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हरियाली तीज 2024: शिव और शक्ति के मिलन के उत्सव रूप में मनाई जाती है हरियाली तीज
हरियाली तीज 2024: शिव और शक्ति के मिलन के उत्सव रूप में मनाई जाती है हरियाली तीज
Authored By: स्मिता
Published On: Tuesday, August 6, 2024
Updated On: Monday, January 20, 2025
शक्ति के बिना शिव अधूरे हैं। इसलिए उनका मिलन जरूरी है। श्रावण माह शिवजी का महीना है। इसलिए इसी माह में शिव और पार्वती के मिलन को हरियाली तीज (Hariyali Teej 2024) के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष 7 अगस्त को देश भर में हरियाली तीज मनाई जा रही है।
Authored By: स्मिता
Updated On: Monday, January 20, 2025
हरियाली तीज हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इसे विवाहित महिलाएं बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाती हैं। हरियाली तीज मानसून के मौसम का प्रतिनिधित्व करती है। इस समय वातावरण हरियाली से भरा होता है। सावन के महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। इसे सावन की तीज (Hariyali Teej 2024) के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है।
पति के दीर्घायु और स्वस्थ रहने की प्रार्थना
यह त्योहार विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार सहित पूरे उत्तर भारत में उत्साह के साथ मनाया जाता है। भारत भर के विभिन्न क्षेत्रों में उत्सव और परंपराएं अलग-अलग हैं। इस दिन विवाहित महिला उपवास रखती हैं और पति के दीर्घायु और स्वस्थ रहने की ईश्वर से प्रार्थना करती हैं।
हरियाली तीज 2024 की तिथि और समय (Hariyali Teej 2024)
यह आमतौर पर नाग पंचमी से दो दिन पहले मनाया जाता है। हरियाली तीज शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। इस साल यह 7 अगस्त को मनाई जाएगी।
पौराणिक कथा है हरियाली तीज की

माना जाता है कि इस दिन (Hariyali Teej 2024) भगवान शिव ने पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती ने शिवजी को पाने के लिए घनघोर तपस्या की। अंततः वे तपस्वी शिव के मन को जीत सकीं। पार्वती जी ने श्रावण के शुक्ल पक्ष तृतीया पर शिवजी से विवाह किया था।
पार्वती ने अटूट प्रेम के प्रतीक के रूप में हिमालय की यात्रा की और रेत से शिवलिंग बनाया। शिवजी का प्रेम पाने के लिए देवी ने सांसारिक बंधनों को त्याग दिया था और सूखे पत्तों पर रहती थीं। उनकी निरंतर भक्ति और सच्चे व्रत और अनुष्ठानों को देखते हुए भगवान शिव ने पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया।
समृद्धि और खुशहाली का उत्सव
हरियाली तीज (Hariyali Teej 2024) के अवसर पर स्त्रियां वैवाहिक सुख, समृद्धि और खुशहाली, सुख-शांति के लिए व्रत रखती हैं और अनुष्ठान भी करती हैं। वे परंपरागत रूप से हरे रंग के कपड़े और आभूषण पहनती हैं और पेड़ों से सजे झूलों पर झूलती हैं। विवाहित हिंदू महिलाएं पारंपरिक परिधान पहनती हैं और सोने के आभूषणों से सजती हैं। वे सोलह श्रृंगार करती हैं। ऐसा माना जाता है कि सभी 16 पारंपरिक आभूषण पहनने से उनके जीवनसाथी को किसी भी प्रकार के नुकसान से सुरक्षा मिलती है। इसे सुरक्षा कुछ का नाम दिया जाता है। अविवाहित लड़कियां भी शिव जी से मनपसंद जीवनसाथी पाने की प्रार्थना करती हैं।