Immunity in Monsoon : बारिश के मौसम में बार-बार पड़ रहे हैं बीमार, तो वीक इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग करने के लिए आजमाएं ये 5 उपाय

Immunity in Monsoon : बारिश के मौसम में बार-बार पड़ रहे हैं बीमार, तो वीक इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग करने के लिए आजमाएं ये 5 उपाय

Authored By: स्मिता

Published On: Monday, August 5, 2024

Updated On: Wednesday, February 5, 2025

tips to boost your immune system
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इन दिनों लगातार बारिश हो रही है। तेज हवा और बारिश के कारण संक्रमण बढ़ रहे हैं, जिससे लोग बीमार भी पड़ रहे हैं। यदि बरसात में आप भी फ्लू और सर्दी-खांसी के शिकार हो रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आपकी इम्युनिटी कमजोर हो गई है। स्ट्रॉन्ग इम्युनिटी के लिए आप 5 उपाय कर सकती हैं।

Authored By: स्मिता

Updated On: Wednesday, February 5, 2025

इस लेख में:

इन दिनों लगातार बारिश हो रही है। पानी से भीगने और तेज हवा के झोंके से बचने के लिए हम छाता और रेनकोट का प्रयोग तो कर रहे हैं। इसके बावजूद हम बीमार भी पड़ रहे हैं। दरअसल, बारिश शुरू होते ही संक्रमण भी बढ़ने लगता है। किसी भी तरह का संक्रमण सीधे इम्यून सिस्टम को प्रभावित कर देता है। हमारा इम्यून सिस्टम वीक हो जाता है। इसलिए सर्दी और खांसी के मामले बढ़ने लगते हैं। बारिश शुरू होते ही हमें अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली पर काम करना पड़ता है। इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए कुछ उपाय करने होंगे।

बारिश में क्यों बढ़ जाता है संक्रमण

बारिश के मौसम में हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कई कारणों से प्रभावित हो जाती है। डिज़ीज डायग्नोस्टिक के लैब चीफ डॉ. संतोष चौहान बताते हैं, ‘ बारिश के मौसम में वातावरण में हयूमिडिटी और नमी बढ़ जाती है। इससे हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस और फंगस के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बन जाता है। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। लगातार बारिश होने से सड़कों के आसपास या बगीचे में जमा होने वाले स्थिर पानी में मच्छरों की कई अलग-अलग प्रजातियां पनप जाती हैं। ये डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के वाहक हो सकते हैं। इन मच्छर जनित बीमारियों के कारण तेज बुखार, ठंड लगना, मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द भी हो सकता है। प्रतिरक्षा प्रणाली अवांछित बैक्टीरिया, फंगस, बीमारियों और संक्रमणों के खिलाफ एक सुरक्षात्मक घेरे के रूप में काम करती है।’

इम्यून सिस्टम बूस्ट करने के लिए 5 उपाय किये जा सकते हैं

हेल्दी फैट खाएं

शरीर को ऊर्जा पैदा करने, विटामिन को अवशोषित करने और हृदय संबंधी समस्याओं को रोकने के लिए हेल्दी फैट की जरूरत होती है। स्वस्थ वसा शरीर के पैथोजन्स के प्रति प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को भी बढ़ावा देता है। अर्टिफिशियल ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए इसे तैयार खाद्य पदार्थों से बचें। अपने आहार में मोनोसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट को शामिल करें। ये फैट एंटी इंफ्लेमेट्री होते हैं, जो दिल के लिए भी अच्छे होते हैं। यह वजन घटाने में भी मदद करता है। ऑलिव ऑयल, एवोकैडो ऑयल, बादाम, मूंगफली, काजू जैसे ड्राई फ्रूट्स, पीनट बटर जैसे मोनोसैचुरेटेड फैट लें। सूरजमुखी के बीज, तिल, कद्दू के बीज, अखरोट, फैटी फिश, सोय मिल्क पॉलीअनसैचुरेटेड फैट के स्रोतों में शामिल हैं।

प्लांट बेस्ड भोजन खाएं (Plant Based Food)

प्लांट बेस्ड खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों, विशेष रूप से विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। इन खाद्य पदार्थों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इन खाद्य पदार्थों में मौजूद फाइबर पेट में गुड बैक्टीरिया को पोषण देते हैं। अच्छे बैक्टीरिया प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने में मदद करते हैं। अपने आहार में विटामिन ए, और विटामिन ई, फाइबर से भरपूर पालक, ब्रोकोली, एलिसिन से भरपूर लहसुन को शामिल करें।

आर्टिफिशियल शुगर के सेवन से बचें (Avoid Artificial Sugar)

आर्टिफिशियल शुगर और इसका अत्यधिक सेवन मोटापा बढ़ाने का प्रमुख कारण है। एक दिन में दो चम्मच से अधिक चीनी न लें। चीनी का सेवन कम करने से वजन और सूजन कम हो सकता है। इससे हार्ट भी हेल्दी होता है। यदि आप डायबिटीज मरीज नहीं हैं, तो चीनी की बजाय शहद और गुड़ का सेवन करें। शहद को कभी गर्म नहीं करें।

फर्मेन्टेड फ़ूड खाएं (Fermented Food in Monsoon to Boost Immunity)

पेट में अच्छे बैक्टीरिया को फर्मेन्टेड फ़ूड बढ़ाने में मदद करते हैं। इससे पाचन तंत्र ठीक से काम करता है। प्रोबायोटिक्स से भरपूर होते हैं फर्मेन्टेड फ़ूड, जो इम्यून सिस्टम को मजबूती देने में मदद करते हैं। रोजाना अपने आहार में एक छोटा कप दही शामिल करें।

एक्सरसाइज करें (Exercise)

मध्यम गति के साथ किया गया एक्सरसाइज भी इम्युनिटी सेल्स को नियमित रूप से पुनर्जीवित करने में मदद करता है। इससे इम्युनिटी को बढ़ावा मिलता है। तेज चलना या हल्की जॉगिंग या स्किपिंग भी मीडियम गति के व्यायाम में शामिल किये जा सकते हैं। कुछ स्ट्रेच एक्सरसाइज के साथ पहले से वार्मअप करना न भूलें, ताकि शरीर को दर्द महसूस न हो। अपने शरीर के अनुकूल एक्सरसाइज का चुनाव करें। योगासन भी किया जा सकता है। नियमित व्यायाम से ब्लड प्रेशर कम होता है। वजन नियंत्रण में रहता है और हृदय संबंधी स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। व्यक्ति को प्रति सप्ताह 150 मिनट व्यायाम करना चाहिए। स्ट्रांग इम्युनिटी के लिए पानी पीकर हाइड्रेटेड रहना जरूरी है। शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में पानी सबसे अधिक मदद करता है।

About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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