Psychiatric Emergency : युवा हो रहे साइकिएट्रिक एमरजेंसी के शिकार, कैसे करें उपचार

Psychiatric Emergency : युवा हो रहे साइकिएट्रिक एमरजेंसी के शिकार, कैसे करें उपचार

Authored By: स्मिता

Published On: Tuesday, April 8, 2025

Updated On: Tuesday, April 8, 2025

एक महिला डिप्रेशन में डॉक्टर से मदद लेती हुई, टेक्स्ट: "युवा हो रहे साइकिएट्रिक इमरजेंसी के शिकार – कैसे करें उपचार?"
एक महिला डिप्रेशन में डॉक्टर से मदद लेती हुई, टेक्स्ट: "युवा हो रहे साइकिएट्रिक इमरजेंसी के शिकार – कैसे करें उपचार?"

Psychiatric Emergency: प्रोफेशनल हो या पर्सनल, अत्यधिक तनाव के कारण कई तरह की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी होने की आशंका होने लगती है. इन दिनों युवाओं में साइकिएट्रिक एमरजेंसी जैसी मानसिक समस्या सबसे अधिक देखी जा रही है. क्यों होती है साइकिएट्रिक एमरजेंसी और इससे कैसे निपटा जा सकता है?

Authored By: स्मिता

Updated On: Tuesday, April 8, 2025

Psychiatric Emergency : इन दिनों सबसे आम समस्या तनाव है. बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी तनाव हो जाता है. क्लास में फर्स्ट आने, करियर के लिए जरूरी परीक्षा पास करने, बढ़िया जॉब पाने, ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने यहां तक कि दूसरों की अपेक्षा अधिक सुंदर दिखने की चाहत के कारण भी तनाव होने लगता है. नतीजा मानसिक समस्या के रूप में सामने आता है. यदि लंबे समय तक तनाव रहता है, तो यह मनोरोग विकार का भी रूप ले सकता है. इन दिनों युवाओं में ऐसी ही स्वास्थ्य समस्या साइकिएट्रिक एमरजेंसी खूब देखा जा रहा है. जानते हैं इस स्वास्थ्य समस्या (Psychiatric Emergency) के बारे में सब कुछ.

सबसे पहले जानते हैं क्या है मानसिक समस्या (Mental Health Problem)

मानसिक समस्या या मनोरोग विकार (Mental Disorder) एक मानसिक बीमारी है. इसका निदान और इलाज हेल्थ प्रोफेशनल द्वारा ही किया जा सकता है. यह आपकी सोच, मनोदशा और व्यवहार को भी बहुत अधिक प्रभावित कर सकता है. इलाज नहीं होने की स्थिति में यह गंभीर बीमारी का भी रूप ले सकता है. तनाव का स्तर अधिक होने के कारण इन दिनों युवाओं को सबसे अधिक साइकिएट्रिक एमरजेंसी प्रभावित कर रहा है

क्यों होता है साइकिएट्रिक एमरजेंसी (Psychiatric Emergency)

कैडाबम्स अस्पताल की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और सीनियर साइकोलॉजिस्ट नेहा कैडाबम बताती हैं, ‘ आज के तेजी से बदलते जीवन में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. खासकर साइकिएट्रिक एमरजेंसी की समस्या खूब देखी जा रही है. इसमें व्यक्ति को तुरंत मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत होती है. इसके कारण विचार, मूड और लोगों के काम करने की स्थिति में गड़बड़ हो जाती है. गंभीर मामलों में यह व्यक्ति की विकलांगता या मृत्यु का भी कारण बनता है.

साइकिएट्रिक एमरजेंसी का प्रबंधन है जरूरी (Psychiatric Emergency Management)

साइकिएट्रिक एमरजेंसी दूसरे लोगों की परेशानी का भी कारण बन सकता है. इसलिए इसे तुरंत प्रबंधन की भी जरूरत पड़ सकती है. साइकिएट्रिक एमरजेंसी के कारण लोग आत्महत्या का प्रयास करने लगते हैं. वे खुद को या दूसरों को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने लगते हैं. ऐसे लोग उत्तेजित और हिंसक व्यवहार भी कर सकते हैं.

कैसे करें पहचान (How to identify Psychiatric Emergency)

नेहा बताती हैं, ‘ यदि लोग एकाएक चुप रहने लगें या हिंसक व्यवहार करने लगें या खुद को हानि पहुंचाने की कोशिश करें, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास ले जाने की जरूरत है. साइकिएट्रिक एमरजेंसी के कारण व्यक्ति गहरे डिप्रेशन में चला जाता है. फिर वह कुछ ऐसा कर बैठता है, जो उसे नहीं करना चाहिए.’

साइकिएट्रिक एमरजेंसी के लक्षण (Psychiatric Emergency Symptoms)

  1. ख़ुशी या उदासी : अचानक से अत्यधिक उदासी या खुशी
  2. अत्यधिक अवसाद : व्यक्ति को इतना गहरा अवसाद होता है कि उसकी दिनचर्या प्रभावित होने लगती है.
  3. हिंसक व्यवहार: खुद को या दूसरों को नुकसान पहुंचाने की प्रवृत्ति. व्यक्ति अजीब या हिंसक व्यवहार भी कर सकता है.
  4. मनोरोगी लक्षण: पीड़ित को तीव्र घबराहट हो सकती है. अत्यधिक एंग्जायटी, भ्रम और मतिभ्रम होना भी इसके लक्षण हैं.
  5. अकेले रहना: व्यक्ति वास्तविकता से पूरी तरह कट जाता है.
  6. आत्महत्या के विचार या प्रयास: व्यक्ति आत्महत्या करने के बारे में सोचने लगता है या प्रयास करता है. आत्महत्या की धमकी भी दे सकता है.

इससे कैसे निपटें (Psychiatric Emergency Treatment)

1 तुरंत चिकित्सकीय मदद लें

नेहा कैडाबम बताती हैं, ‘व्यक्ति खुद अपनी समस्या डॉक्टर को नहीं बताता है. यदि आपके परिवार में किसी भी सदस्य में ऊपर बताये गए कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत अलर्ट हो जाएं. जैसे ही आप किसी को साइकिएट्रिक एमरजेंसी प्रभावित देखें, तुरंत किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ या अस्पताल से संपर्क करें. कई अस्पताल आपातकालीन सेवाएं भी प्रदान करते हैं.

2. आत्महत्या की रोकथाम

अगर कोई आत्महत्या के विचार व्यक्त करता है, तो उसे कभी-भी अकेला न छोड़ें. तुरंत उसकी मदद करें. उसे तनावमुक्त करने का प्रयास करें. जितना जितना जल्दी हो, मनोचिकित्सक के पास ले जाएं.

3. शांत और सहयोगात्मक रहें

व्यक्ति के साथ धैर्यपूर्वक और सहयोगात्मक व्यवहार करें. उसकी बात धैर्यपूर्वक सुनें और उसकी समस्याओं को समझने का प्रयास करें.

4. सुरक्षित वातावरण प्रदान करें

हिंसक या आत्मघाती व्यवहार वाले व्यक्ति को सुरक्षित और शांत वातावरण में रखें.

5. प्रोफेशनल सहायता प्राप्त करें

मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की मदद से इलाज कराएं. डॉक्टर सही दवाएं और थेरेपी सुझा सकते हैं, जो व्यक्ति को स्थिर करने में मदद कर सकती हैं.

6. आसपास का माहौल हेल्पफुल बनाएं

परिवार और दोस्तों का समर्थन महत्वपूर्ण है. व्यक्ति को महसूस कराएं कि वह अकेला नहीं है और उसकी समस्याओं को समझा जा रहा है.

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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