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Sudan Civil War : सूडान में सेना ने किया राष्ट्रपति भवन पर कब्जा, मंडराया मुस्लिम देश के टूटने का खतरा
Sudan Civil War : सूडान में सेना ने किया राष्ट्रपति भवन पर कब्जा, मंडराया मुस्लिम देश के टूटने का खतरा
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Friday, March 21, 2025
Last Updated On: Friday, March 21, 2025
Sudan Civil War: सूडानी सेना के प्रवक्ता के मुताबिक उसने खार्तूम में राष्ट्रपति भवन के अलावा मंत्रालयों पर भी कब्जा कर लिया है. यहां सेना और अर्धसैनिक समूह आरएसएफ (RSF) के बीच पिछले दो साल से युद्ध चल रहा है
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Last Updated On: Friday, March 21, 2025
हाईलाइट
- सूडानी सेना ने राष्ट्रपति के खार्तूम महल पर कब्जा किया.
- वीडियो और फोटो में महल के अंदर सैनिकों को देखा जा सकता है.
- इसकी पुष्टि सूडानी सेना ने भी कर दी है.
- सूडान में सेना और अर्धसैनिक समूह के बीच 2 साल से युद्ध चल रहा है.
Sudan Civil War: सूडान की सेना ने आज बताया है कि उसने करीब दो साल की लड़ाई के बाद खार्तूम में रिपब्लिकन पैलेस (राष्ट्रपति भवन) पर फिर से कब्जा कर लिया है. यह राजधानी में प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बलों का अंतिम भारी सुरक्षा वाला गढ़ था. सूडानी सेना के कैप्टन स्तरीय एक अधिकारी ने इसकी घोषणा की. उन्होंने पुष्टि की कि रमजान के पाक महीने के 21 वें दिन (यानी आज) सैनिक राष्ट्रपति भवन परिसर के अंदर प्रवेश कर गए हैं.
खंडहर में बदला महल
कुछ सैन्य अधिकारियों द्वारा जारी वीडियो में देखा जा सकता है कि युद्ध के कारण महल आंशिक रूप से खंडहर में तब्दील हो गया है. महल की टूटी टाइल्स सभी जगह बिखरी हुई, दिखाई देती है. सैनिक असॉल्ट राइफलें और रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड लांचर लिए नारे लगा रहे थे, ‘ईश्वर सबसे महान है.’
जीत पूरी होने तक युद्ध जारी
सूडान के सूचना मंत्री खालिद अल-ऐसर ने भी इसकी पुष्टि की है. उन्होंने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट लिखा है, ‘सेना ने महल को फिर से अपने कब्जे में ले लिया है. आज झंडा फहराया गया है. महल वापस आ गया है. जीत पूरी होने तक यह लड़ाई जारी रहेगी.’
आरएसएफ का कई इलाकों में कब्जा
सेना प्रमुख जनरल अब्देल-फतह बुरहान के नेतृत्व में अर्द्ध सैनिक बलों के समूह (आरएसएफ) से अप्रैल 2023 में युद्ध शुरू हुआ था. आरएसएफ का नेतृत्व जनरल मोहम्मद हमदान डागालो कर रहे थे. यह दो जनरलों के बीच छिड़ा युद्ध है. आज से पहले तक राष्ट्रपति भवन पर इन्हीं का कब्ज़ा था. लेकिन अब जनरल हमदान डागालो के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी रैपिड सपोर्ट फोर्स को राजधानी से बाहर निकाल दिया गया है।
हालांकि आरएसएफ ने अभी इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. इसलिए सूडान के कुछ लोगों का कहना है कि संभवतः लड़ाई अभी नहीं रुकेगा. क्योंकि आरएसएफ और उसके सहयोगी का अभी भी सूडान में अन्य क्षेत्रों पर कब्जा है.
अल-मलीहा पर आरएसएफ का कब्ज़ा
कल, 20 मार्च को देर रात आरएसएफ ने दावा किया था कि उसने सूडानी शहर अल-मलीहा पर कब्ज़ा कर लिया है. यह चाड और लीबिया की सीमाओं के पास उत्तरी दारफुर में एक रणनीतिक रेगिस्तानी शहर है. सूडानी सेना ने भी अल-मलीहा के आसपास लड़ाई को स्वीकार किया है. हालांकि सेना ने शहर खोने के बारे में स्पष्ट नहीं किया है. अल-मलीहा एल फशर शहर से लगभग 200 किलोमीटर उत्तर में है.
सबसे बड़ा मानवीय संकट
संयुक्त राष्ट्र बाल एजेंसी के प्रमुख ने कहा है कि इस संघर्ष ने दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संकट पैदा किया है. इस युद्ध में 28,000 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं. लाखों लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है. देश के कई हिस्सों में अकाल की वजह से कुछ परिवार ज़िंदा रहने के लिए घास खा रहे हैं.
अराजकता और युद्धग्रस्त सूडान
सूडान उत्तरी पूर्वी अफ्रीकी देश है. वर्ष 2019 में एक विद्रोह के बाद से यह अस्थिर है. इस कारण लंबे समय से निरंकुश राष्ट्रपति उमर अल-बशीर को पद से हटा दिया गया था. अल्पकालिक लोकतंत्र तब पटरी से उतर गया, जब बुरहान और डागालो ने 2021 में एक सैन्य तख्तापलट का नेतृत्व किया. इसके बाद वर्ष 2023 में आरएसएफ और सूडान की सेना ने एक-दूसरे के खिलाफ युद्ध शुरू कर दिया था. यह अभी भी जारी है.
भारत-सूडान संबंध
सूडान दुनिया का सबसे गरीब देश है. इसके बावजूद भारतीय इस देश में भी जाते हैं. हजारों की संख्या में यहां भारतीय नागरिक रहते हैं. सूडान में अधिकतर भारतीय आयुर्वेदिक दवा बनाते और बेचते हैं. इससे जुड़े कई भारतीय ज्यादा पैसे और रोजगार के लिए सूडान का रुख करते है. भारतीय सूडान में आयुर्वेदिक दवाओं का उत्पादन कर उसे अफ्रीकी देशों में बेचते है. इस कार्य में कर्नाटक के हक्की-पक्की जनजाति समुदाय के लोग वहां जुड़े हुए हैं. सूडान में भारतीयों की अच्छी साख है.
सैकड़ों भारतीय को निकाला
दो साल पहले जब सूडान में गृह युद्ध छिड़ा, उस समय भी सूडान से सैकड़ों भारतीय को ऑपरेशन शुरू कर स्वदेश वापस लाया गया था. अप्रैल 2023 में गृह युद्ध में फंसे 500 भारतीय को सूडान पोर्ट पर लाया गया. फिर इन्हें आईएनएस सुमेधा से जेद्दा लाया गया. वहां से इन्हें एयरफ्राफ्ट के ज़रिए भारत वापस लाया गया.