भीषण गर्मी (Extreme Heat) में हीट वेव या लू (Heat Wave or Loo) के प्रभाव से कैसे बचें

भीषण गर्मी (Extreme Heat) में हीट वेव या लू (Heat Wave or Loo) के प्रभाव से कैसे बचें

Authored By: डॉ. डी.के. गुप्ता

Published On: Thursday, June 20, 2024

Last Updated On: Thursday, May 1, 2025

extreme heat in June
extreme heat in June

बुधवार यानी 19 जून की देर रात में पुरवा हवा चलने से गर्मी की तपिश में थोडी कमी आती दिख रही है, पर पिछले कुछ दिनों में दिल्ली और यूपी में गर्मी की तेज तपिश और लू ने पिछले कई दशकों का रिकॉर्ड तोड दिया। यहां तक की देर रात तक भी लू की तपिश लोगों को परेशान करती रही। ऐसे में लोग गर्मी और लू लगने से बीमार होने लगे। यूपी और दिल्ली में बडी संख्या में लोगों की गर्मी के चलते मृत्यु हो गई। ऐसे में विशेषज्ञ चिकित्सक बता रहे हैं, मानसून आने तक कैसे करें गर्मी से अपना बचाव...

Authored By: डॉ. डी.के. गुप्ता

Last Updated On: Thursday, May 1, 2025

इस लेख में:

गर्मी का कहर: तपिश ने ली सैकड़ों जानें, सावधानी जरूरी

  • गर्मियों में हीट स्ट्रोक बढ़ा, लोग गंभीर रूप से हो रहे बीमार
  • यूपी, राजस्थान, बिहार, दिल्ली जैसे राज्यों में लू/गर्मी से सैकडों लोगों की मृत्यु
  • तेज धूप और लू से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत

गर्मी से निपटने की चुनौती

गर्मी का मौसम अपने साथ तेज धूप, अत्यधिक तापमान और उमस लेकर आता है। यह स्वास्थ्य के लिए कई खतरे पैदा करता है, विशेष रूप से अगर हम सावधानी नहीं बरतते। इससे बचने के लिए निम्नलिखित बातें महत्वपूर्ण हैं:

  • पर्याप्त पानी पीना।
  • ठंडी जगह पर रहना।
  • हल्के और ढीले कपड़े पहनना।
  • अत्यधिक गर्मी में शारीरिक गतिविधि से बचना।

गर्मी में होने वाली प्रमुख बीमारियां

  • हीट स्ट्रोक
  • हीट एक्सॉर्शन (गर्मी से थकावट)
  • हीट क्रैम्प्स (गर्मी के कारण मांसपेशियों में ऐंठन)
  • हीट रैश (गर्मी के कारण त्वचा पर चकत्ते)
  • डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण)
  • फूड प्वाइजनिंग (खाद्य विषाक्तता)

हीट स्ट्रोक (Head Stroke) – गर्मी की सबसे गंभीर चुनौती

अगर किसी व्यक्ति को हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। यह गर्मी की सबसे गंभीर समस्या है, जिसमें शरीर का तापमान 104°F (40°C) या उससे अधिक हो सकता है। इसके लक्षण हैं:

  • सिरदर्द
  • चक्कर आना
  • त्वचा सूखी और गरम होना
  • उल्टी
  • भ्रम
  • बेहोशी

अत्यधिक गर्मी और उमस में लंबे समय तक बाहर रहना तथा शरीर का पानी और नमक संतुलन बिगड़ जाना इसके प्रमुख कारण हैं।

उपचार

  • तुरंत ठंडी जगह पर जाएं।
  • ठंडे पानी से स्नान करें या ठंडी पट्टियां लगाएं।
  • पर्याप्त पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन करें।

बचाव

  • गर्मी में बाहर निकलने से बचें, विशेषकर दोपहर के समय।
  • हल्के और ढीले कपड़े पहनें।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
  • छाते और टोपी का उपयोग करें।

हीट एक्ज़ॉर्शन (Head Exhaustion)- थकान का कारण

हीट एक्ज़ॉर्शन हीट स्ट्रोक से कम गंभीर होता है, लेकिन ध्यान न देने पर यह भी हीट स्ट्रोक में बदल सकता है। इसके लक्षण हैं:

  • भारी पसीना
  • कमजोरी
  • ठंडे और पसीने से भरे हाथ-पैर
  • मांसपेशियों में ऐंठन
  • थकान
  • सिरदर्द
  • चक्कर आना

लंबे समय तक गर्मी में शारीरिक श्रम और पानी तथा नमक की कमी इसके प्रमुख कारण हैं।

निवारण

  • ठंडी जगह पर आराम करें।
  • नमकयुक्त पेय या इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन करें।
  • शरीर को ठंडा रखने के उपाय करें।

बचाव

  • गर्मी में भारी शारीरिक कार्य से बचें।
  • नियमित रूप से पानी पिएं और नमक का संतुलन बनाए रखें।
  • शारीरिक गतिविधियों के दौरान नियमित अंतराल पर आराम करें।

हीट क्रैम्प्स (Heat Cramps) – गर्मी के कारण मांसपेशियों में ऐंठन

यह भारी पसीना और शरीर में नमक तथा पानी की कमी के कारण होता है। इसके लक्षण हैं:

  • पसीना।
  • मांसपेशियों में ऐंठन, विशेषकर पेट, हाथों और पैरों में।

भारी शारीरिक कार्य और अत्यधिक पसीना आना तथा शरीर में नमक और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी इसके प्रमुख कारण हैं।

निवारण

  • प्रभावित मांसपेशियों को आराम दें।
  • नमकयुक्त पेय या इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन करें।
  • हल्की मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग करें।

बचाव

  • शारीरिक कार्य करते समय पर्याप्त पानी और नमक का सेवन करें।
  • नियमित रूप से ब्रेक लें और शरीर को ठंडा रखें।

हीट रैश (Heat Rash) – गर्मी के कारण त्वचा पर चकत्ते

यह तब होता है जब पसीने की ग्रंथियां ब्लॉक हो जाती हैं और पसीना त्वचा के नीचे फंस जाता है। इसके लक्षण हैं:

  • लाल, छोटे, खुजली वाले चकत्ते।
  • ये अक्सर गर्दन, ऊपरी छाती और कोहनियों के मोड़ पर होते हैं।

पसीने की ग्रंथियां ब्लॉक हो जाना और पसीना त्वचा के नीचे फंसना तथा उमस भरे वातावरण में रहना इसके प्रमुख कारण हैं।

निवारण

  • प्रभावित क्षेत्र को ठंडे पानी से धोएं।
  • सूती कपड़े पहनें और त्वचा को सूखा रखें।
  • कैलेमाइन लोशन का उपयोग करें।

बचाव

  • उमस भरे वातावरण में रहने से बचें।
  • नियमित रूप से नहाएं और त्वचा को सूखा रखें।
  • हल्के और ढीले कपड़े पहनें।

डिहाइड्रेशन (Dehydration) – शरीर में पानी की कमी

डिहाइड्रेशन के कारण होने वाले लक्षण हैं:

  • अत्यधिक प्यास।
  • मुंह का सूखना।
  • कम पेशाब आना।
  • थकान।
  • चक्कर आना।

पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन न करना और अत्यधिक पसीना आना इसके मुख्य कारण हैं।

निवारण

  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
  • इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन करें।

बचाव

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  • हमेशा पानी की बोतल साथ रखें।
  • कैफीन और शराब से बचें, क्योंकि ये शरीर को डिहाइड्रेट करते हैं।

फूड प्वाइजनिंग (Food Poisoning) – दूषित भोजन से बचें

फूड प्वाइजनिंग के लक्षण हैं:

  • उल्टी।
  • दस्त ।
  • पेट दर्द।
  • बुखार।

दूषित भोजन और पानी का सेवन तथा खराब स्वच्छता इसके प्रमुख कारण हैं।

निवारण

  • ताजे और साफ भोजन का सेवन करें।
  • स्वच्छ पानी पिएं।
  • खाने से पहले और बाद में हाथ धोएं।
  • सड़क किनारे के खाद्य पदार्थों से बचें।

गर्मी के मौसम का आनंद लेने के लिए जरूरी है कि आप अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें और इन साधारण सावधानियों का पालन करें। इससे आप गर्मी की बीमारियों से बचे रहेंगे और स्वस्थ रहेंगे।

गर्मी में बीमारियों से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

  • पर्याप्त पानी पिएं: यह डिहाइड्रेशन से बचने के लिए सबसे आवश्यक है।
  • हल्के और ढीले कपड़े पहनें: इससे शरीर को ठंडा रखने में मदद मिलेगी।
  • छायादार स्थान पर रहें: विशेषकर जब तापमान अत्यधिक हो।
  • बिना आवश्यकता के बाहर न निकलें: दोपहर के समय विशेष रूप से।
  • स्वास्थ्यकर भोजन करें: ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें।
  • शारीरिक गतिविधियों में सावधानी बरतें: गर्मी में भारी श्रम से बचें।
चेयरमैन, फेलिक्स हॉस्पिटल, नोएडा
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