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ट्रंप के टैरिफ का क्या होगा असर, यहां समझिए पूरा कारोबार
Authored By: Suman
Published On: Thursday, July 31, 2025
Last Updated On: Thursday, July 31, 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय निर्यात पर 25 फीसदी का टैरिफ यानी आयात शुल्क लगा दिया है. यह भारतीय निर्यातकों के लिए बड़ा झटका है.
Authored By: Suman
Last Updated On: Thursday, July 31, 2025
Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय निर्यात पर 25 फीसदी का टैरिफ यानी आयात शुल्क लगा दिया है और रूस से कच्चे तेल के आयात पर नाराजगी जताते हुए जुर्माना लगाने की बात भी की है. यह भारतीय निर्यातकों के लिए बड़ा झटका है. ट्रंप द्वारा तय समय सीमा 1 अगस्त से पहले भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर वार्ता विफल रहने के बाद ट्रंप ने बुधवार को यह ऐलान किया.
ट्रंप द्वारा ऐलान किया गया नया टैरिफ और जुर्माना 1 अगस्त से लागू होगा.
भारत पर टैरिफ वियतनाम (20 per cent), इंडोनेशिया (19 per cent), फिलीपींस (20 per cent) से ज्यादा लगाया गया है. इसलिए इन देशों से भारत को तगड़ी चुनौती मिलेगी और जो उत्पाद ये देश अमेरिका भेजते हैं उनमें भारत को काफी नुकसान होगा. भारत के लिए सिर्फ राहत की बात यह है कि उसके सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी चीन पर 34 फीसदी का टैरिफ लगाया गया है, यानी चीन के मुकाबले अभी भी भारतीय उत्पाद सस्ते पड़ेंगे.
भारत के जानकारों को अभी भी इस बात का भरोसा है कि दिसंबर से पहले भारत और अमेरिका के बीच कोई ट्रेड डील हो जाएगा और भारी टैरिफ से राहत मिलेगी. ऐसा माना जा रहा है कि यह भारत पर दबाव बनाने की ट्रंप की रणनीति है ताकि वह डील में अच्छा फायदा हासिल कर सकें. ऐसी उम्मीद है कि डील के बाद यह रेट घटकर 20 फीसदी से नीचे आ सकती है. लेकिन अगर 25 फीसदी का यही रेट जारी रहा तो भारतीय निर्यातकों को बड़ा नुकसान हो सकता है.
कितना है व्यापार
साल 2024 में भारत ने अमेरिका को 87.4 अरब डॉलर की वस्तुओं का निर्यात किया और अमेरिका से भारत 41.8 अरब डॉलर का निर्यात हुआ. इस तरह अमेरिका को इसमें 45.7 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हुआ.
भारत से अमेरिका को ऑटोमोबाइल, ऑटो पार्ट्स, दवा, स्मार्टफोन खासकर आईफोन, इलेक्ट्रॉनिक्स, झींगा जैसे समुद्री उत्पाद, जेम्स ऐंड ज्वैलरी, अपैरल, जूते आदि का निर्यात किया जाता है.
दवाओं पर क्या होगा असर
भारत से अमेरिका को बड़े पैमाने पर दवाओं का निर्यात होता है. अप्रैल में ट्रंप ने दवाओं, सेमीकंडक्टर और क्रिटिकल मिनरल्स के निर्यात को इस भारी शुल्क से राहत दी थी. लेकिन इस बार ऐसा कुछ अभी तक सामने नहीं आया है. दवा इंडस्ट्री इस ऐलान के बारीक पहलुओं के जारी होने का इंतजार कर रही है. अगर दवाओं पर भी यह टैरिफ लागू हुआ तो यह बड़ा झटका होगा क्योंकि भारतीय दवा कंपनियों के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार है. इसकी वजह से फार्मा शेयर आज टूट गए.
ऑटो सेक्टर को बड़ा नुकसान
ट्रंप टैरिफ से टाटा मोटर्स और भारत फोर्ज जैसी वाहन और कम्पोनेंट निर्यातकों को भारी नुकसान होगा क्यों उनके अमेरिकी मांग में बड़ी गिरावट आएगी. भारतीय कारें अमेरिका में महंगी हो जाएंगी. भारत ने साल 2023 में अमेरिका को इंजन पार्ट, ब्रेक, गियर जैसे ऑटो पार्ट्स का 2 अरब डॉलर का निर्यात किया था.
स्मार्टफोन कंपनियों को नुकसान
स्मार्टफोन और सोलर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को भी काफी नुकसान होगा. खासकर ऐपल और वारी एनर्जी जैसी कंपनियों को नुकसान होगा. इससे भारत के ऐपल कारोबार पर भी काफी बुरा असर पड़ सकता है.
ऐपल हाल के वर्षों में लगातार यह कोशिश कर रही थी कि अपने कामकाज का बड़ा हिस्सा चीन से लेकर भारत आए. इन दिनों अमेरिका दुनिया के दूसरे देशों से निर्यात होने वाले आईफोन का करीब 50 फीसदी हिस्सा भारत से जाता है. ऐपल ने अप्रैल से जून के बीच भारत से करीब 5 अरब डॉलर का फोन निर्यात किया. यह भारत से होने वाले कुल स्मार्टफोन निर्यात का करीब 70 फीसदी हिस्सा है.
जेम्स और ज्वैलरी की चमक फीकी
ट्रंप टैरिफ से ज्वैलरी सेक्टर को भी बड़ा नुकसान होगा. जेम्स और ज्वैलरी सेक्टर के लिए अमेरिका भारत के लिए सबसे बड़ा मार्केट है. भारत से अमेरिका को हर साल 10 अरब डॉलर का रत्न और आभूषण का निर्यात होता है जो कुल वैश्विक निर्यात का करीब 30 फीसदी है.
कपड़ा और परिधान पर बुरा असर
- भारत ने पिछले साल अमेरिका को कपड़ों का निर्यात करीब 2.5 अरब का निर्यात किया था. अब नए टैरिफ के बाद अमेरिका में भारतीय कपड़े कम से कम 17 फीसदी महंगे हो जाएंगे. गारमेंट, लिनेन और टॉवेल्स के निर्यात में भारत को बांग्लादेश और वियतनाम से कड़ी चुनौती मिलेगी.
- डेरी, प्रोसेस्ड फूड, चाय और मरीन उत्पादों पर अब 25 से 27 फीसदी का टैरिफ लग सकता है, इससे अमेरिकी बाजारों में इन उत्पादों को बेचना आसान नहीं होगा क्योंकि कई दूसरे देशों से ये उत्पाद वहां सस्ते में पहुंचेंगे.
इकोनॉमी पर भी असर
अमेरिकी टैरिफ से पूरी भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा. रुपया पहले ही पांच महीने के निचले स्तर पर पहुंच चुका है. जानकारों का अनुमान है कि टैरिफ की इस मार से देश की जीडीपी को 0.2–0.5% का झटका लग सकता है.