कांग्रेस से बढ़ती दूरी पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने किया ऐसे तंज, उद्धव ठाकरे का अगला कदम क्या होगा ?
कांग्रेस से बढ़ती दूरी पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने किया ऐसे तंज, उद्धव ठाकरे का अगला कदम क्या होगा ?
Authored By: सतीश झा
Published On: Saturday, April 12, 2025
Updated On: Sunday, April 13, 2025
एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के घटक दलों के बीच बढ़ती खींचतान के बीच शिवसेना (उद्धव गुट) और कांग्रेस के रिश्तों में तल्खी साफ दिखाई देने लगी है. कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन को लेकर शिवसेना ने अपने मुखमंत्र "सामना" में कांग्रेस नेतृत्व से सवाल पूछा है. इसकी जद में INDIA गठबंधन है. साथ ही सवाल उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के अगले कदम को लेकर भी उठने लगा है.
Authored By: सतीश झा
Updated On: Sunday, April 13, 2025
Uddhav Thakray Congress rift: हाल के दिनों में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की ओर से दिए गए बयानों और राजनीतिक गतिविधियों ने संकेत दिया है कि पार्टी कांग्रेस से दूरी बना सकती है. ऐसे में ये अपने पुराने साथियों की ओर सुलह का हाथ बढ़ा सकते हैं. महाराष्ट्र में अभी भाजपा के नेतृत्व में एनडीए की सरकार है. व्यक्तिगत स्वार्थ को छोड़ दिया जाए, तो विचारधारा की धरातल पर उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) रे के लिए एनडीए (NDA)अधिक फिट दिखता है.
कांग्रेस पर उद्धव गुट का तीखा हमला
महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल के बीच शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) ने कांग्रेस (Congress) पार्टी पर तीखा हमला बोला है. पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा गया है कि हाल ही में अहमदाबाद में हुए कांग्रेस अधिवेशन में केवल पार्टी की आंतरिक राजनीति और नेतृत्व को लेकर चर्चा हुई, लेकिन ‘इंडिया’ (INDIA) गठबंधन या भारत के भविष्य पर कोई गंभीर विमर्श नहीं हुआ.
संपादकीय में लिखा गया है, “कांग्रेस ने अहमदाबाद के अधिवेशन में केवल अपने बारे में बात की, ‘इंडिया’ या भारत कहीं भी चर्चा में नहीं था. यह चिंताजनक है.” शिवसेना ने कांग्रेस के इस रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद ‘इंडिया’ गठबंधन की स्थिति को लेकर जनता में भ्रम और सवाल हैं, लेकिन कांग्रेस ने इस पर कोई स्पष्टता नहीं दी है. यह संकेत करता है कि विपक्षी गठबंधन को लेकर एकजुटता अब पहले जैसी नहीं रही.
सामना के संपादकीय में आगे यह भी कहा गया कि, “देश को एक मज़बूत विकल्प की जरूरत है, लेकिन जब गठबंधन के घटक दलों में ही समन्वय नहीं होगा, तो जनविश्वास कैसे कायम होगा?”
क्या अपने लिए नया दोस्त तलाशेंगे उद्धव ठाकरे
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान आने वाले दिनों में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के भीतर भी खींचतान को और बढ़ा सकता है और महाराष्ट्र की राजनीति में संभावित बदलाव की भूमिका तैयार कर सकता है.कांग्रेस पर तीखी टिप्पणी के बाद यह अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या उद्धव ठाकरे अब अपने लिए नया राजनीतिक सहयोगी तलाश सकते हैं? महाराष्ट्र की राजनीति को देखते हुए उद्धव ठाकरे नए समीकरण और संभावित सहयोगियों पर विचार कर सकते हैं. खासकर तब, जब ‘इंडिया’ गठबंधन की मजबूती को लेकर ही सवाल खड़े हो गए हों. हालांकि, अभी तक उद्धव ठाकरे की ओर से किसी नए राजनीतिक गठबंधन या दोस्ती की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन बदलते स्वर और आक्रामक तेवर इस ओर इशारा कर रहे हैं कि राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता. अगला कदम परिस्थितियों पर निर्भर करेगा.
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