्रक्रिया का समय और उद्देश्य क्या है.

अब देखना यह होगा कि यह विवाद सिर्फ बहस तक सीमित रहता है या चुनावी मुद्दा बनकर जनता की राय को भी प्रभावित करता है. फिलहाल, SIR पर जारी बयानबाजी ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है.

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About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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