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जिहादियों के सैकड़ों करतूतों की सूची हुई जारी, विश्व हिंदू परिषद ने दी है सख्त चेतावनी
जिहादियों के सैकड़ों करतूतों की सूची हुई जारी, विश्व हिंदू परिषद ने दी है सख्त चेतावनी
Authored By: सतीश झा
Published On: Tuesday, November 12, 2024
Updated On: Tuesday, November 12, 2024
देशभर में हिंदू समाज, उनके धार्मिक स्थल, उत्सव और मंदिरों पर लगातार हो रहे जिहादी हमलों पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने गहरी चिंता व्यक्त की है। संगठन ने इन हमलों की एक विस्तृत सूची जारी करते हुए कहा कि यह घटनाएं साबित करती हैं कि जिहादी तत्व आक्रांता हैं, न कि पीड़ित।
विहिप के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन (Dr. Surendra Jain) ने इस सूची को जारी करते हुए सेकुलर दलों और मुस्लिम नेताओं को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि देश में कुछ राजनीतिक दल और नेता सत्ता के लिए इन तत्वों को भड़काकर देश को गृहयुद्ध की ओर ले जा रहे हैं, जो देश की एकता और शांति के लिए खतरा है।
हिंदूओं पर जिहादी आक्रमण: विहिप ने जारी की गंभीर चेतावनी
भारत में जिहादी तत्व लगातार हिंदू समाज, उनके उत्सवों और मंदिरों पर आक्रमण कर रहे हैं। इस पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने इन हमलों की सूची जारी करते हुए कहा कि यह प्रमाणित करता है कि जिहादी आक्रमणकारी हैं, पीड़ित नहीं। उन्होंने भारत की कथित सेकुलर और मुस्लिम पार्टियों व नेताओं को चेताया कि सत्ता की लालसा में वे इन जिहादियों को भड़काकर उनकी हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं, जो देश को गृहयुद्ध की ओर ले जा सकता है। जिहादियों को संरक्षण देने के बजाय उन्हें सख्त सबक सिखाने की जरूरत है। हर नागरिक के लिए देश के संविधान, कानून, न्यायपालिका और राष्ट्रीय परंपराओं का सम्मान अनिवार्य है, जो शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए जरूरी है।
डॉ. जैन ने बताया कि यह सूची जनवरी 2023 से 2024 की छठ पूजा तक के 300 से अधिक हमलों और अत्याचारों का ब्योरा है, जो इस अवधि के आक्रमणों का सिर्फ एक हिस्सा है। इन हमलों की बर्बरता मानवता को झकझोर देने वाली है, और उनके प्रकार भी कल्पना से परे हैं। आतंक, लव, लैंड, जनसंख्या जिहाद से त्रस्त दुनिया को अब थूक जिहाद, पेशाब जिहाद, ट्रेन जिहाद, अवयस्क जिहाद जैसी नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जो गैर-मुसलमानों के प्रति घृणा का परिचायक है। आज संपूर्ण विश्व इन हमलों की जड़ और कारण की खोज में लगा है।
डॉ. जैन ने कहा कि इन जिहादी हमलों की वीभत्सता विश्व स्तर पर देखी जा रही है। चाहे हमास के हमले हों, बांग्लादेशी जिहादियों की हरकतें हों, कश्मीर में हिंदुओं का नरसंहार हो या बंगाल में हिंदुओं पर हमले, सभी में एक समान क्रूरता दिखाई देती है। यह एक बड़ी विडंबना है कि विश्व के सबसे बड़े आक्रमणकारी स्वयं को पीड़ित बताते हैं। वास्तव में, वे इस्लामोफोबिया से नहीं, बल्कि काफिरोफोबिया से पीड़ित हैं। डॉ. जैन ने विश्व की सभ्यताओं से आह्वान किया कि सब मिलकर इस क्रूर जिहादी मानसिकता को समाप्त करने का प्रयास करें।
उन्होंने कहा कि भारत के कुछ मौलाना और मुस्लिम नेता जिस तरह हिंदू समाज को मारने-काटने की धमकियां दे रहे हैं, वह उनकी जिहादी मानसिकता को दर्शाता है। लेकिन इस पर सेकुलर बिरादरी की चुप्पी आश्चर्यजनक है। क्या ये नेता भारत में 1946 जैसी “डायरेक्ट एक्शन“ की पुनरावृत्ति चाहते हैं? इन्हें समझना चाहिए कि आज का समय 1947 नहीं है; आज का हिंदू समाज संगठित है और संवैधानिक दायरे में रहकर हर चुनौती का जवाब देने में सक्षम है।
विहिप ने उठाए मौलानाओं के फतवों पर सवाल
विहिप ने सवाल उठाया कि इन आतंकी घटनाओं (Terrorist Incidents) को गैर-इस्लामिक कहने वाले मौलानाओं ने अब तक कितने फतवे जारी किए हैं? क्या इसे मान लिया जाए कि कश्मीर के नरसंहार से लेकर हमास, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में हो रही बर्बरता तक में इनका समर्थन शामिल है? विहिप इन भड़काऊ बयानों का विश्लेषण कर रही है और कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रही है। यह सब नेताओं और सेकुलर बिरादरी को समझना चाहिए कि जिहाद का रास्ता विनाश की ओर ले जाता है, जो न देश के हित में है और न ही उनके हित में। एक संगठित और सामर्थ्यशाली हिंदू समाज राष्ट्रविरोधी और हिंदू विरोधी षडयंत्रों को रोकने में सक्षम है।