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ओलंपिक में भारत को पहला गोल्ड दिलाने वाले एक गुमनाम हीरो की कहानी
ओलंपिक में भारत को पहला गोल्ड दिलाने वाले एक गुमनाम हीरो की कहानी
Authored By: अनुराग श्रीवास्तव
Published On: Tuesday, July 23, 2024
Last Updated On: Sunday, April 27, 2025
कुछ ही दिनों में पेरिस ओलंपिक शुरू होने जा रहा है। इस ओलंपिक के बीच बात हॉकी भारत के उस गुमनाम हीरो की, जिसके नेतृत्व में पहला गोल्ड भारत की झोली में आया।
Authored By: अनुराग श्रीवास्तव
Last Updated On: Sunday, April 27, 2025
ओलंपिक में भारत की बात होती है तो बात हॉकी और मेजर ध्यानचंद की ही होती है। व्यक्तिगत स्पर्धाओं में पदक जीतने में पीछे रहे भारत के लिए हॉकी ही एकमात्र टीम गेम था, जो सुनहरी यादों वाला है। इससे हमें आठ स्वर्ण पदक मिले हैं। आज बात हॉकी की तो करेंगे लेकिन इसमें दद्दा यानी मेजर ध्यानचंद के अलावा एक दूसरे हीरो की बात करेंगे।
एम्सटर्डम ओलंपिक के हीरो
वर्ष 1928 के एम्सटर्डम ओलंपिक के लिए हमारी हॉकी टीम बमुश्किल पहुंच सकी थी। लेकिन जब पहुंची तो फिर अभ्यास मैच में ओलंपिक चैंपियन इंग्लैंड को हराने के बाद अजेय रहते हुए स्वर्ण पदक जीता। उस जीत में हॉकी टीम इंडिया के नायक थे, जयपाल सिंह मुंडा। आदिवासी समाज के मुंडा को एम्सटर्डम ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम की कप्तानी सौंपी गई थी। पहली बार कोई भारतीय टीम ओलंपिक में हॉकी खेलने जा रही थी। इसलिए जाहिर है कि उसकी कप्तानी भी बड़ी जिम्मेदारी थी।
चरवाहा से ऑक्सफोर्ड तक का सफर
28 साल के जयपाल सिंह की कहानी भी किंवदंती सरीखी है। जानवरों को चराने जाने वाले इस किशोर में गजब की फुर्ती थी। बुद्धि से भी तेज थे। उस समय अंग्रेजों का राज था। गोरे साहब की निगाह जयपाल पर पड़ी। उन्हें वह अन्य भारतीय किशोरों से अलग समझ आया तो फैसला लिया और पढ़ने के लिए भेज दिया लंदन। आज के झारखंड में एक स्थान है खूंटी। वहीं 1903 में पैदा हुए थे जयपाल। तब खूंटी बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा था। जानवर चराने के साथ गांव में शिक्षा लेने वाले जयपाल को पहले रांची के स्कूल और फिर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ने भेजा गया। अर्थशास्त्र में स्नातक करने वाले जयपाल को हॉकी से बहुत प्रेम था। ऑक्सफोर्ड की हॉकी टीम से खेलते थे। गजब का खेल था उनका और नेतृत्व क्षमता भी शानदार। इसी कारण ओलंपिक टीम के कप्तान चुने गए।
राजनीतिज्ञ जसपाल
लीग मैचों के बाद वह नहीं खेले क्योंकि एक अंग्रेज मैनेजर से विवाद हो गया था। उस ओलंपिक में भारतीय टीम ने 16 मैच जीते और एक ड्रा रहा। टीम स्वर्ण पदक के साथ लौटी जो भारत का ओलंपिक में पहला स्वर्ण पदक था, वह भी अपने दम पर। बाद में जयपाल राजनीति में भी आए और देश की संविधान सभा के सदस्य रहे। खेल प्रशासक के तौर पर भी उनकी सराहनीय भूमिका रही।
पेरिस ओलंपिक 2024 पदक तालिका
Rank | Country | Total | |||
---|---|---|---|---|---|
1 | USA | 27 | 35 | 32 | 94 |
2 | CHN | 25 | 23 | 17 | 65 |
3 | AUS | 18 | 13 | 11 | 42 |
4 | FRA | 13 | 17 | 21 | 51 |
5 | GBR | 12 | 17 | 20 | 49 |
6 | KOR | 12 | 8 | 7 | 27 |
7 | JPN | 12 | 7 | 13 | 32 |
8 | NED | 10 | 5 | 6 | 21 |
9 | ITA | 9 | 10 | 9 | 28 |
10 | GER | 8 | 5 | 5 | 18 |
33 | IND | 0 | 0 | 3 | 3 |