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उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल सहित कई राज्यों में होती है दूध में बहुत अधिक मिलावट, जानिए स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक है मिलावटी दूध पीना
उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल सहित कई राज्यों में होती है दूध में बहुत अधिक मिलावट, जानिए स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक है मिलावटी दूध पीना
Authored By: स्मिता
Published On: Tuesday, August 13, 2024
Updated On: Wednesday, February 5, 2025
Milk Adulteration : उत्तरप्रदेश, पंजाब, हिमाचल, केरल सहित कई राज्यों में दूध में बहुत अधिक मिलावट की जाती है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया (FSSAI) द्वारा उपलब्ध किये गए आंकड़ों के आधार पर केंद्रीय मंत्रालय ने यह चौंकाने वाला खुलासा किया है। रिसर्च बताता है कि स्वास्थ्य के लिए कितना नुकसानदेह है मिलावटी दूध पीना।
Authored By: स्मिता
Updated On: Wednesday, February 5, 2025
क्या आप जानते हैं कि प्रतिदिन जो दूध आप पी रहे हैं और दूध से बने विभिन्न प्रकार के सामान (Milk Product) खा रहे हैं, उनमें मिलावट (Milk Adulteration) होती है। केंद्रीय मंत्रालय ने यह चौंकाने वाली जानकारी सामने लाई है। ज्यादातर राज्यों में मिलावट होने के सबूत मिल रहे हैं। दूध में यूरिया और डिटर्जेंट जैसे खतरनाक केमिकल की मिलावट हो सकती है। इस मिलावट के कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं (Health Problem) हो सकती हैं। इसके कारण पोषण संबंधी समस्या हो सकती है। हार्ट डिजीज और किडनी डिजीज की संभावना बनने लगती है।
दूध में मिलावट पर क्या कहते हैं आंकड़े (Milk adulteration data in India)
यह चिंताजनक जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से राज्यसभा में प्रस्तुत आंकड़ों की छानबीन में सामने आई है। राज्यसभा में पेश आंकड़ों के अनुसार, देश में दूध में सबसे अधिक मिलावट के मामले उत्तर प्रदेश (Milk adulteration data in India) में पाए गए। इसके बाद केरल व तमिलनाडु का स्थान आता है। पंजाब में भी दूध व दुग्ध उत्पादों में मिलावट की मात्रा काफी अधिक पाई गई है। खुले दूध, दूध के पैकेटों, पनीर, दही, मिठाई, बिस्कुट आदि के सैंपलों की जांच की गई। राज्यसभा में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया (FSSAI) ने पिछले तीन वर्षों में लिए गए सैंपलों के आंकड़े प्रस्तुत किए। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2023-24 में दूध व दूध से बने उत्पादों के 27,750 में से 16,183 सैंपल फेल पाए गए। पंजाब की बात की जाए, तो दूध व दूध से बने उत्पादों के 6,041 में से 929 सैंपल फेल पाए गए। हिमाचल में 1617 में 396, हरियाणा 3485 में से 856, राजस्थान में 18264 में से 3565 सैंपल फेल हुए।
मिलावट और गुणवत्ता की जांच जरूरी (Milk adulteration test)
हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग के शोध बताते हैं , ‘दूध प्रोटीन (Milk Protein) का महत्वपूर्ण स्रोत है। किसी की उम्र चाहे जो भी हो, दूध और दूध से बने उत्पाद (Milk Product) किसी न किसी रूप में दैनिक आहार में शामिल होते हैं। बच्चे दूध से बने स्वास्थ्यवर्धक पेय पीते हैं, जबकि वयस्क या तो चाय या कॉफी के आदी होते हैं। यह न केवल आपके दिन की शुरुआत करने में मदद करता है, बल्कि दही या छाछ जैसी दूध से बनी चीज़ें भोजन के लिए ज़रूरी हैं। पूरे देश में दूध से तैयार कई मीठे व्यंजन भी खाये जाते हैं। इसलिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि यह उपभोग के लिए सुरक्षित हो। भारत में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) खाद्य और सुरक्षा नियमों पर नजर रखने वाला सरकारी निकाय है। यह दूध में मिलावट और गुणवत्ता की जांच करता है। हालांकि नागरिकों को भी दूध में मिलावट (Milk adulteration) के बारे में खुद को शिक्षित करना चाहिए।
दूध में मिलावट से हो सकती हैं जानलेवा बीमारियां (Milk adulteration can cause fatal diseases)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत को चेतावनी दी है कि अगर दूध में मिलावट को नहीं रोका गया, तो वर्ष 2025 तक आबादी का एक बड़ा हिस्सा जानलेवा बीमारियों का सामना कर सकता है।
त्योहारों के दौरान दूध में मिलावट और अधिक बढ़ जाती है। इसलिए इसकी आपूर्ति को प्रबंधित करना एक चुनौती है। सामान्य तौर पर नियमित रूप से मिलावटी दूध के सेवन से स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकते हैं।
- अंगों की खराबी (Organ Failure)
- हृदय से संबंधित समस्याएं (Heart Disease)
- कैंसर (Cancer)
- आंखों की रोशनी कम होना (weak eyesight)
- किडनी की समस्या (Kidney Disease)
- मृत्यु (Death)v
घर पर दूध की शुद्धता की जांच करने का तरीका (how to detect milk adulteration at home)
1. पानी की मिलावट को जांचना
हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग के अनुसार, सबसे अधिक दूध में पानी की मिलावट की जाती है। इसका इस्तेमाल दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए किया जाता है। पानी सीधे आपके स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं कर सकता है, लेकिन दूषित पानी निश्चित रूप से ऐसा करेगा। दूध में पानी की मिलावट है या नहीं, यह जांचने का एक सरल तरीका है कि दूध की एक बूंद तिरछी सतह पर रखें। अगर दूध आसानी से बहता है, तो इसमें पानी की मात्रा अधिक है। शुद्ध दूध धीरे-धीरे बहेगा।
2. स्टार्च की मिलावट की जांच
दूध के नमूने में आयोडीन मिलाने से स्टार्च मिला हुआ दूध नीला हो जाएगा।
3. यूरिया टेस्ट
एक ट्यूब में दूध के नमूने में सोयाबीन पाउडर डालें। इसे हिलाएं और लाल लिटमस पेपर डालें। अगर यह नीला हो जाता है, तो दूध में यूरिया है।
4. डिटर्जेंट की जांच
दूध का 10 मिली सैंपल लें और इसमें 10 मिली पानी मिलाएं। मिश्रण को हिलाएं। अगर सैंपल में झाग बन जाता है, तो इसमें डिटर्जेंट है।
सिंथेटिक दूध पीने के बाद मुंह का स्वाद कड़वा हो जाएगा।
(हिंदुस्तान समाचार के इनपुट्स के साथ)