छत्तीसगढ़ में शुरू हुआ ‘सुशासन तिहार’, शासन अब केवल सत्ता नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम होगा
छत्तीसगढ़ में शुरू हुआ ‘सुशासन तिहार’, शासन अब केवल सत्ता नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम होगा
Authored By: सतीश झा
Published On: Wednesday, April 9, 2025
Updated On: Wednesday, April 9, 2025
छत्तीसगढ़ में सुशासन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Chief Minister Vishnu Dev Sai) ने 'सुशासन तिहार' कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने राज्य सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि उनकी सरकार बीते 15 महीनों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की गारंटी के तहत किए गए वादों को पूरा करने के लिए लगातार कार्य कर रही है.
Authored By: सतीश झा
Updated On: Wednesday, April 9, 2025
Sushasan Tihar in Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Chief Minister Vishnu Dev Sai) के नेतृत्व में ‘सुशासन तिहार’ की शुरुआत केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और प्रशासनिक संदेश है. यह पहल न केवल प्रदेश में सुशासन की प्रतिबद्धता को दोहराती है, बल्कि यह जनता को यह भरोसा भी देती है कि शासन अब केवल सत्ता नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम होगा. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, “कल से ‘सुशासन तिहार’ की शुरुआत हुई है. हमारी सरकार को 15 महीने पूरे हो गए हैं और इन महीनों में हमने मोदी जी की गारंटी के हर वादे को पूरा करने की कोशिश की है.”
उन्होंने बताया कि सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना, धान की खरीद, 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान मूल्य, महिलाओं के सम्मान में ‘महतारी बंधन’ योजना, तेंदूपत्ता संग्रहकों को बढ़ा हुआ मूल्य और रामलला दर्शन योजना जैसे वादों को जमीनी हकीकत में बदलने का प्रयास किया है. सीएम साय ने यह भी दोहराया कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. उन्होंने कहा, “हम छत्तीसगढ़ में सुशासन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी सरकार की नीति सख्त है और इसमें किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी.”
क्या है सुशासन तिहार
‘सुशासन तिहार’ का उद्देश्य आम जनता तक सरकार की योजनाओं और कार्यों की जानकारी पहुँचाना और सुशासन के प्रति भरोसा मजबूत करना है. यह कार्यक्रम राज्य के विभिन्न जिलों में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें मंत्रीगण, विधायक और अधिकारी जनता से सीधे संवाद कर रहे हैं.’सुशासन तिहार’ की संकल्पना उस समय सामने आई है, जब देश भर में पारदर्शिता, जवाबदेही और जनसंपर्क की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है. इस पहल के माध्यम से सरकार जनता के बीच जाकर यह बताने की कोशिश कर रही है कि उसके वादे केवल चुनावी घोषणाएं नहीं थीं, बल्कि उन्हें धरातल पर उतारने का प्रयास किया जा रहा है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जिस प्रकार प्रधानमंत्री आवास योजना, धान की समर्थन मूल्य पर खरीद, ‘महतारी बंधन’ योजना, तेंदूपत्ता संग्रहकों की आय में वृद्धि और ‘रामलला दर्शन योजना’ जैसे वादों का उल्लेख किया, वह इस बात का प्रमाण है कि सरकार ने वादों को अमल में लाने की दिशा में कार्य किया है.
एक जनजागरण अभियान
सवाल यह भी उठता है कि क्या ‘सुशासन तिहार’ केवल उपलब्धियों की ब्रांडिंग है या फिर यह वाकई एक जनजागरण अभियान है? यदि यह केवल एक प्रचार कार्यक्रम बनकर रह गया, तो इसका उद्देश्य अधूरा रह जाएगा. लेकिन यदि इसे जनसंवाद, जवाबदेही और जनभागीदारी का एक स्थायी मंच बनाया गया, तो यह छत्तीसगढ़ को देश के सुशासित राज्यों की पंक्ति में खड़ा कर सकता है.
वर्तमान में जब जनविश्वास अक्सर राजनीतिक वादों और योजनाओं से डगमगाता है, ऐसे में ‘सुशासन तिहार’ जैसे कार्यक्रम उम्मीद की एक किरण बन सकते हैं. यह न केवल सरकार की नीयत पर परख की कसौटी बनेगा, बल्कि प्रशासनिक ढांचे को भी जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप ढालने की चुनौती देगा.
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