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हरियाणा की नई राजनीति में इस तरह परिवारों की अहमियत हुई है कम
हरियाणा की नई राजनीति में इस तरह परिवारों की अहमियत हुई है कम
Authored By: सतीश झा
Published On: Wednesday, October 9, 2024
Last Updated On: Sunday, April 27, 2025
हरियाणा विधानसभा चुनाव ने कई मानक गढ़े हैं। उसमें से एक राज्य में सियासी परिवारों को लेकर भी है। भले ही ये परिवार बीते कुछ दशक से हरियाणा के पर्याय के रूप में देखे जाएं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हु्ड्डा की जिस प्रकार से इच्छा अधूरी रह गई है, वह कई संकेत दे रही है। वहीं, देवीलाल परिवार के ज्यादातर सदस्य हारे, पोता नहीं बचा पाया दादा का गढ। हालांकि, राज्य के कद्दावर नेता रहे बंसीलाल की विरासत को श्रुति चौधरी बचाने में कामयाब हुई है।
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Sunday, April 27, 2025
हरियाणा में 15वीं विधानसभा के लिए घोषित हुए चुनाव परिणाम बेहद चौंकाने वाले रहे हैं। इस बार पूरे प्रदेश की निगाहें लंबे समय तक हरियाणा में राज करने वाले तीन लालों के परिजनों पर लगी हुई थी। हरियाणा में कई बार मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय देवीलाल, भजनलाल तथा बंसीलाल के वंशज इस चुनाव में उतरे हुए थे, जिनमें से ज्यादातर को हार का सामना करना पड़ा है।
पूर्व उपप्रधानमंत्री स्वर्गीय देवीलाल (Late Devi Lal) के बेटे रणजीत सिंह (Ranjit Singh) भाजपा से बागी होकर रानियां से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे और हार गए। देवीलाल के पौत्र एवं ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) के बेटे अभय चौटाला (Abhay Chautala) भी इस बार ऐलनाबाद से चुनाव हार गए हैं। ओम प्रकाश चौटाला के एक पौत्र एवं अभय चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला रानियां हलके से चुनाव जीत गए हैं। डबवाली से भाजपा छोड़कर इनेलो में आए स्वर्गीय देवीलाल के वंशज आदित्य देवीलाल भी चुनाव जीत गए हैं। आदित्य देवीलाल ने अपने ही परिवार के अमित सिहाग व दिग्विजय चौटाला को हराकर यह चुनाव जीता है।
देवीलाल परिवार में इस बार सबसे दयनीय स्थिति दुष्यंत चौटाला के साथ बनी है। उचाना से चुनाव लड़ने वाले पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पांचवें स्थान पर रहे हैं। इसी परिवार की सुनैना चौटाला इनेलो की टिकट पर फतेहाबाद से चुनाव लड़ीं और पिछड़ कर तीसरे नंबर पर रह गईं।
हरियाणा के दूसरे लाल भजन लाल के परिवार से इस बार दो सदस्य चुनाव मैदान में थे। लंबे बनवास के बाद भजनलाल के बड़े चंद्रमोहन बिश्नोई करीब दो हजार मतों के अंतर से पंचकूला विधानसभा हलके से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीत गए हैं। भजनलाल की पुश्तैनी सीट आदमपुर से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले भव्य बिश्नोई हार गए हैं। भव्य इस बार अपने परिवार की पुश्तैनी सीट को नहीं बचा पाए हैं।
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इस चुनाव में स्वर्गीय बंसीलाल (Late Bansilal) की राजनीतिक विरासत की जंग बहुत तेज रही है। भाजपा ने जहां तोशाम सीट से बंसीलाल की पौत्री एवं किरण चौधरी (Kiran Chowdhary) की बेटी श्रुति चौधरी (Shruti Choudhary) को चुनाव मैदान में उतारा था वहीं कांग्रेस ने बंसी लाल के बेटे रणबीर महेंद्रा के पुत्र एवं बीसीसीआई के पूर्व सचिव अनिरुद्ध चौधरी को उतारा था। कड़े मुकाबले में श्रुति चौधरी यह चुनाव जीत गई हैं। इसके बाद यह साफ हो गया है कि बंसीलाल की राजनीतिक विरासत को अब श्रुति आगे बढ़ाएंगी।
इस चुनाव में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र की पौत्री एवं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव ने भी अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की है। आरती राव ढाई हजार वोटों से जीतकर विधानसभा पहुंचने में कामयाब हो गई हैं।
(हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के इनपुट के साथ)