WHO recognition for elimination of Trachoma : दक्षिण-पूर्व एशिया में ट्रेकोमा को समाप्त करने वाला तीसरा देश बना भारत
Authored By: स्मिता
Published On: Friday, October 11, 2024
Updated On: Friday, October 11, 2024
भारत ने सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में ट्रेकोमा को समाप्त कर दिया है। इसके कारण देश में अब ट्रेकोमा के कारण लोग अंधे नहीं होंगे। ट्रेकोमा वैश्विक स्तर पर अंधेपन के प्रमुख कारणों में से एक है। भारत दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में नेपाल और म्यांमार और वैश्विक स्तर पर 19 अन्य देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने पहले यह उपलब्धि हासिल की है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट (World Health Organization) पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा, “भारत ने सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में ट्रेकोमा को समाप्त कर दिया है। इसके कारण देश में अब ट्रेकोमा के कारण लोग अंधे नहीं होंगे। ट्रेकोमा वैश्विक स्तर पर अंधेपन के प्रमुख कारणों में से एक है। डब्ल्यूएचओ ने इस उपलब्धि को प्राप्त करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम किया है। इसके लिए सरकार, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और भागीदार बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने इसे संभव बनाने के लिए सहयोग किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में ट्रेकोमा को समाप्त करने के लिए मान्यता (WHO recognition for elimination of Trachoma) दे दी है।
नेपाल और म्यांमार के बाद भारत ने जड़ से खत्म किया ट्रेकोमा (WHO recognition of India for elimination of Trachoma)
भारत दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में नेपाल और म्यांमार और वैश्विक स्तर पर 19 अन्य देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने पहले यह उपलब्धि हासिल की है। हालांकि ट्रेकोमा को रोका जा सकता है, लेकिन ट्रेकोमा से होने वाले अंधेपन को ठीक करना बेहद मुश्किल है। ट्रेकोमा 39 देशों में सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है। 10 लाख से अधिक लोगों के अंधेपन के लिए यह जिम्मेदार है। डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक साइमा वाजेद के अनुसार, भारत की सफलता सरकार के मजबूत नेतृत्व और नेत्र रोग विशेषज्ञों और स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं के अन्य संवर्गों की प्रतिबद्धता के कारण है।
अंधेपन के लिए ट्रेकोमा जिम्मेदार (Trachoma for Blindness)
2005 में भारत में अंधेपन के सभी मामलों में से 4% के लिए ट्रेकोमा जिम्मेदार था। 2018 तक ट्रेकोमा का प्रचलन 0.008% तक कम हो गया था। 2024 में प्रभाव, पूर्व-सत्यापन और ट्राइकियासिस सर्वेक्षणों की एक श्रृंखला पूरी की गई। इसमें पुष्टि हुई कि सभी पूर्व स्थानिक मूल्यांकन इकाइयों में उन्मूलन लक्ष्य पूरे हो गए। भारत की उपलब्धि का दस्तावेजीकरण करने वाले डोजियर की गहन समीक्षा की गई और डब्ल्यूएचओ को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में ट्रेकोमा के राष्ट्रीय उन्मूलन को मान्य करने की सिफारिश की।
ट्रेकोमा रोग कैसे होता है (Trachoma Disease)
ट्रैकोमा एक आई डिजीज है। ट्रेकोमा संक्रमण के लिए पर्यावरणीय जोखिम कारकों में खराब हाइजीन, भीड़भाड़ वाले घर और पानी और स्वच्छता सुविधाओं तक अपर्याप्त पहुंच शामिल है। बचपन में बार-बार संक्रमण होने से ऊपरी पलकों के अंदरूनी हिस्से पर निशान पड़ जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप पलक का किनारा अंदर की ओर मुड़ जाता है। पलकें आई बॉल को छूने लगती हैं। यह एक दर्दनाक स्थिति है, जिसे ट्रैकोमैटस ट्राइकियासिस के रूप में जाना जाता है।
विज़न लॉस और अंधापन (Vision Loss and Blindness)
अगर इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो इससे विज़न लॉस (Vision Loss ) और अंधापन (Blindness) हो सकता है। वैश्विक स्तर पर, भारत उन 19 अन्य देशों में शामिल हो गया है, जिन्हें WHO द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में ट्रेकोमा को खत्म करने के लिए मान्यता दी गई है। ये देश हैं बेनिन, कंबोडिया, चीन, गाम्बिया, घाना, इस्लामी गणराज्य ईरान, इराक, लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, मलावी, माली, मैक्सिको, मोरक्को, म्यांमार, नेपाल, ओमान, पाकिस्तान, सऊदी अरब।
ट्रेकोमा से बचाव और उपचार (Trachoma Prevention and Treatment)
ट्राइकियासिस के लिए सर्जरी।एक्टिव ट्रेकोमा के मामलों के लिए एंटीबायोटिक्स (एज़िथ्रोमाइसिन) सबसे सही है।
संक्रमण के प्रसार को कम (Trachoma Prevention) करने के लिए चेहरे की सफाई सबसे अधिक जरूरी है।
अधिक भीड़भाड़ से बचना चाहिए, पानी और स्वच्छता सुविधाओं में सुधार होना चाहिए। ट्रेकोमा के शुरुआती चरणों में संक्रमण को खत्म करने के लिए एंटीबायोटिक्स के साथ उपचार (Trachoma Treatment) पर्याप्त हो सकता है।
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