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केंद्रीय मंत्री की कुर्सी छोड़कर विधायक क्यों बनना चाहते हैं चिराग पासवान? क्या बिहार में बड़ी रणनीति है तैयार?
केंद्रीय मंत्री की कुर्सी छोड़कर विधायक क्यों बनना चाहते हैं चिराग पासवान? क्या बिहार में बड़ी रणनीति है तैयार?
Authored By: सतीश झा
Published On: Thursday, April 24, 2025
Last Updated On: Thursday, April 24, 2025
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और मौजूदा केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (Chirag Paswan) इन दिनों अपनी एक अलग ही राजनीतिक योजना को लेकर चर्चा में हैं. खबरें तेज हैं कि चिराग अब केंद्रीय मंत्री की कुर्सी छोड़कर बिहार विधानसभा चुनावों में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। सवाल उठता है—आखिर क्यों?
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Thursday, April 24, 2025
Chirag Paswan Bihar politics : चिराग पासवान ने गुरुवार को एक बड़ा बयान देते हुए साफ कर दिया कि वे अब बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि उनका सपना है कि बिहार को विकसित राज्यों की सूची में लाया जाए, और इसके लिए उन्हें जमीनी स्तर पर काम करना होगा.
बिहार को विकसित करना मेरी प्राथमिकता
चिराग पासवान ने कहा, “मैं केंद्र में मंत्री हूं, लेकिन मेरा दिल हमेशा बिहार के साथ धड़कता है. बिहार को आगे ले जाना है, और इसके लिए राज्य की राजनीति में सीधे उतरना जरूरी है.” उन्होंने यह भी कहा कि बिहार को विकास के रास्ते पर लाने के लिए योजनाबद्ध काम करने की जरूरत है. अब वे राज्य के विकास के लिए समर्पित भूमिका निभाना चाहते हैं.
नीतीश कुमार ही होंगे मुख्यमंत्री चेहरा
हालांकि, चिराग ने स्पष्ट कर दिया कि आगामी विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में ही लड़ा जाएगा. उन्होंने कहा, “एनडीए एक मजबूत गठबंधन है. इस बार भी हम सभी दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे. नीतीश कुमार जी हमारे गठबंधन के नेता हैं, मुख्यमंत्री भी वही बनेंगे.”
बिहार की राजनीति में सीधी पकड़ बनाना चाहते हैं चिराग
चिराग पासवान (Chirag Paswan) का यह कदम उनकी राज्य की राजनीति में सक्रिय और निर्णायक भूमिका निभाने की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है. लोकसभा सांसद और मंत्री रहते हुए भी वे प्रदेश स्तर पर अपेक्षित प्रभाव नहीं बना पाए थे. विधानसभा में उतरना उन्हें जनता से सीधे जुड़ाव और नीतिगत फैसलों में भागीदारी का अवसर देगा.
आरक्षित सीटों पर नजर
राज्य की 243 विधानसभा सीटों में से 38 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) और 2 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं. ऐसे में पार्टी इन आरक्षित सीटों पर अपनी रणनीति तेज कर चुकी है. पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने बताया कि कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं की ओर से लगातार यह मांग उठ रही है कि चिराग पासवान को विधानसभा चुनाव में भाग लेना चाहिए. उन्होंने कहा, “राज्यभर से पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के प्रस्ताव आ रहे हैं कि चिराग जी को इस बार विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए. इससे संगठन को और मजबूती मिलेगी और राज्य में पार्टी की पकड़ मजबूत होगी.”
हाजीपुर से सांसद, अब विधानसभा पर फोकस?
गौरतलब है कि हाजीपुर लोकसभा सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है और चिराग पासवान इस सीट से लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. हालांकि, अगर वे विधानसभा चुनाव लड़ते हैं, तो संभावना है कि पार्टी उन्हें किसी प्रभावशाली आरक्षित विधानसभा सीट से उम्मीदवार बना सकती है.
मुख्यमंत्री पद की ओर बढ़ता कदम?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चिराग लंबी रणनीति के तहत काम कर रहे हैं. उनका लक्ष्य सिर्फ विधायक बनना नहीं, बल्कि एक दिन मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचना है। इसके लिए जरूरी है कि वे बिहार की राजनीति की मुख्यधारा में उतरें, और विधायक बनकर विधानमंडल की राजनीति में अनुभव हासिल करें.
अपने पिता रामविलास पासवान की विरासत को आगे ले जाने की कोशिश रामविलास पासवान ने बिहार की राजनीति में एक लंबा और प्रभावशाली कार्यकाल बिताया. चिराग पासवान, उनकी राजनीतिक विरासत को मजबूत करने के लिए ज़मीनी राजनीति में उतरना जरूरी मानते हैं. वे अपने पिता की तरह जनता के बीच पहुंचने और स्थानीय मुद्दों को समझने की कोशिश कर रहे हैं.
NDA में अपनी उपयोगिता बढ़ाना चाहते हैं
एनडीए (NDA) में चिराग पासवान की पार्टी एक सहयोगी दल के रूप में है, लेकिन केवल लोकसभा में उपस्थिति से उन्हें पूरे गठबंधन में वर्चस्व और निर्णय लेने की शक्ति नहीं मिल पा रही है. अगर वे बिहार विधानसभा में प्रवेश करते हैं और कुछ सीटें जीतने में सफल रहते हैं, तो उनकी राजनीतिक सौदेबाजी की क्षमता बढ़ेगी.
युवाओं और विकास की राजनीति का चेहरा बनना चाहते हैं
चिराग पासवान अक्सर बिहार के युवाओं, शिक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों पर खुलकर बोलते रहे हैं. विधायक बनकर वे इन मुद्दों को विधानसभा में उठाना चाहते हैं और अपने “बिहारी स्वाभिमान” मॉडल को लोगों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री की कुर्सी छोड़कर विधायक बनने की चिराग पासवान की मंशा सिर्फ एक राजनीतिक पद परिवर्तन नहीं, बल्कि बिहार में नेतृत्व की बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी है. वे खुद को भविष्य के मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तुत करने की दिशा में एक-एक कदम सोच-समझकर बढ़ा रहे हैं. बिहार की राजनीति में यह एक नया मोड़ हो सकता है.