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बिहार में 18% मुस्लिम आबादी, ओवैसी ने दिखाए चुनावी इरादे
बिहार में 18% मुस्लिम आबादी, ओवैसी ने दिखाए चुनावी इरादे
Authored By: सतीश झा
Published On: Thursday, May 1, 2025
Last Updated On: Thursday, May 1, 2025
बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है, क्योंकि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने राज्य में आगामी विधानसभा (Bihar Assembly Election 2025) पूरे दमखम के साथ लड़ने का मन बना लिया है. बिहार में मुस्लिम आबादी लगभग 18% है. ओवैसी इस वोट बैंक को साधने की रणनीति में जुटे हैं.
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Thursday, May 1, 2025
Asaduddin Owaisi Bihar 2025 : ओवैसी (Asaduddin Owaisi) पहले भी बिहार में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुके हैं, खासकर सीमांचल के मुस्लिम बहुल इलाकों में. 2020 के विधानसभा चुनावों में AIMIM ने 5 सीटें जीती थीं, जिसमें किशनगंज, अररिया और कटिहार जैसे जिलों में उसे अच्छा जनसमर्थन मिला था. हालांकि बाद में चार विधायकों ने पार्टी छोड़ दी. फिर भी ओवैसी का कहना है कि उनका जनाधार कमजोर नहीं हुआ है.
ओवैसी का बड़ा दावा – इस बार पहले से ज्यादा सीटें जीतेंगे
एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी बिहार विधानसभा (Bihar Assembly Election 2025) चुनाव में पूरी सक्रियता के साथ उतरेगी और इस बार पिछली बार से भी ज़्यादा सीटें जीतेगी. ओवैसी ने कहा, “हम बिहार चुनाव लड़ेंगे. हमने बहादुरगंज से अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है. 3 मई को बहादुरगंज में मेरी जनसभा है और 4 तारीख को दूसरी जगह पर.”
सीमांचल के मुसलमानों के बीच अच्छी पकड़ बनाने वाले ओवैसी ने कहा, “हम अच्छा लड़ेंगे और हमारे उम्मीदवार पिछली बार से भी ज़्यादा सफल होंगे. सीमांचल की जनता हमारे विधायकों को चुराने वालों को सबक सिखाएगी.”
विधानसभा चुनावों के साथ-साथ 2029 की लोकसभा
पार्टी के सूत्रों के मुताबिक ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की नजर 2025 के विधानसभा चुनावों के साथ-साथ 2029 की लोकसभा तैयारी पर भी है. सीमांचल के अलावा, अब वे पटना, मुजफ्फरपुर और दरभंगा जैसे शहरी इलाकों में भी अपनी पार्टी का विस्तार करना चाहते हैं. वे लगातार यह दावा कर रहे हैं कि AIMIM सिर्फ मुस्लिम मुद्दों की नहीं, बल्कि हाशिये पर पड़े सभी समुदायों की आवाज़ है.
जाति जनगणना की मांग पर ओवैसी का सवाल – क्या 2029 से पहले आएगी रिपोर्ट?
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर जाति जनगणना को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं. ओवैसी ने कहा कि जाति जनगणना बहुत ज़रूरी है, ताकि यह पता चल सके कि कौन सी जातियां विकसित हैं और कौन सी अब भी वंचित हैं. ओवैसी ने कहा, “देश में सकारात्मक कार्रवाई और न्याय सुनिश्चित करने के लिए जाति आधारित जनगणना आवश्यक है. आपने ओबीसी का आरक्षण सिर्फ 27% पर रोक दिया है, जोकि पर्याप्त नहीं है. उन्होंने सरकार से स्पष्ट सवाल किया कि क्या भाजपा बताएगी कि यह जनगणना कब शुरू होगी और कब तक पूरी होगी? क्या इसकी रिपोर्ट 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले आएगी या नहीं?
गठबंधन समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं ओवैसी
यदि ओवैसी सीमांचल के साथ-साथ राज्य के अन्य हिस्सों में भी संगठनात्मक ढांचा मजबूत करने में सफल होते हैं, तो आने वाले चुनावों में वे गठबंधन समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं. खासतौर पर RJD और Congress जैसे दलों के परंपरागत मुस्लिम वोटबैंक (Muslim Voters) में सेंध लग सकती है.
ओवैसी की पार्टी ने हाल ही में सीमांचल में जनसभाओं और मुस्लिम बहुल इलाकों में स्थानीय नेताओं से संवाद तेज़ कर दिया है. साथ ही, AIMIM ने युवाओं और महिलाओं को संगठन से जोड़ने की योजना भी बनाई है. अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या ओवैसी बिहार की राजनीति में एक बार फिर से बड़ा असर छोड़ पाएंगे या नहीं.