Mahakumbh 2025: क्या महाकुंभ में नहाने लायक नहीं है संगम का पानी? CPCB ने किया चौंकाने वाला खुलासा
Mahakumbh 2025: क्या महाकुंभ में नहाने लायक नहीं है संगम का पानी? CPCB ने किया चौंकाने वाला खुलासा
Authored By: JP Yadav
Published On: Wednesday, February 19, 2025
Updated On: Wednesday, February 19, 2025
Prayagraj Ganga Yamuna water truth: सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (central pollution control board) ने संगम (गंगा और यमुना) के पानी में प्रदूषण को लेकर एक ताजा रिपोर्ट सौंपी है.
Authored By: JP Yadav
Updated On: Wednesday, February 19, 2025
Prayagraj Ganga Yamuna water truth: प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) में जारी महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) में पिछले 50 से अधिक दिन से आस्था का सैलाब नजर आ रहा है. 50 करोड़ से अधिक लोग संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. इस बीच सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (central pollution control board) ने एक चौंकाने वाली रिपोर्ट (CPCB Report on Prayagraj Mahakumbh) सौंपी, जिसने करोड़ों लोगों को सकते में डाल दिया है. इस रिपोर्ट में CPCB ने कहा है कि प्रयागराज में जारी महाकुंभ स्थल पर गंगा और यमुना नदी में प्रदूषण बहुत अधिक बढ़ गया है.
बढ़ी कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की मात्रा
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को सौंपी रिपोर्ट में बताया गया है कि महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज में फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया (Fecal coliform bacteria) की मात्रा में भारी इजाफा हुआ है. इसके प्रभाव से गंगा और यमुना नदी में पॉल्यूशन का लेवल काफी बढ़ गया है. रिपोर्ट यह भी कहती है कि महाकुंभ से शुरू होने से अब तक प्रयागराज में अलग-अलग जगहों पर फेकल कोलीफॉर्म का लेवल नहाने के लिए प्राथमिक जल गुणवत्ता के हिसाब से नहीं है. इसके चलते लोगों को कई तरह की दिक्कत पेश आ सकती हैं.
यूपी सरकार को भी मिल चुका है निर्देश
CPCB की रिपोर्ट के मुताबिक, सीवेज के गंदे पानी के संकेतक फेकल कोलीफॉर्म की लिमिट 2500 यूनिट प्रति 100 मिली है, जो काफी खतरनाक है. यहां पर बता दें कि NGT प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में सीवेज के बहाव को रोकने को लेकर फिलहाल सुनवाई कर रहा है. महाकुंभ मेले में सीवेज प्रबंधन योजना को लेकर NGT यूपी सरकार को निर्देश भी दे चुका है.
NGT ने कुछ महीने पहले दिया था निर्देश
NGT ने दिसंबर 2024 में ही निर्देश में कहा था कि प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान गंगा जल की पर्याप्त उपलब्धता रहनी चाहिए. महाकुंभ के दौरान पानी नहाने और पीने लायक हो. इससे पहले वर्ष 2019 कुंभ मेले (kumbh 2025 ) में 130.2 मिलियन श्रद्धाुल आए थे. इस दौरान करसर घाट पर बीओडी और फेकल कोलीफॉर्म का लेवल अपनी सीमा से अधिक था.
स्वच्छ नहीं गंगा-यमुना का पानी
गौरतलब है कि महाकुंभ 2025 के दौरान गंगा को साफ और स्वस्छ बनाए रखने की जिम्मेदारी प्रयागराज नगर निगम (Prayagraj Municipal Corporation) और उत्तर प्रदेश जल निगम (Uttar Pradesh Water Corporation) के पास है. नगर निगम अफसरों के दावों की मानें तो, जियो-ट्यूब तकनीक के जरिये 23 अनटैप्ड नालों के अपशिष्ट जल को शोधित किया जा रहा है. यह भी दावा किया गया है कि 1 जनवरी से 4 फरवरी तक 3 हजार 660 MLD साफ किया पानी गंगा में छोड़ा गया है. बावजूद इसके पानी उतना स्वच्छ नहीं है, जितना होना चाहिए था.
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