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दिल्ली में आज का मौसम 28 April 2025: 42.1°C की तपिश, प्रदूषण ने बढ़ाई मुश्किलें! जानें आज का मौसम!
दिल्ली में आज का मौसम 28 April 2025: 42.1°C की तपिश, प्रदूषण ने बढ़ाई मुश्किलें! जानें आज का मौसम!
Authored By: Nishant Singh
Published On: Sunday, April 27, 2025
Last Updated On: Sunday, April 27, 2025
दिल्ली में 28 अप्रैल को गर्मी ने तीव्र रूप धारण कर लिया, जब पारा 42.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया—जो पिछले तीन वर्षों में अप्रैल माह का सबसे ऊंचा तापमान है. सुबह से ही तेज धूप ने राजधानी को अपनी चपेट में ले लिया और दोपहर होते-होते लोगों को गर्मी से भारी परेशानी होने लगी. दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में भीषण गर्मी का असर साफ देखा गया, जबकि दक्षिण और पूर्वी भारत के कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश से कुछ राहत मिली. हालांकि, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली में लू चलने की संभावना से इनकार किया है, जिससे फिलहाल कुछ राहत की उम्मीद है. लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी गई है.
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Sunday, April 27, 2025
दिल्ली और उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में गर्मी का प्रकोप अपनी चरम सीमा पर है. इस समय तापमान कई स्थानों पर 40°C से ऊपर पहुँच चुका है, और राजधानी दिल्ली में 28 अप्रैल को भीषण गर्मी का सामना किया जा रहा है. दिल्ली-एनसीआर में तापमान ने 42.1°C को छुआ, जो पिछले तीन वर्षों में अप्रैल महीने का सबसे उच्चतम तापमान साबित हुआ. सुबह से ही तेज़ धूप के साथ गर्मी का असर महसूस होने लगा था, और दोपहर के आते-आते स्थिति और भी विकराल हो गई. इस उमस भरी गर्मी के कारण शहरवासियों को विशेष परेशानी का सामना करना पड़ा.
हालांकि, राहत की बात यह है कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दिल्ली में हीटवेव या लू चलने की संभावना से इंकार किया है, जिससे थोड़ी राहत मिल रही है. बावजूद इसके, इस अप्रत्याशित गर्मी में लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है. दक्षिण और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश ने राहत दी है, पर दिल्ली की तपती धूप ने पूरे शहर को बेहाल कर रखा है. आने वाले दिनों में इस गर्मी का प्रभाव और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है, ऐसे में दिल्लीवाले खुद को गर्मी से बचाने के लिए तैयार रहें.
दिल्ली में आज भी हवा खराब: प्रदूषण का खतरा
दिल्ली में आज सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 239 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है. इस स्थिति में दिल्लीवासियों को खासतौर पर बाहर निकलते वक्त सावधानी बरतने की जरूरत है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, एक्यूआई का स्तर 201 से 300 के बीच ‘खराब’ माना जाता है, जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है, खासकर उन लोगों को जो अस्थमा या सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं.
एक्यूआई श्रेणियां:
- 0 से 50: अच्छा
- 51 से 100: संतोषजनक
- 101 से 200: मध्यम
- 201 से 300: खराब
- 301 से 400: बहुत खराब
- 401 से 500: गंभीर
इस समय दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब होने से लोगों को बाहर कम से कम समय के लिए निकलने की सलाह दी जाती है.
पिछले 10 दिनों में नई दिल्ली में मौसम का मिज़ाज
दिनांक | Min Temp. | Max Temp. |
---|---|---|
Apr 28, 2025 | 30 | 43 |
Apr 27, 2025 | 28 | 41-42 |
Apr 26, 2025 | 29 | 42 |
Apr 25, 2025 | 30 | 43 |
Apr 24, 2025 | 26-29 | 41-43 |
Apr 23, 2025 | 29 | 41 |
Apr 22, 2025 | 27 | 40 |
Apr 21, 2025 | 24-26 | 40-42 |
Apr 20, 2025 | 24-26 | 36-38 |
Apr 19, 2025 | 26 | 39 |
दिल्ली में बढ़ती गर्मी के कारण
दिल्ली में प्रदूषण के कई कारण हैं, जो मिलकर इस समस्या को और जटिल बना देते हैं. सबसे बड़ा कारण यहां के वाहनों से निकलने वाला धुआं है, क्योंकि दिल्ली में लाखों गाड़ियाँ रोज़ सड़क पर दौड़ती हैं. इसके अलावा, निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल और कचरा जलाने की आदत भी प्रदूषण को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती है. सर्दियों में, पंजाब और हरियाणा से आने वाली पराली का धुंआ दिल्ली में प्रदूषण को और बढ़ा देता है. इसके साथ ही, उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषक तत्वों और मौसम की स्थिति भी हवा की गुणवत्ता को प्रभावित करती है. जब हवा की गति कम होती है, तो प्रदूषक तत्व हवा में फंसे रहते हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ जाती है.
प्रदूषण के कारण:
- वाहन प्रदूषण: बढ़ती संख्या में वाहन और पुराने, प्रदूषण फैलाने वाले इंजन.
- पराली जलाना: पड़ोसी राज्यों से आने वाला धुंआ, खासकर सर्दियों में.
- निर्माण कार्य: निर्माण स्थलों से उड़ती धूल.
- उद्योगों से प्रदूषण: कारखानों से निकलने वाले हानिकारक गैस और धुएं.
- कचरा प्रबंधन की समस्या: अव्यवस्थित कचरा निपटान और जलते कचरे से प्रदूषण.
- मौसम का प्रभाव: सर्दियों में कम हवा की गति, जिससे प्रदूषक तत्वों का फैलाव रुकता है.
इन कारणों से दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी रहती है, जो नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी है.
हॉट डे क्या होता है?
जब किसी दिन का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर चला जाए और न्यूनतम तापमान भी सामान्य औसत से 5 डिग्री या उससे ज्यादा हो, तो मौसम विभाग उस दिन को ‘हॉट डे’ यानी बेहद गर्म दिन घोषित करता है. यह स्थिति खासतौर पर अप्रैल से जून के बीच देखने को मिलती है, जब गर्मी अपने चरम पर होती है. ऐसे दिनों में लू का खतरा बढ़ जाता है और लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत होती है, क्योंकि गर्मी न सिर्फ असहज बनाती है, बल्कि सेहत के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है.
हीटवेव क्या है?
हीटवेव एक ऐसी स्थिति है, जब गर्मी की लहर लगातार तीन दिनों तक असामान्य रूप से तीव्र हो जाती है. जब किसी क्षेत्र का तापमान सामान्य से काफी अधिक बढ़ जाता है, तो उसे हीटवेव कहा जाता है. यह स्थिति खासतौर पर मार्च से जून के बीच होती है, और कभी-कभी जुलाई में भी देखने को मिलती है. हीटवेव के दौरान, तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक हो सकता है, जिससे शरीर में पानी की कमी, बुखार, उल्टी, दस्त, थकान और कमजोरी जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह न केवल शरीर को थका देती है, बल्कि सेहत के लिए भी गंभीर खतरे का कारण बन सकती है.
सनबर्न क्या होता है?
गर्मियों में सनबर्न एक आम समस्या बन जाती है, जो त्वचा के लिए बहुत हानिकारक होती है. चिकित्सा भाषा में इसे “डर्माटाइटिस सोलारिस” कहा जाता है. सनबर्न तब होता है जब त्वचा सूरज की हानिकारक यूवी किरणों के सीधे संपर्क में आ जाती है. इसके परिणामस्वरूप त्वचा में जलन, सूजन, लाल चकत्ते, छाले और दर्द हो सकते हैं. धीरे-धीरे त्वचा जलने लगती है, और उसका रंग काला हो जाता है. यह स्थिति न सिर्फ असहज होती है, बल्कि लम्बे समय में त्वचा पर दाग-धब्बे भी छोड़ सकती है. सनबर्न से बचने के लिए सूरज की सीधी किरणों से बचना और सही सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है.