A1 और A2 के नाम से बिकता रहेगा दूध, FSSAI ने वापस लिया निर्देश

A1 और A2 के नाम से बिकता रहेगा दूध, FSSAI ने वापस लिया निर्देश

Authored By: स्मिता

Published On: Tuesday, August 27, 2024

Updated On: Wednesday, February 5, 2025

fssai A1 and A2 labelling on milk
fssai A1 and A2 labelling on milk

5 दिन पहले खाद्य सुरक्षा नियामक FSSAI ने यह निर्देश जारी किया था कि मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट की पैकेजिंग से 'A1' और 'A2' प्रकार लेबलिंग हटा ली जाए। अब यह निर्देश वापस ले लिया गया है, जिससे दूध और दूध से तैयार उत्पाद A1 और A2 प्रकार की लेबलिंग के साथ बिकेंगे।

Authored By: स्मिता

Updated On: Wednesday, February 5, 2025

खाद्य सुरक्षा नियामक (FSSAI) ने अपनी हाल की सलाह वापस ले ली, जिसमें खाद्य व्यवसायों को पैकेजिंग से ‘A1’ और ‘A2’ प्रकार के दूध और दूध उत्पादों के दावों को हटाने का निर्देश दिया गया था। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) नेके अनुसार, हितधारकों के साथ आगे के परामर्श के लिए सलाह वापस ले ली गई है। इसका मतलब यह हुआ कि खाद्य व्यवसाय संचालक (FBO) ‘A1’ और ‘A2’ प्रकार के दूध के दावों के साथ अपने उत्पादों को बेचना और विपणन करना जारी रख सकते हैं।

दूध और दूध उत्पादों के दावे खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के अनुरूप नहीं

अपने ताजा एडवाइजरी में नियामक ने कहा, ’21 अगस्त, 2024 की तिथि वाली एडवाइजरी हितधारकों के साथ आगे के परामर्श और सहभागिता के लिए वापस ली जाती है। FSSAI ने अपनी सलाह में FBO से अपने उत्पादों से ‘A1 और A2 के दावों को हटाने को कहा था। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को भी उत्पादों और वेबसाइटों से इन दावों को तुरंत हटाने को कहा गया था। नियामक ने कहा था कि ‘A1’ और ‘A2’ प्रकार के दूध और दूध उत्पादों के दावे खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अनुरूप नहीं हैं।

क्या है A1 और A2 दूध

A1 और A2 का प्रकार दूध में बीटा-कैसिइन प्रोटीन की संरचना से जुड़ा हुआ है। A1 और A2 दूध में बीटा-कैसिइन प्रोटीन संरचना भिन्न होती है, जो गाय की नस्ल के आधार पर भिन्न होती है। A1 दूध, जो सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला दूध है। यह प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। यह पश्चिमी मूल की गायों जैसे होलस्टीन, जर्सी आदि से प्राप्त किया जाता है और इससे बड़ी मात्रा में दूध मिलता है। A2 दूध भारतीय मूल की गायों जैसे गिर, साहीवाल आदि से प्राप्त किया जाने वाला दूध है।

About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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