Prayagraj Mahakumbh 2025 : सबसे कम उम्र के पर्वतारोही हेयांश कुमार यादव पहुंचे महाकुंभ

Prayagraj Mahakumbh 2025 : सबसे कम उम्र के पर्वतारोही हेयांश कुमार यादव पहुंचे महाकुंभ

Authored By: स्मिता

Published On: Tuesday, February 4, 2025

Prayagraj Mahakumbh 2025: Youngest Mountaineer Heyansh Yadav Arrives

मात्र 3 साल 7 महीने की उम्र में हेयांश कुमार यादव ने एवरेस्ट बेसकैंप ट्रेक पूरा कर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड. इससे पहले यह रिकॉर्ड 4.4 साल के बच्चे अदवत गोलेचा के नाम था. इन दिनों हेयांश कुमार प्रयागराज कुंभ (Prayagraj Mahakumbh 2025) में हैं और खुद को फिट रखने के लिए संगम तट पर योग कर रहे हैं.

Authored By: स्मिता

Updated On: Tuesday, February 4, 2025

Prayagraj Mahakumbh 2025: वैसे तो प्रयागराज महाकुंभ में विशिष्ट लोगों का आना और स्नान करने का सिलसिला तो चल रहा है. इन दिनों महाकुंभ में एक पर्वतारोही आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. ये है सबसे कम उम्र का पर्वतारोही हेयांश यादव. गुरुग्राम के हेयांश ने 2022 में 3 साल 7 महीने की उम्र में एवरेस्ट बेसकैंप ट्रेक पूरा कर लिया था. हेयांश इन दिनों प्रयागराज महाकुंभ (Prayagraj Mahakumbh 2025) में संगम तट पर डुबकी लगा रहे हैं. वे यहां योग और ध्यान भी करते हैं. जानते हैं हेयांश के बारे में सबकुछ.

माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर पहुंचने वाला सबसे कम उम्र का व्यक्ति

हेयांश के पिता मंजीत कुमार ने बताया कि उनका बेटा एवरेस्ट बेसकैंप तक पहुंचने वाला सबसे कम उम्र का व्यक्ति है. हाई रेंज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में यह उल्लेख किया गया है कि हयांश कुमार यादव हरियाणा के मूल निवासी हैं. उन्होंने 3 वर्ष और 7 महीने की उम्र में 23 अप्रैल 2022 को माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की. इस तरह माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति के रूप में उन्होंने एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया.

5,364 मीटर की ऊंचाई पर स्थित माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर फहराया तिरंगा

उनका नेतृत्व मिशन पॉसिबल के संस्थापक नरेंद्र सिंह यादव ने किया. उन्हें मैनकाइंड फार्मा कंपनी से मदद मिली थी. कम उम्र में हयांश की प्रतिभा की हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और भारत के योग गुरु रामदेव बाबा ने भी सराहना की थी. हयांश ने 5,364 मीटर की ऊंचाई पर स्थित माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर बहुत कम उम्र में अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प दिखाया. उन्होंने हरियाणा के साथ-साथ भारत का भी नाम रोशन किया.

पिता ने दी हिम्मत

हरियाणा में खेलों को बढ़ावा देने वाला माहौल है. इसके कारण बच्चे बहुत कम उम्र से ही खेलों में रुचि लेने लगते हैं. उनके पिता मंजीत कुमार के अनुसार, वे जब हेयांश के साथ पहाड़ों पर घूमने जाया करते, तो उन्होंने पाया कि उसकी पहाड़ों पर चढ़ाई करने के प्रति रुचि है. उसका शरीर भी तुरंत वहां की आवोहवा के साथ ढल जाता. यह सब देखकर पिता ने उसे विशेषज्ञ के पास ले जाने का निर्णय लिया. मास्टर हेयांश ने भी जज्बे का परिचय देते हुए कम उम्र से ही माउंटेनियरिंग शुरू कर दी और विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बन गए. मास्टर हेयांश कुमार ने हिमाचल प्रदेश में अपनी औपचारिक ट्रेनिंग पूरी की थी. इससे पहले यह रिकॉर्ड 4.4 साल के बच्चे अदवत गोलेचा के नाम था. हेयांश खुद को फिट रखने के लिए योग-ध्यान करते हैं.

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स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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