Bollywood Fathers and Family Time : फैमिली के साथ क्वालिटी टाइम बिताने को प्राथमिकता दे रहे बॉलीवुड और टीवी एक्टर्स

Bollywood Fathers and Family Time : फैमिली के साथ क्वालिटी टाइम बिताने को प्राथमिकता दे रहे बॉलीवुड और टीवी एक्टर्स

Authored By: अंशु सिंह

Published On: Wednesday, January 22, 2025

Bollywood fathers and TV actors giving priority to family time.
Bollywood fathers and TV actors giving priority to family time.

अब एक्टर्स, पारिवारिक फर्ज निभाने के लिए करियर से ब्रेक लेने के अलावा अपने वीकेंड्स को कुछ इस तरह प्लान कर रहे हैं कि अपने बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिता सकें.

Authored By: अंशु सिंह

Updated On: Wednesday, January 22, 2025

Bollywood Fathers and Family Time: सैफ अली खान (Saif Ali Khan) अस्पताल से घर लौट आए हैं. सब जानते हैं कि उन्होंने अपने बच्चों एवं परिवार को सुरक्षित रखने के लिए कितना बड़ा जोखिम उठाया. क्योंकि वे परिवार को अहमियत देते हैं। उन्हें बच्चों के साथ समय बिताना पसंद है। वे जेह (Jeh) के क्राफ्ट क्लासेज में जाते हैं. तैमूर (Taimur) को स्कूल से पिक करते हैं. बेटी सारा (Sara Ali Khan) एवं बेटे इब्राहिम (Ibrahim) को उनके करियर संबंधी निर्णय लेने में सपोर्ट करते हैं. कई मौकों पर उन्हें बच्चों संग पेंटिंग व गार्डनिंग करते देखा गया है. कह सकते हैं कि अपने व्यस्ततम शिड्यूल के बीच भी बच्चों के लिए वे हमेशा उपलब्ध रहते हैं. उन्हें आवश्यक सलाह एवं मार्गदर्शन देते रहते हैं. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि उन्हें बच्चों संग समय बिताना बहुत पसंद है. वे बहुत सारे सवाल पूछते हैं, जिनके जवाब मुझे देने होते हैं. मेरी ओर से उन पर किसी प्रकार का दबाव नहीं होता कि वे अमुक काम ही करें. वे जो बनना चाहें बन सकते हैं। चाहे एक स्कूल टीचर ही क्यों न बनें, जब तक वे खुश हैं.

विक्रांत ने परिवार के लिए एक्टिंग से लिया ब्रेक

कुछ अर्से पहले ही अभिनेता विक्रांत मैसी (Vikrant Massey) ने सक्रिय एक्टिंग से ब्रेक लेने का एलान किया है, ताकि अपने बच्चे की परवरिश पर ध्यान दे सकें। विक्रांत ने जब सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा कि वे एक अच्छे पति, पिता एवं बेटे बनने पर फोकस करना चाहते हैं और इसीलिए फिल्म इंडस्ट्री से ब्रेक ले रहे हैं, तो फैंस से लेकर हर कोई हैरान रह गया. विक्रांत अपने करियर के पीक पर थे. उनके पास कई फिल्मों के प्रोजेक्ट थे. जैसे ‘यार जिगरी’, ‘टीएमई’ एवं ‘आंखों की गुस्ताखियां’. लेकिन इनके रिलीज होने से पहले विक्रांत ने इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया. छोटे पर्दे से अपनी एक्टिंग की शुरुआत करने वाले विक्रांत ने टीवी पर धर्मवीर, बालिका वधू, कुबूल है जैसे सीरियल्स में काम किया. बहुत नाम कमाया. दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई. इसके बाद जब फिल्मों का रुख किया, तो वहां भी उन्हें ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ा. विक्रांत बड़े कलाकारों के साथ काम करके कभी असहज नहीं दिखे, बल्कि अपनी एक खास छाप छोड़ने में कामयाब रहे.

वर्क-लाइफ बैलेंस का शबीर रखते हैं खयाल

टीवी के ही एक और बड़े नाम हैं शबीर अहलूवालिया (Shabir Ahluwalia)। करीब दो दशक से शो बिजनेस में बने रहना आसान नहीं है. इस दौरान शबीर ने टीवी सीरियल्स ‘कहीं तो होगा’, ‘प्यार का पहला नाम: राधा मोहन’, ‘कुमकुम भाग्य’ के अलावा फिल्मों में भी किस्मत आजमाया. फिल्म ‘शूटआउट एट लोखंडवाला’ एवं ‘मिशन इस्तानबुल’ में उन्होंने भूमिकाएं निभायीं. शबीर जल्दी काम शुरू करके, उसे समय पर खत्म करते हैं, ताकि अपने दोनों बेटों के साथ समय बिता सकें. उनके मुताबिक वर्क-लाइफ बैलेंस जरूरी है. काम ही सब कुछ नहीं हो सकता. परिवार के साथ भी एक जिन्दगी होती है आपकी. शबीर की मानें, तो नया शो शुरू होने पर कुछ महीने अधिक व्यस्त होते हैं। लेकिन एक बार जब लय में आ जाती हैं चीजें, तो वे परिवार के लिए क्वालिटी टाइम निकाल लेते हैं.

परिवार है कुणाल की प्राथमिकता

टीवी सीरियल ‘झनक’ में मुख्य भूमिका निभाने वाले अभिनेता कुणाल वर्मा ने एक लंबे ब्रेक के बाद छोटे पर्दे पर वापसी की है. वे कहते हैं कि उनके लिए काम जरूरी है, लेकिन उससे अधिक जरूरी है एक अच्छा इंसान बनना और परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताना. कुणाल की मानें, वे हमेशा परिवार को प्राथमिकता देते हैं.उन्होंने निजी जिन्दगी और काम के बीच संतुलन बनाना सीख लिया है. कुणाल एक अच्छे अर्से तक छोटे पर्दे से दूर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने बहुत धैर्यता के साथ खुद के हुनर को तलाशने पर ध्यान दिया है. घर पर रहने से परिवार के साथ बॉन्डिंग और गहरी हुई है. वे मानते हैं कि समय हर मर्ज की दवा है। सब कुछ अपने समय पर ही होता है। सिर्फ धैर्य रखने की आवश्यकता होती है.

महेश बाबू को पसंद है बेटी संग समय बिताना

दक्षिण भारतीय सिनेमा के सुप्रसिद्ध अभिनेता महेश बाबू को भी परिवार और बेटी सितारा के साथ समय बिताना बहुत पसंद है. नम्रता उनकी दोस्त एवं पत्नी दोनों हैं. वे दोनों साथ मिलकर परिवार का ध्यान रखते हैं। जिस दिन उन्हें शूटिंग या किसी काम पर नहीं जाना होता है, महेश बेटी को भी स्कूल बंक करने पर राजी कर लेते हैं. फिर दोनों साथ में मजे करते हैं। साथ में फिल्में देखते हैं या घूमने जाते हैं. सितारा के अनुसार, घर में उनके पिता सिर्फ एक पिता होते हैं, न कि कोई एक्टर। बच्चों के प्रति महेश के स्नेह को इस घटना से भी जाना जा सकता है कि जब फिल्म ‘मुफासा: द लायन किंग’ के तेलुगु वर्जन के लिए उनसे डब करने को कहा गया, तो उन्होंने उसे सहर्ष स्वीकार कर लिया. महेश का कहना था कि उनके लिए परिवार ही सब कुछ है. ऐसे में डिजनी के साथ साझेदारी करना इसलिए खास रहा, क्योंकि वे उस अनुभव को अपने बच्चों के संग साझा कर सकेंगे. वे चाहते हैं कि बच्चे अपनी पसंद के क्षेत्र में आगे बढ़ें.

अक्षय देते हैं परिवार को क्वालिटी टाइम

बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार कितने मशरूफ रहते हैं, ये जगजाहिर है. लेकिन इसी व्यसतता के बीच वे अपने बच्चों एवं परिवार के लिए समय निकालना नहीं भूलते. उनकी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखते हैं. कभी बेटी नितारा के साथ डॉल हाउस बनाते हैं, उसके संग खेलते हैं, सोने से पहले उसे कहानियां सुनाते हैं, तो कभी पत्नी के साथ उनके काम में हाथ बंटाते हैं. वे बच्चों को भी मां का हाथ बंटाने के लिए प्रेरित करते हैं. इसके अलावा, फिटनेस फ्रीक अक्षय अपने बच्चों को भी एक्सरसाइज एवं फिटनेस पर पूरा ध्यान देने की सीख देते हैं. साथ में एक्सरसाइज करते हैं, क्योंकि उससे आपस की बॉन्डिंग अच्छी होती है. अक्षय अपने बच्चों को मोटिवेट करने के साथ उनके अंदर अच्छे संस्कार भरने पर जोर देते हैं, जिससे कि वे कड़ी मेहनत करने से कभी संकोच न करें. उनका मानना है कि मेहनत करके ही जिन्दगी को आरामदायक बनाया जा सकता है. सबकुछ थाली में परोस कर नहीं मिलता. बेटा आरव पिता से मिली इस सीख को गांठ बांधकर चलता है.

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About the Author: अंशु सिंह
अंशु सिंह पिछले बीस वर्षों से हिंदी पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं। उनका कार्यकाल देश के प्रमुख समाचार पत्र दैनिक जागरण और अन्य राष्ट्रीय समाचार माध्यमों में प्रेरणादायक लेखन और संपादकीय योगदान के लिए उल्लेखनीय है। उन्होंने शिक्षा एवं करियर, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक मुद्दों, संस्कृति, प्रौद्योगिकी, यात्रा एवं पर्यटन, जीवनशैली और मनोरंजन जैसे विषयों पर कई प्रभावशाली लेख लिखे हैं। उनकी लेखनी में गहरी सामाजिक समझ और प्रगतिशील दृष्टिकोण की झलक मिलती है, जो पाठकों को न केवल जानकारी बल्कि प्रेरणा भी प्रदान करती है। उनके द्वारा लिखे गए सैकड़ों आलेख पाठकों के बीच गहरी छाप छोड़ चुके हैं।
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