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तहव्वुर राणा के बाद अगला नंबर किसका? अब किन-किन पर NIA कसेगी शिकंजा
तहव्वुर राणा के बाद अगला नंबर किसका? अब किन-किन पर NIA कसेगी शिकंजा
Authored By: सतीश झा
Published On: Friday, April 11, 2025
Updated On: Friday, April 11, 2025
देश ही नहीं, विदेशों में भी भारत सरकार के कामों की खूब वाह-वाही हो रही है. अपनी सुरक्षा के लिए हमेशा मुस्तैद रहने वाला इजराइल ने सरकार को शाबाशी दी है. 26/11 मुंबई हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा (Tahawwur Rana) को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किए जाने के बाद अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की अगली कार्रवाई पर सबकी निगाहें टिक गई हैं. सूत्रों के अनुसार, एनआईए (NIA) इस मामले से जुड़े अन्य संदिग्धों और सहयोगियों की भूमिका की गहन जांच में जुट गई है. राणा की गिरफ्तारी से जांच एजेंसी को उन नेटवर्क्स को उजागर करने में मदद मिल सकती है, जो भारत के खिलाफ साजिशों में वर्षों से सक्रिय रहे हैं.
Authored By: सतीश झा
Updated On: Friday, April 11, 2025
Tahawwur Rana NIA investigation : तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) की भारत वापसी केवल एक कानूनी प्रक्रिया नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक लड़ाई में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। अब सवाल उठता है—क्या राणा (Tahawwur Rana) की गवाही या पूछताछ से ऐसे नाम सामने आ सकते हैं, जो अब तक परदे के पीछे थे? क्या NIA जल्द ही किसी और बड़ी गिरफ्तारी की ओर बढ़ रही है?
भारत में मौजूद संदिग्धों की तलाश
NIA की एक टीम उन लोगों की पहचान में लगी है, जो 26/11 हमले की योजना से जुड़े थे या राणा और हेडली की भारत यात्रा के दौरान उनके संपर्क में आए थे. इसमें कुछ कारोबारी, होटल कर्मचारी और इंटेलिजेंस एजेंसियों की नजर में आए कुछ नाम फिर से जांच के दायरे में हैं. NIA की नजर अब लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े उन नेटवर्क्स पर है, जिन्होंने तहव्वुर राणा और डेविड कोलमैन हेडली जैसे लोगों को भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया. विशेष सूत्र बताते हैं कि कुछ पुराने केस फाइल्स को फिर से खंगाला जा रहा है, ताकि उन “स्लीपर सेल” या सहयोगियों की पहचान की जा सके, जो भारत में अब भी सक्रिय हो सकते हैं.
इन लोगों पर भी है नजर
नाम | संगठन | देश |
---|---|---|
मसूद अज़हर | जैश-ए-मोहम्मद | पाकिस्तान |
हाफ़िज़ सईद | लश्कर-ए-तैयबा | पाकिस्तान |
जकीउर रहमान लखवी | लश्कर-ए-तैयबा | पाकिस्तान |
डेविड हेडली | लश्कर-ए-तैयबा | अमेरिका |
सैयद सलाहुद्दीन | हिजबुल मुजाहिदीन | पाकिस्तान |
दाऊद इब्राहिम | डी-कंपनी | पाकिस्तान |
गुरपतवंत सिंह पन्नू | सिख फॉर जस्टिस | यूनाइटेड स्टेट्स |
परमजीत सिंह पम्मा | खालिस्तान टाइगर फोर्स | यूनाइटेड स्टेट्स |
गोल्डी बराड़ | बब्बर खालसा | कनाडा |
परेश बरुआ | यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असोम | चीन |
तहव्वुर राणा से 12 सदस्यीय टीम कर रही है गहन जांच
तहव्वुर हुसैन राणा से पूछताछ शुक्रवार सुबह 11 बजे NIA मुख्यालय में शुरू हुई. इससे पहले विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एनआईए मुख्यालय पहुंचे और एनआईए के महानिदेशक के साथ एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बैठक आयोजित की गई, जिसमें जांच के अगले कदमों की विस्तृत रूपरेखा तैयार की गई. पूछताछ का नेतृत्व एनआईए की डीआईजी जया रॉय कर रही हैं, जो इस मामले की प्रमुख जांच अधिकारी भी हैं. उनके नेतृत्व में 12 सदस्यों की एक विशेष टीम राणा से पूछताछ कर रही है. यह टीम 26/11 हमलों की साजिश, आतंकी हमले की योजना और उसमें राणा की भूमिका से जुड़े हर पहलू की गहराई से जांच कर रही है.
सूत्रों के मुताबिक, इस पूछताछ के दौरान राणा के पाकिस्तान स्थित संपर्कों, डेविड हेडली के साथ उसके रिश्ते और भारत में किए गए मिशनों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. NIA हर दिन की जांच रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपेगी ताकि जांच की प्रगति पर शीर्ष स्तर पर नजर रखी जा सके. एनआईए का यह प्रयास भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर उठाया गया एक बड़ा कदम माना जा रहा है. अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि तहव्वुर राणा की गिरफ्त से भारत को 26/11 जैसे आतंकी हमलों के पीछे के नेटवर्क को उजागर करने में कितनी मदद मिलती है.
अमेरिकी संबंधों के कारण हुआ ये ऑपरेशन
हाल के वर्षों में भारत और अमेरिका का संबंध पहले से अधिक प्रगाढ़ हुआ है. भारत को राणा का प्रत्यर्पण तब संभव हो पाया, जब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्यर्पण रोकने की उनकी अंतिम अपील को खारिज कर दिया. इससे पहले उन्होंने अमेरिका में कई स्तरों पर प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी, लेकिन सभी प्रयास विफल रहे. सुरक्षा एजेंसियों को उम्मीद है कि उसकी गिरफ़्तारी से 26/11 जैसे भयावह हमलों के पीछे के आतंकवादी नेटवर्क को और गहराई से समझा जा सकेगा.
क्या राजनीतिक साजिश की परतें भी खुलेंगी?
विशेषज्ञों का मानना है कि तहव्वुर राणा की पूछताछ में कुछ ऐसे खुलासे हो सकते हैं, जो केवल आतंकी नेटवर्क तक सीमित नहीं होंगे, बल्कि इसमें कुछ राजनीतिक या कूटनीतिक मोर्चों पर भी सवाल उठ सकते हैं. राणा के बयान भारतीय एजेंसियों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने के लिए ठोस प्रमाण भी दे सकते हैं. अब जब तहव्वुर राणा भारत की एजेंसियों की गिरफ्त में है, यह तय है कि NIA अपनी जांच को अगले स्तर पर ले जाएगी. कौन-कौन लोग रडार पर हैं, अगली गिरफ्तारी कब होगी और क्या इससे भारत को न्याय मिलेगा—इन सवालों का जवाब आने वाले हफ्तों में मिल सकता है.