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मोदी की मध्यस्थता से रूस-यूक्रेन के बीच हो पाएगी संधि, अमेरिका को भी है सुलह का यकीन
मोदी की मध्यस्थता से रूस-यूक्रेन के बीच हो पाएगी संधि, अमेरिका को भी है सुलह का यकीन
Authored By: सतीश झा
Published On: Saturday, March 15, 2025
Updated On: Saturday, March 15, 2025
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध अब पूरी दुनिया के लिए चिंता का सबब बन चुका है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) की ओर से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के साथ अपनी हालिया चर्चा के बाद इसे सकारात्मक बताया गया है. अमेरिका की ओर से इसे बहुत अच्छा और उत्पादक कहा गया. वैश्विक समुदाय को अब रूस-यूक्रेन युद्ध के संभावित समाधान के बारे में आशा जगी है. एक तबका ऐसा है, जिसका मानना है कि जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) इस मामले में मध्यस्था करेंगे, तो शांति का रास्ता जरूर निकलेगा. अमेरिकी प्रशासन को भी भरोसा है कि मोदी की कूटनीतिक सूझबूझ इस संघर्ष को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.
Authored By: सतीश झा
Updated On: Saturday, March 15, 2025
Russia Ukraine Conflict Resolution: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने उम्मीद जताई कि वार्ता रूस-यूक्रेन युद्ध के संभावित समाधान का मार्ग प्रशस्त कर सकती है. ट्रम्प ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “कल राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के साथ हमारी बहुत अच्छी और उत्पादक चर्चा हुई. इस बात की बहुत अच्छी संभावना है कि यह भयानक और खूनी युद्ध आखिरकार खत्म हो सकता है.” उन्होंने पुतिन से यूक्रेनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आग्रह किया है. उन्होंने कहा, “मैंने राष्ट्रपति पुतिन से दृढ़ता से अनुरोध किया है कि यूक्रेनी लोगों की जान बख्श दी जाए.
पुतिन ने संघर्ष विराम पर सहमति जताई, लेकिन स्थायी शांति की शर्त रखी
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा है कि रूस लड़ाई रोकने के प्रस्तावों से सहमत है, लेकिन उन्होंने जोर दिया कि संघर्ष विराम स्थायी शांति की गारंटी के साथ होना चाहिए और इसके लिए युद्ध के मूल कारणों का समाधान आवश्यक है. पुतिन ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि अमेरिका ने यूक्रेन को संघर्ष विराम स्वीकार करने के लिए राजी किया है, लेकिन युद्ध के मैदान की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यूक्रेन भी इसमें रुचि रखता है.रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि रूस के कुर्स्क क्षेत्र में घुसपैठ करने वाले यूक्रेनी सैनिकों को आगामी दिनों में पूरी तरह से रोक दिया जाएगा. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “क्या वहां मौजूद सभी लोग बिना किसी लड़ाई के बाहर आ जाएंगे?” यह बयान रूस की सैन्य रणनीति में आक्रामकता के संकेत के रूप में देखा जा रहा है.
भारत सहित अन्य देशों को भी धन्यवाद
रूसी राष्ट्रपति ने चीन, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं को भी धन्यवाद दिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि रूस इन देशों की कूटनीतिक भूमिका को अहम मान रहा है. पुतिन ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) को यूक्रेन से जुड़े समझौते पर विशेष ध्यान देने के लिए धन्यवाद दिया. ट्रम्प हाल ही में रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए अपनी भूमिका पर जोर दे चुके हैं.
मोदी की कूटनीति बनी अहम कड़ी
भारत ने शुरुआत से ही रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर संतुलित रुख अपनाया है और दोनों पक्षों से संवाद बनाए रखा है. पीएम नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने कई बार दोनों देशों के नेताओं से बातचीत की और शांति स्थापित करने पर जोर दिया है. हाल ही में मिली रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता के लिए भारत एक संभावित मध्यस्थ के रूप में उभर सकता है. अमेरिकी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि वाशिंगटन को भरोसा है कि भारत की कूटनीतिक पहल से शांति वार्ता सफल हो सकती है. अमेरिका इस मुद्दे पर भारत के प्रयासों का समर्थन कर सकता है, क्योंकि वह भी संघर्ष को जल्द समाप्त करना चाहता है.
G20 और SCO में भी उठ चुका है यह मुद्दा
पिछले साल G20 शिखर सम्मेलन और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठकों में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi)ने कहा था कि “यह युद्ध का युग नहीं है” और कूटनीतिक समाधान की आवश्यकता पर बल दिया था. उनके इस दृष्टिकोण को वैश्विक मंच पर समर्थन भी मिला था. अगर भारत की पहल से रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त हो जाता है, तो यह वैश्विक शांति के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी. पीएम मोदी की कूटनीतिक क्षमता और भारत की तटस्थ विदेश नीति इस प्रयास को सफल बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है.