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World Thalassemia Day 2025: इस ब्लड डिसऑर्डर के प्रति जागरूक होने से रोग की गंभीरता कम की जा सकती है
World Thalassemia Day 2025: इस ब्लड डिसऑर्डर के प्रति जागरूक होने से रोग की गंभीरता कम की जा सकती है
Authored By: स्मिता
Published On: Monday, May 5, 2025
Last Updated On: Monday, May 5, 2025
World Thalassemia Day 2025: थैलेसीमिया एक जेनेटिक डिसऑर्डर है, जो माता-पिता या दोनों में से किसी एक से विरासत में मिलता है. इस रोग के प्रति जागरूक होने से ही इस रोग की गंभीरता कम की जा सकती है. 8 मई को मनाये जाने वाले विश्व थैलेसीमिया दिवस पर दुनिया भर के लोगों को इस रोग के प्रति जागरूक किया जाएगा.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Monday, May 5, 2025
World Thalassemia Day 2025: थैलेसीमिया एक वंशानुगत ब्लड डिसऑर्डर (Blood Disorder) है, जिसमें हीमोग्लोबिन का उत्पादन कम हो जाता है. इससे व्यक्ति को एनीमिया हो जाता है. यह एक आनुवंशिक स्थिति है, जो परिवारों के माध्यम से आगे बढ़ती है. थैलेसीमिया हल्का, मध्यम या गंभीर हो सकता है. इसके लक्षण थकान से लेकर जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली जटिलताओं तक हो सकते हैं. इस रोग के प्रति जागरूक करने के लिए ही हर साल विश्व थैलेसीमिया दिवस (World Thalassemia Day 2025) 8 मई को मनाया जाता है.
विश्व थैलेसीमिया दिवस (World Thalassemia Day 2025)
विश्व थैलेसीमिया दिवस एक वैश्विक स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम है, जो हर साल 8 मई को मनाया जाता है. इसका उद्देश्य आम लोगों और देश के स्थानीय नीति निर्माताओं के बीच इस स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाना होता है. साथ ही इस घातक बीमारी थैलेसीमिया से वर्षों से जूझ रहे पीड़ितों का समर्थन और मनोबल बढ़ाने का काम भी किया जाता है. इस दिन कई स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठन, रोगी संघ, सार्वजनिक प्राधिकरण और स्वास्थ्य सेवा पेशेवर रोगी-केंद्रित तरीके से प्रसवपूर्व जांच, परामर्श, रोकथाम, प्रबंधन या थैलेसीमिया के उपचार के महत्व को बढ़ावा देने के लिए एक साथ इकट्ठा होते हैं.
विश्व थैलेसीमिया दिवस का महत्व (WTD Importance)
थैलेसीमिया एक आनुवांशिक रूप से प्रसारित होने वाला ऑटोसोमल रिसेसिव विकार है. जो माता-पिता या दोनों से प्राप्त होता है. यह आनुवंशिक उत्परिवर्तन के कारण लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है. इससे हीमोग्लोबिन की अल्फा या बीटा-ग्लोबिन श्रृंखलाओं में कमी आती है. इसके परिणामस्वरूप लाल रक्त कोशिकाओं का कम उत्पादन होता है और शरीर के अंगों में ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति में कमी (एनीमिया) हो जाती है. भारत में एक लाख से अधिक रोगी थैलेसीमिया के शिकार हैं, जिनमें से 40 लाख वाहक हैं.
विश्व थैलेसीमिया दिवस 2025 थीम (World Thalassemia Day 2025 Theme)
इस वर्ष विश्व थैलेसीमिया दिवस 2025 थीम “थैलेसीमिया के लिए एक साथ समुदायों को एकजुट करना, रोगियों को प्राथमिकता देना” है. थीम रोगी-केंद्रित देखभाल, समग्र कल्याण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, जो चिकित्सा, भावनात्मक और सामाजिक आवश्यकताओं पर केंद्रित है. थैलेसीमिया रोगियों को स्वास्थ्य देखभाल नीतियों में प्राथमिकता देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदायों को जुटाती है.
थैलेसीमिया का क्या है आंकड़ा (Data on Thalassemia)
थैलेसीमिया दुनिया भर में 56,000 गर्भधारण को प्रभावित करता है, जिनमें से 30,000 थैलेसीमिया के गंभीर मरीज हैं. इनमें से अधिकांश रोगी गरीब या अविकसित देशों में पैदा हुए थे. मेजर या गंभीर थैलेसीमिया का इलाज बहुत महंगा हो सकता है. इसमें स्टेम सेल ट्रांसप्लांट, लगातार ब्लड ट्रांसफ्यूजन और केलेशन थेरेपी शामिल हो सकती है. इसलिए जन्म के बाद स्थिति का इलाज करने की कोशिश करने की बजाय जन्म से पहले जन्मजात दोषों (थैलेसीमिया) को रोकना जरूरी है.
कैसे की जा सकती है थैलेसीमिया की रोकथाम (Thalassemia Prevention)
प्रसवपूर्व जांच भ्रूण अवस्था में थैलेसीमिया की स्थिति की पहचान करने में सहायता कर सकती है. स्थानीय लोगों के बीच इसकी जागरूकता थैलेसीमिया की संख्या को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. विश्व थैलेसीमिया दिवस पर कई निजी और सरकारी संगठन गर्भवती महिलाओं के लिए सार्वजनिक शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा अभियान चलाते हैं, जिसमें आनुवंशिक जांच, परामर्श और प्रसवपूर्व निदान शामिल है. इनके अलावा, इस दिन थैलेसीमिया पीड़ितों के लिए नई रणनीतियों की योजना बना सकते हैं या उन्हें लागू कर सकते हैं, जिसमें मुफ़्त ब्लड ट्रांसफ्यूजन या वित्तीय सहायता प्रदान करना शामिल है.
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