आखिर क्यों बड़े इवेंट्स में बिछाया जाता है रेड कार्पेट? इसके पीछे है हज़ारों साल पुराना राज़

Authored By: Nishant Singh

Published On: Saturday, November 1, 2025

Updated On: Saturday, November 1, 2025

रेड कार्पेट की परंपरा का इतिहास जानें, जो राजाओं और देवताओं के सम्मान से जुड़ा है.

आख़िर क्यों हर बड़ा अवॉर्ड शो, फिल्म प्रीमियर या इवेंट रेड कार्पेट के बिना अधूरा लगता है? क्यों इस लाल कालीन पर कदम रखना किसी सितारे के लिए सम्मान और पहचान की बात बन जाता है? प्राचीन यूनान से लेकर हॉलीवुड तक का ये सफर सिर्फ ग्लैमर नहीं, बल्कि शाही परंपरा की कहानी है. जानिए, आखिर क्यों बिछाया जाता है रेड कार्पेट और क्या है इसके पीछे का असली मतलब.

Authored By: Nishant Singh

Updated On: Saturday, November 1, 2025

Red Carpet History Secrets: चमकती लाइटें, कैमरों की फ्लैश, और उनके बीच वो लाल कालीन… जिसे पार करते हुए जब कोई सितारा कदम रखता है, तो मानो ज़मीन भी ग्लैमर से जगमगा उठती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है – आख़िर इस ‘रेड कार्पेट’ की कहानी क्या है? क्यों हर बड़ा अवॉर्ड शो, फिल्म प्रीमियर या समारोह इस लाल कालीन के बिना अधूरा माना जाता है? आइए, जानते हैं उस राजसी परंपरा की पूरी कहानी, जिसने आम रास्ते को “स्टार वॉक” में बदल दिया.

रेड कार्पेट की जड़ें – प्राचीन ग्रीस से शुरुआत

रेड कार्पेट की कहानी कोई नई नहीं, बल्कि लगभग ढाई हजार साल पुरानी है. इसका पहला ज़िक्र 458 ईसा पूर्व के ग्रीक नाटक ‘अगामेम्नन’ में मिलता है, जिसमें राजा के स्वागत के लिए “लाल रंग की कढ़ाई वाला रास्ता” बिछाया गया था.
हालांकि कुछ इतिहासकार इसे बैंगनी रंग का बताते हैं, लेकिन अर्थ एक ही था – राजसी सम्मान और शक्ति का प्रतीक. उस समय बैंगनी और लाल रंग इतने दुर्लभ थे कि सिर्फ राजा-महाराजा ही इन्हें पहन या इस्तेमाल कर सकते थे. यानी लाल रास्ता हमेशा से “खास लोगों” के लिए आरक्षित था.

लाल रंग का मतलब – शक्ति, सम्मान और वैभव

रेड कार्पेट का रंग सिर्फ देखने में आकर्षक नहीं, बल्कि इसके पीछे गहरी मनोवैज्ञानिक और सांस्कृतिक वजहें हैं. प्राचीन काल में लाल रंग “जीवन शक्ति”, “युद्ध”, “धन”, “शक्ति” और “सम्मान” का प्रतीक माना जाता था. मध्यकाल में इसे ईसा मसीह के रक्त और साहस से भी जोड़ा गया. धीरे-धीरे, जब रेशम और ऊन को रंगने की तकनीक बढ़ी, तब 18वीं सदी तक लाल रंग राजसी पहचान बन गया. कोई भी बड़ा आयोजन हो राजाओं का दरबार, रानियों की एंट्री या अभिजात वर्ग के समारोह, सबमें लाल कालीन की परंपरा देखने को मिलती थी.

रेलवे से लेकर हवाई जहाज़ तक – ‘रेड कार्पेट ट्रीटमेंट’ की शुरुआत

रेड कार्पेट सिर्फ समारोहों तक सीमित नहीं रहा. 19वीं सदी में रेलवे कंपनियों ने इसे अपने वीआईपी यात्रियों के स्वागत में इस्तेमाल करना शुरू किया. ट्रेन की प्रथम श्रेणी में सवार होने वाले मेहमानों के लिए लाल कालीन बिछाया जाता था, ताकि उन्हें ‘राजसी अनुभव’ मिले. बाद में, 1950 के दशक में एयरलाइन्स ने भी इसे अपनाया. यूनाइटेड एयरलाइंस ने अपनी “Red Carpet Service” शुरू की, जहां यात्रियों का स्वागत उसी शाही अंदाज़ में किया जाता था. यानी अब लाल कालीन सिर्फ राजाओं का नहीं, बल्कि “अमीर यात्रियों का रास्ता” बन गया.

हॉलीवुड में पहली बार बिछा रेड कार्पेट – और बन गई परंपरा

1922 में थिएटर के दिग्गज सिड ग्राउमन ने पहली बार हॉलीवुड में ‘रॉबिन हुड’ फिल्म के प्रीमियर पर रेड कार्पेट बिछाया. यह कदम सिर्फ सजावट नहीं था, बल्कि एक रणनीति थी – ताकि फिल्मों को “कलात्मक और प्रतिष्ठित” दिखाया जा सके. धीरे-धीरे, यह चलन इतना लोकप्रिय हुआ कि ऑस्कर और गोल्डन ग्लोब्स जैसे समारोहों में रेड कार्पेट पर चलना खुद एक ‘इवेंट’ बन गया. 1961 में पहली बार टेलीविज़न पर रेड कार्पेट शो दिखाया गया, और तब से हर अवॉर्ड नाइट इसी चमक से शुरू होती है.

रेड कार्पेट और फैशन – एक चलता-फिरता ‘रनवे’

1990 के दशक में, रेड कार्पेट फैशन की दुनिया में सबसे बड़ा मंच बन गया. टीवी होस्ट जोन रिवर्स ने जब गोल्डन ग्लोब्स पर पूछा, “Who are you wearing?”, तो फैशन उद्योग में एक नया युग शुरू हुआ. ब्रांड्स ने इसे ‘विज्ञापन का सबसे खूबसूरत तरीका’ समझा. बड़े डिज़ाइनर अपने आउटफिट्स सेलिब्रिटीज़ को पहनाने लगे – ताकि कैमरों के सामने उनका नाम छा जाए. कहा जा सकता है कि रेड कार्पेट अब सिर्फ एक कालीन नहीं, बल्कि फैशन की सबसे चमकदार दीवार है.

रेड कार्पेट का भविष्य – ग्लैमर, संदेश और पहचान

आज रेड कार्पेट सिर्फ फैशन नहीं, बल्कि एक मैसेज प्लेटफॉर्म भी बन गया है. कई सितारे अब इसका इस्तेमाल अपने सामाजिक या राजनीतिक संदेश देने के लिए करते हैं – चाहे वो लैंगिक समानता की बात हो या पर्यावरण संरक्षण की. संभव है कि आने वाले समय में रेड कार्पेट डिजिटल और पर्यावरण-फ्रेंडली रूप ले ले, लेकिन इसका उद्देश्य वही रहेगा – “किसी खास व्यक्ति को, खास अंदाज़ में सम्मान देना.”

निष्कर्ष – लाल कालीन, शाही रास्ते से पब्लिक ग्लैमर तक

प्राचीन यूनान से लेकर हॉलीवुड तक, रेड कार्पेट ने समय के साथ अपनी पहचान बदली है. राजाओं का प्रतीक रहा यह लाल रास्ता आज सितारों, कलाकारों और नेताओं के सम्मान का मंच बन चुका है. यह सिर्फ एक कालीन नहीं – बल्कि सम्मान, आकर्षण और सपनों की चमक का प्रतीक है. और शायद इसी वजह से, हर बड़ा इवेंट तब तक अधूरा लगता है…जब तक उस पर कोई सितारा रेड कार्पेट पर कदम नहीं रखता.

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About the Author: Nishant Singh
निशांत कुमार सिंह एक पैसनेट कंटेंट राइटर और डिजिटल मार्केटर हैं, जिन्हें पत्रकारिता और जनसंचार का गहरा अनुभव है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए आकर्षक आर्टिकल लिखने और कंटेंट को ऑप्टिमाइज़ करने में माहिर, निशांत हर लेख में क्रिएटिविटीऔर स्ट्रेटेजी लाते हैं। उनकी विशेषज्ञता SEO-फ्रेंडली और प्रभावशाली कंटेंट बनाने में है, जो दर्शकों से जुड़ता है।
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