क्या कपिल मिश्रा से प्रभावित होगी दिल्ली की राजनीति, AAP हुई दिल्ली सरकार पर हमलावर

क्या कपिल मिश्रा से प्रभावित होगी दिल्ली की राजनीति, AAP हुई दिल्ली सरकार पर हमलावर

Authored By: सतीश झा

Published On: Tuesday, April 1, 2025

Updated On: Tuesday, April 1, 2025

कपिल मिश्रा और दिल्ली की राजनीति पर AAP का हमला
कपिल मिश्रा और दिल्ली की राजनीति पर AAP का हमला

दिल्ली की एक अदालत के हालिया आदेश ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों को लेकर कपिल मिश्रा की भूमिका पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पहली घटना के संबंध में आगे की जांच आवश्यक है, क्योंकि शिकायतकर्ता ने संज्ञेय अपराध का खुलासा किया है. अदालत ने कहा कि कपिल मिश्रा के खिलाफ जांच जरूरी है, क्योंकि प्रथम दृष्टया यह संज्ञेय अपराध का मामला प्रतीत होता है.

Authored By: सतीश झा

Updated On: Tuesday, April 1, 2025

Kapil Mishra Delhi Politics: अदालत ने स्पष्ट किया कि शिकायतकर्ता मोहम्मद इलियास ने जो आरोप लगाए हैं, वे गहन जांच की मांग करते हैं. इलियास के वकील महमूद प्राचा ने अदालत में तर्क दिया कि 23 फरवरी 2020 को उन्होंने कपिल मिश्रा और उनके सहयोगियों को कर्दमपुरी में एक सड़क को अवरुद्ध करते हुए और रेहड़ी-पटरी वालों की गाड़ियां नष्ट करते देखा था. यदि इन आरोपों में सच्चाई है, तो यह स्पष्ट होता है कि हिंसा भड़काने में कुछ प्रभावशाली लोगों की भूमिका हो सकती है, जिसकी जांच होना आवश्यक है.

यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास द्वारा दायर याचिका में इलियास ने आरोप लगाया था कि दयालपुर पुलिस स्टेशन के तत्कालीन स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) ने कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) समेत तीन अन्य भाजपा नेताओं— मुस्तफाबाद के विधायक मोहन सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक जगदीश प्रधान और सांसद सतपाल— सहित पांच अन्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. इलियास ने अदालत से इन नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी.

अदालत का आदेश

अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस को आगे की जांच करने और आरोपों की सत्यता की पुष्टि करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि यह आवश्यक है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और सभी संभावित पहलुओं की गहराई से जांच की जाए.

कपिल मिश्रा पर पहले भी लगे हैं आरोप

कपिल मिश्रा का नाम 2020 के दिल्ली दंगों से पहले भड़काऊ बयान देने के आरोपों में सामने आया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के दौरान विवादास्पद बयान दिए थे, जिसके बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी.

राजनीतिक प्रतिक्रिया

यह आदेश दिल्ली की राजनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है. भाजपा के नेता कपिल मिश्रा को पहले भी दंगों से पहले दिए गए भड़काऊ भाषणों के कारण विवादों में घसीटा गया था, लेकिन अब अदालत का निर्देश उनकी मुश्किलें बढ़ा सकता है.  इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा है. AAP के एक प्रवक्ता ने कहा, “भाजपा नेताओं को संरक्षण दिया जा रहा है, लेकिन अदालत के आदेश के बाद अब न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ गई है.” वहीं, भाजपा ने इन आरोपों को राजनीतिक साजिश करार दिया है और दावा किया है कि उनके नेता बेगुनाह हैं.  भाजपा ने इस मामले को राजनीतिक षड्यंत्र करार देते हुए कहा है कि कपिल मिश्रा के खिलाफ झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं. पार्टी नेताओं का कहना है कि दंगे एक पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा थे और इसमें भाजपा नेताओं की कोई भूमिका नहीं थी.

क्या होगा आगे?

अब पुलिस को अदालत के आदेश के अनुसार जांच को आगे बढ़ाना होगा और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में क्या नया मोड़ आता है. क्या पुलिस कपिल मिश्रा और अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ ठोस सबूत पेश कर पाएगी या यह मामला भी अन्य विवादित मामलों की तरह लंबित रह जाएगा, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा.

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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