गुजरात में हुआ मंथन, प्रियंका गांधी पर बड़ा दांव खेल सकती है कांग्रेस

गुजरात में हुआ मंथन, प्रियंका गांधी पर बड़ा दांव खेल सकती है कांग्रेस

Authored By: सतीश झा

Published On: Monday, April 14, 2025

Updated On: Monday, April 14, 2025

Priyanka Gandhi Congress Role पर चर्चा करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलती नजर आ रही हैं, कांग्रेस का नया संगठनात्मक दांव.

गुजरात में हाल ही में संपन्न हुए कांग्रेस अधिवेशन के बाद पार्टी एक बड़े संगठनात्मक परिवर्तन की तैयारी में है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस नेतृत्व अब प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) को संगठन में अहम जिम्मेदारी सौंपने पर गंभीरता से विचार कर रहा है. कार्यकारी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संगठन महासचिव जैसे पदों को लेकर विशेष चर्चा है. संगठन के नेताओं से विचार ले लिया गया है. अंतिम निर्णय कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को करना है. 

Authored By: सतीश झा

Updated On: Monday, April 14, 2025

Priyanka Gandhi Congress Role : लोकसभा चुनावों के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी गई है, जिससे उनका ध्यान अब संसद में विपक्ष की भूमिका निभाने पर केंद्रित है. ऐसे में पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) में महत्वपूर्ण पद सौंपा जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, उन्हें संगठन महासचिव के रूप में नई जिम्मेदारी दी जा सकती है या फिर कार्यकारी अध्यक्ष का पद भी मिल सकता है, जिससे वे सीधे पूरे देश में पार्टी के सांगठनिक विस्तार और रणनीति निर्माण में योगदान दे सकें. पार्टी के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, प्रियंका गांधी को पार्टी उपाध्यक्ष (Vice President) पद पर पदोन्नत करने को लेकर गहन मंथन चल रहा है. इस पर शीघ्र ही अंतिम मुहर लग सकती है. गुजरात अधिवेशन के दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ व्यापक मंथन हुआ, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि संगठन को नए उत्साह और जमीनी स्तर पर प्रभावी नेतृत्व की आवश्यकता है. प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) की छवि एक जुझारू और जनसंपर्क में मजबूत नेता के रूप में उभरी है, जिसे देखते हुए उन्हें राष्ट्रीय संगठन में अधिक सक्रिय भूमिका दी जा सकती है. यह फैसला लिया जाता है, तो कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा राजनीतिक दांव होगा, जो 2029 की तैयारियों की दिशा में एक संकेत भी हो सकता है.

वर्तमान में केवल पद है, कोई जिम्मेदारी नहीं

फिलहाल प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) कांग्रेस (AICC) की महासचिव तो हैं, लेकिन उनके पास कोई विशेष संगठनात्मक प्रभार नहीं है. इसके बावजूद, वह पर्दे के पीछे से पार्टी के महत्वपूर्ण निर्णयों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. हाल ही में उनका एक उल्लेखनीय योगदान गुजरात में शुरू की गई जिला अध्यक्ष सशक्तिकरण परियोजना को लेकर सामने आया है.

यह परियोजना कांग्रेस (Congress) के जमीनी संगठन को मजबूत करने की दिशा में एक प्रयोगात्मक पहल है, जिसमें जिला-स्तर के नेताओं को अधिक जिम्मेदारी और अधिकार देकर उन्हें निर्णय लेने में स्वतंत्रता दी जा रही है. यह प्रयास पार्टी के भीतर लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण को बढ़ावा देने के तौर पर देखा जा रहा है. यदि यह मॉडल गुजरात में सफल होता है, तो पार्टी इसे अन्य राज्यों में भी लागू करने की योजना बना रही है.

प्रियंका चाहती हैं जनता से सीधा संपर्क

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व चाहता है कि प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) को एक स्पष्ट और प्रमुख भूमिका दी जाए, जिससे वे संगठन के ढांचे को सुदृढ़ करने में अधिक प्रभावी तरीके से योगदान दे सकें. साथ ही, उनकी छवि एक सक्रिय, जुझारू और जमीन से जुड़ी नेता की रही है, जिसका लाभ पार्टी आने वाले समय में खासकर 2029 की तैयारी के तहत उठाना चाहती है.

कोई नेता खुलकर नहीं बोल रहा

प्रियंका गांधी वाड्रा की भूमिका को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि पार्टी के किसी भी वरिष्ठ नेता ने अब तक इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय नहीं रखी है. हालांकि, पार्टी नेतृत्व यह मान रहा है कि प्रियंका गांधी के नेतृत्व में संगठन को नई ऊर्जा और स्पष्ट दिशा मिल सकती है, जिससे पार्टी भविष्य में चुनावी रणनीतियों को अधिक प्रभावी ढंग से लागू कर सकेगी. उनके द्वारा पर्दे के पीछे से चलाए जा रहे कुछ संगठनात्मक प्रयोग, विशेष रूप से गुजरात में जिला अध्यक्षों को सशक्त बनाने की पहल, पार्टी में बदलाव की एक झलक देते हैं. इसके बावजूद, पार्टी के वरिष्ठ नेता इस संभावित बदलाव पर चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे साफ है कि पार्टी में अभी भी कई स्तरों पर सहमति बनना बाकी है. प्रियंका गांधी की संभावित पदोन्नति, जैसे कि पार्टी उपाध्यक्ष बनाए जाने की अटकलें, संगठन के भीतर चल रही अंदरूनी कशमकश की ओर इशारा करती हैं.

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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